गोरखपुर-बस्ती मंडल की सियासी बिसात पर देखनी होगी 'हाथी' की चाल, नौ में से छह सीटों पर बसपा ने साफ नहीं की तस्वीर
UP Lok Sabha Election गोरखपुर-बस्ती मंडल में महराजगंज देवरिया सलेमपुर कुशीनगर संतकबीरनगर और बांसगांव में राजनीतिक समीकरण किसके अनुकूल होंगे यह सियासी बिसात पर ‘हाथी’ की चाल देखने के बाद ही तय होगा। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा में एका थी। सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी हर सीट पर दूसरे स्थान पर रहे थे और भाजपा ने क्लीनस्वीप किया था।
आशुतोष मिश्र, जागरण गोरखपुर। भाजपा और सपा-कांग्रेस ने गोरखपुर-बस्ती मंडल की सभी लोकसभा सीटों पर अपने प्रत्याशी घोषित कर दिए हैं। लोकसभा का रण जीतने के लिए इनके सूरमा मैदान भी सजाने लगे हैं। लेकिन इधर की नौ में से छह सीटों पर बसपा ने अब तक तस्वीर साफ नहीं की है।
महराजगंज, देवरिया, सलेमपुर, कुशीनगर, संतकबीरनगर और बांसगांव में राजनीतिक समीकरण किसके अनुकूल होंगे, यह सियासी बिसात पर ‘हाथी’ की चाल देखने के बाद ही तय होगा। पिछले लोकसभा चुनाव में बसपा और सपा में एका थी।
इसे भी पढ़ें- यूपी बोर्ड की हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की कापियों का परीक्षण पूरा, जानिए कब तक आ सकता है परिणाम
गठबंधन के चलते बसपा के हिस्से सलेमपुर, बांसगांव, देवरिया, संतकबीरनगर, डुमरियागंज और बस्ती सीट आई थी। सपा ने गोरखपुर, महराजगंज और कुशीनगर से ताल ठोकी थी। सपा-बसपा गठबंधन के प्रत्याशी हर सीट पर दूसरे स्थान पर रहे थे और भाजपा ने क्लीनस्वीप किया था।
इस बार सपा-कांग्रेस में गठबंधन है। कांग्रेस ने देवरिया, बांसगांव और महराजगंज सीट पर अपने प्रत्याशी उतारे हैं। वहीं, सपा अन्य छह सीटों पर लड़ रही है।
बसपा पिछले चुनाव में गोरखपुर-बस्ती मंडल की जिन सीटों पर लड़ी थी उनमें से डुमरियागंज को छोड़ किसी भी सीट पर प्रत्याशी घोषित नहीं किया है। गोरखपुर, डुमरियागंज और बस्ती में प्रत्याशी उतार चुकी बसपा ने टिकट वितरण में सोशल इंजीनियरिंग का बखूबी ध्यान रखा है।
इसे भी पढ़ें- यूपी के इस शहर में बिजली विभाग ने बदली व्यवस्था, अब दो महीने में मिलेगा बिल
देर आए दुरुस्त आए
हर बार टिकट देने में आगे रहने वाली बसपा की रणनीति इस बार अलग है। टिकट वितरण में विलंब के तथाकथित नुकसान को नजरअंदाज कर उसकी कोशिश सोशल इंजीनियरिंग के दम पर अप्रत्याशित परिणाम पाने की है। अब तक घोषित हुए प्रत्याशियों पर नजर डालें तो रणनीति देर आए दुरुस्त आए वाली लगती है।
अच्छी खासी है काडर वोटों की संख्या
गोरखपुर-बस्ती मंडल में बसपा के काडर वोटों की संख्या अच्छी खासी है। इसी का परिणाम रहा कि जब पिछले चुनाव में सपा-बसपा का गठबंधन हुआ तो बसपा के हिस्से यहां की नौ में से छह सीटें आईं। इन्हीं काडर वोटरों के साथ सोशल इंजीनियरिंग को साधने वाला ‘महावत’ तलाशकर “हाथी” की कोशिश इस बार सियासी बाजी जीतने की है।