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    डिजिटल लत पर लगेगा लगाम, सीएम की पहल से होगा छात्रों का सर्वांगीण विकास

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 11:43 AM (IST)

    गोरखपुर में डिजिटल लत पर लगाम लगाने के लिए मुख्यमंत्री ने पहल की है। इस पहल का उद्देश्य छात्रों का सर्वांगीण विकास करना है। यह कार्यक्रम छात्रों को डि ...और पढ़ें

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    विद्यालयों में पठन संस्कृति को बढ़ावा देने की योगी सरकार की नायाब पहल। जागरण

    जागरण संवाददाता, गोरखपुर। आज के डिजिटल युग में जहां बच्चे मोबाइल की दुनिया में अधिक उलझते जा रहे हैं, वहीं प्रदेश सरकार द्वारा विद्यालयों में पुस्तकों के पठन-पाठन व समाचार पत्र वाचन को बढ़ावा देने की पहल एक सकारात्मक व दूरदर्शी कदम साबित होगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के निर्देश पर विद्यालयों में समाचार पत्रों की नियमित उपलब्धता और प्रार्थना सभा के दौरान समाचार वाचन जैसी गतिविधियां छात्रों को समसामयिक घटनाओं से जोड़ने का सशक्त माध्यम बनेगी।

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    इससे न केवल विद्यार्थियों की शब्दावली, भाषा और वर्तनी में सुधार होगा, बल्कि उनकी तार्किक सोच, अभिव्यक्ति क्षमता और सामाजिक समझ भी विकसित होगी। शिक्षकों, प्रबंधकों और अभिभावकों का मानना है कि यह पहल बच्चों को मोबाइल की लत से दूर कर पठन संस्कृति की ओर प्रेरित करेगी। आज के दौर में समाचार पत्र और पुस्तकों का अध्ययन छात्रों को जागरूक, आत्मनिर्भर और विवेकशील नागरिक बनाने में मील का पत्थर साबित होगा।

    आजकल बच्चों को मोबाइल की एक बुरी लत लग चुकी है। ऐसे में छात्र यदि नियमित समाचार पत्र पढ़ते हैं तो, उनकी शब्दकोश समृद्ध होगा। शब्दों की संख्या बढ़ेगी और वर्तनी शुद्ध होगी। पिछले सप्ताह अपर मुख्य सचिव का जनपद में दौरा हुआ था, जिसमें उन्होंने कई विद्यालयों की लाइब्रेरी का निरीक्षण किया। उन्होंने लाइब्रेरी में समाचार पत्र की उपलब्धता पर विद्यालय की सराहना करते हुए सभी शिक्षकों का उत्साहवर्धन किया था और अनिवार्य रूप से इसकी उपलब्धता सुनिश्चित कराने को कहा था। इसी क्रम में मुख्यमंत्री की यह पहल बच्चों के बौद्धिक विकास में मील का पत्थर साबित होगी। -डा.विश्व प्रकाश सिंह, प्रधानाचार्य, पीएमश्री राजकीय जुबिली इंटर कालेज

    विद्यालयों में विद्यार्थियों केे समाचार पत्र पढ़ना अनिवार्य किए जाने को लेकर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की पहल सराहनीय व प्रशंसनीय है। इससे छात्रों को वर्तमान परिवेश से जुड़ने में मदद मिलेगी। प्रार्थना के बाद समाचार वाचन से बच्चे देश-विदेश की घटनाओं से परिचित होंगे और इसके माध्यम से उनके अंदर बेहतर सूचना प्राप्त करने की ललक बढ़ेगी। वाचनालय में सभी हिंदी एवं अंग्रेजी समाचार पत्र तथा हमारे इतिहास एवं सनातन संस्कारों से संबंधित पुस्तकों को रखा जाना चाहिए। समाचार पत्र और किताबें पढ़ने से छात्रों में ज्ञान के दायरे का विस्तार होगा। साथ ही सामाजिक परिवेश को समझने में सुलभता होगी।
    -मंकेश्वर नाथ पांडेय, प्रबंधक एमजी इंटर कालेज

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    विद्यार्थियों की पढ़ने में अभिरुचि विकसित करने एवं मोबाइल देखने की अभिरुचि कम करने के लिए जो सरकार ने जो दिशा-निर्देश दिया है वह विद्यार्थियों की दिशा और दशा बदलने में मददगार साबित होगा। इस रीडिंग कैंपेन में पुस्तकों के साथ-साथ समाचार पत्र पढ़ने से विद्यार्थियों का निश्चित तौर से चतुर्दिक विकास होगा। बच्चे आत्मनिर्भर बन सकेंगे। इंटरनेट मीडिया के फेक न्यूज के दौर में इस पठन संस्कृति से विद्यार्थी जागरूक बन सकेंगे और उनमें सही एवं गलत में भेद करने की समझ विकसित होगी। साथ ही विद्यार्थियों के भाषा में सुधार, तार्किक विकास, सामुदायिक सहभागिता में वृद्धि, जागरूकता, प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने में मदद मिलेगी। -इंदू गिरि, प्रधानाचार्य, पीएमश्री एडी राजकीय कन्या इंटर कालेज

    सीएम योगी की यह पहल छात्रों में ज्ञान के स्तर को बढ़ाएगी। कमजोर और कम पढ़ने वाले बच्चे भी समसामयिक जानकारी से समृद्ध होंगे। मोबाइल विद्यालयों में पूर्णतया बंद होना चाहिए, ताकि बच्चे किताब व समाचार पत्रों पर अपना ध्यान अधिक केंद्रित कर सकें। छात्रों का अगर सर्वांगीण विकास करना है तो उनकी तार्किक क्षमता, बौद्धिक क्षमता और अभिव्यक्ति की क्षमता मजबूत होनी चाहिए। सरकार के इस आदेश का विद्यालयों में अगर अनुपालन कराया जाए तो छात्रों के व्यक्तित्व में गुणात्मक सुधार होगा और वे पढ़ने के लिए प्रेरित होंगे।-रेनू श्रीवास्तव, अभिभावक