साइबर अपराधियों से सावधान! बोर्ड परीक्षाओं में प्रश्न पत्र के नाम पर हो रही जालसाजी, ऐसे बचे छात्र
साइबर अपराधी प्रश्न पत्र (माडल क्वेश्चन पेपर) उपलब्ध कराने का झांसा देकर जालसाजी कर रहे हैं। शिक्षा विभाग और पुलिस अधिकारी छात्रों को साइबर जालसाजी से बचने के लिए सतर्क कर रहे हैं। किसी भी अंजान लिंक पर क्लिक न करें और परीक्षा से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए अपने स्कूल के शिक्षकों या संबंधित बोर्ड की अधिकृत वेबसाइट से संपर्क करें।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। बोर्ड परीक्षाओं में पास कराने के नाम पर ठगी करने वाले साइबर अपराधियों ने अपना तौर तरीका बदल दिया है। अब वे परीक्षाओं के पहले प्रारूप प्रश्न (माडल क्वेश्चन पेपर) उपलब्ध कराने के बहाने जालसाजी करने लगे हैं। ऐसे में बोर्ड परीक्षा की तैयारी कर रहे विद्यार्थी उनके झांसे में आकर नुकसान उठा सकते हैं।
विद्यार्थियों को साइबर जालसाजी से बचाने के लिए शिक्षा विभाग और पुलिस के अधिकारी सतर्क कर रहे हैं। अपराध शाखा में तैनात विशेषज्ञ का कहना है कि अचानक फोन करके या मैसेज भेजकर प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने का झांसा देने वालों के चक्कर में न पड़ें। उनके द्वारा भेजे गए किसी अंजान लिंक को कतई क्लिक न करें। परीक्षा से संबंधित समस्याओं के समाधान के लिए अपने स्कूल के शिक्षकों, संबंधित बोर्ड की अधिकृत वेबसाइट पर ही संपर्क करें।
फरवरी माह में बोर्ड परीक्षाओं का दबाव हाई स्कूल और इंटर के विद्यार्थियों पर रहेगा। 15 फरवरी से केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड की परीक्षाएं शुरू हो जाएंगी। यूपी बोर्ड की परीक्षाएं 24 फरवरी से प्रारंभ होंगी। इस तरह की परीक्षाओं के समय साइबर अपराधी भी अपना जाल फैलाकर ठगी करते हैं।
साइबर ठगी से सावधान। जागरण
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ऐसे में परीक्षा के प्रश्नपत्र उपलब्ध कराने के नाम पर वह किसी विद्यार्थी या उनके अभिभावक को आसानी से अपना निशाना बना लेते हैं। अपराध शाखा स्थित साइबर सेल के विशेषज्ञ शशिशंकर राय और शशिकांत जायसवाल ने बताया कि हर परीक्षा में साइबर अपराधी अपनी सक्रियता दिखाते हैं।
वे कभी परीक्षा के गेस पेपर उपलब्ध कराने तो कभी अन्य तरह की मदद देने का झांसा देकर ठगी करते हैं। पूर्व में भी ऐसे मामले सामने आए हैं, जिनमें परीक्षा के दौरान छात्रों से ठगी की गई है। परीक्षा के बाद अंक बढ़वाने के नाम पर भी साइबर अपराधी तमाम लोगों से ठगी कर चुके हैं। इसलिए सतर्क रहकर ही इस तरह के अपराध से बचा जा सकता है।
बोर्ड परीक्षा के दौरान जालसाज सक्रिय हो जाते हैं। परीक्षा में पास कराने से लेकर प्रश्न पत्र उपलब्ध कराने तक का लालच देते हैं। इसके लिए वे पैसे की मांग भी करते हैं। परीक्षार्थियों को उनके झांसे में आने की जरूरत नहीं है। छात्र-छात्राएं सीबीएसई की अधिकारिक वेबसाइट देखते रहे और उसी के अनुसार निर्देश का अनुपालन सुनिश्चित करते रहे। -अजित दीक्षित, सिटी कोआर्डिनेटर, सीबीएसई
ये बरतें सावधानी
- किसी अंजान व्यक्ति का फोन आने पर अपनी कोई गोपनीय जानकारी न दें।
- पासवर्ड और ओटीपी (वन टाइम पासवर्ड) पूछने पर कतई न बताएं।
- गेस पेपर उपलब्ध कराने के लिए लिंक भेजने पर उसे क्लिक न करें।
- लिंक को क्लिक करने की बात कहकर साइबर अपराधी ठगी करते हैं।
- किसी के द्वारा भेजे गए एपीके (एंड्राइड एप्लीकेशन पैकेज) फाइल को डाउनलोड न करें।
- किसी तरह की साइबर जालसाजी होने पर हेल्प लाइन नंबर 1930 सूचना दें।
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साइबर अपराधियों के लिए परीक्षार्थी सबसे आसान टारगेट होते हैं। वे अक्सर ही परीक्षा के संबंधित महत्वपूर्ण प्रश्न, जानकारी, गेस पेपर इत्यादि उपलब्ध कराने के नाम पर ठगी करते हैं। इसलिए विद्यार्थी किसी लालच में न पड़ें। इंटरनेट मीडिया पर अत्यधिक नंबर दिलाने के दावे करने वाले या प्रश्न पत्र से संबंधित किसी भी लिंक, फाइल या वेबसाइट को क्लिक करने से बचें। -सुधीर जायसवाल, एसपी, क्राइम ब्रांच
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