यूपी के इस शहर में डेढ़ बीघा के पोखरे की लगी 45 लाख की बोली, तहसीलदार ने रोकी नीलामी; वजह जानकर हो जाएंगे हैरान
उत्तर प्रदेश के बांसगांव में मत्स्य पालन के लिए पोखरे की नीलामी में एक बोली 45 लाख रुपये तक पहुंचने पर तहसीलदार ने नीलामी रोक दी। बोली लगाने वालों की संपत्ति की जांच के आदेश दिए गए हैं। देवड़ार खुर्द गांव के पोखरे की नीलामी अब 10 जून को होगी। इस दौरान बोलीदाताओं की आर्थिक स्थिति का आकलन किया जाएगा।

जागरण संवाददाता, बांसगांव। मत्स्य पालन के लिए गुरुवार को तहसील में आयोजित पट्टा/नीलामी के दौरान एक गांव के डेढ़ बीघा क्षेत्रफल के पोखरे की बोली 45 लाख रुपये पहुंची तो अधिकारी चौक गए। नीलामी अधिकारी ने इस पोखरे की नीलामी रोकते हुए अगली तिथि 10 जून तय की है। इस अवधि में बोली लगाने वाले दो लोगों के संपत्तियों की जांच कराई जाएगी।
तहसील के 29 पोखरों की नीलामी के लिए गुरुवार को तिथि निर्धारित की गई थी। नीलामी अधिकारी तहसीलदार वृजमोहन शुक्ला की उपस्थित में नीलामी शुरू हुई। इस दौरान देवड़ार खुर्द गांव के पोखरा संख्या 15 ख रकबा डेढ़ बीघा की नीलामी में गांव की रेखा साहनी पत्नी मुन्ना साहनी ने अंतिम बोली 4 लाख रुपये वार्षिक यानी 10 साल के लिए 40 लाख रुपये लगाईं।
वहीं, गांव के दिनेश साहनी ने अंतिम बोली 4.50 लाख रुपये वार्षिक लगाई। इस हिसाब से 10 साल के 45 लाख रुपये हुए। इतनी ऊंची बोली देखकर तहसीलदार चौक पड़े। उन्होंने इस पोखरे की नीलामी को स्थगित कर इसके लिए अगली तिथि तय कर दी।
मत्स्य पालन के लिए तालाब की नीलामी। जागरण
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तहसीलदार ने बताया कि इस अवधि में दोनों के संपत्ति की जांच कराई जाएगी। देखा जाएगा कि वास्तव में बोली लगाने वालों की आर्थिक स्थिति ऐसी है कि वह नीलामी की स्वीकृति के बाद वार्षिक लगान जमा कर पाएंगे।
राजस्व निरीक्षक कार्यालय सूर्य नारायण पाठक ने बताया कि नीलामी में शामिल 29 पोखरों में से 17 के नीलामी की प्रक्रिया पूरी कर ली गई। आठ पोखरे के लिए किसी ने आवेदन नहीं किया था। चार पोखरों के लिए आवेदकों की मांग पर अगली नीलामी तिथि 10 जून निर्धारित की गई है।
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