Gorakhpur News: बीटेक पास चोर ने OLX पर बेचे चोरी के 55 मोबाइल फोन, मौज-मस्ती के चक्कर में पहुंचा जेल
गोरखपुर में जीआरपी ने तीन शातिर मोबाइल चोरों को गिरफ्तार किया है। ये ट्रेन और प्लेटफार्म पर यात्रियों के महंगे मोबाइल फोन उड़ाने के बाद उन्हें OLX पर बेचते थे। गिरोह का सरगना बीटेक पास है जो फर्जी कागजात बनाकर चार माह में चोरी के 55 मोबाइल फोन बेच चुका है। इनके पास से चोरी के सात मोबाइल फोन बरामद हुए हैं।

जागरण संवाददाता,गोरखपुर। जीआरपी (राजकीय रेलवे पुलिस) ने शनिवार को तीन शातिर मोबाइल चोरों को पकड़ा, ये ट्रेन और प्लेटफार्म पर यात्रियों के महंगे मोबाइल फोन उड़ाने के बाद इसे ओएलएक्स पर बेचते थे। रेलवे स्टेशन के गेट नंबर पांच के पास पकड़े गए आरोपितों के कब्जे से चोरी के सात मोबाइल फोन बरामद हुए, जिसकी कीमत करीब 70 हजार रुपये बताई जा रही है। पूछताछ व जांच में पता चला कि गिरोह का सरगना बीटेक पास है, जो फर्जी कागजात बनाकर चार माह में चोरी के 55 मोबाइल फोन बेच चुका है।
जीआरपी थाना प्रभारी विजय प्रताप सिंह ने बताया कि इन तीनों की पहचान तिवारीपुर के बड़े काजीपुर मोहल्ले में रहने वाले करन वर्मा, सागर कुशवाहा और अलवापुर के अनिल कुमार के रूप में हुई है। इस गिरोह का मास्टरमाइंड बीटेक की पढ़ाई करने वाला करन वर्मा जो चोरी के मोबाइल फोन को ओएलएक्स पर बेचकर अच्छी खासी रकम कमा रहा था।
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पूछताछ व जांच में यह सामने आया कि करन ने ओएलएक्स पर अब तक चोरी के 55 मोबाइल फोन बेचे हैं, जिनमें से चार मोबाइल बरामद किया गया है। तीन से चार हजार रुपये में करन चोरी का मोबाइल फोन खरीदता था जिसका फर्जी रसीद बनाकर ओएलएक्स पर 10 से 11 हजार रुपये में बेच देता था।
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पुलिस के खुलासे से हर कोई हैरान। जागरण
कैंट क्षेत्र में है कपड़े की दुकान :
पुलिस पूछताछ में करन ने खुलासा किया कि कैंट क्षेत्र में उसकी कपड़ों की दुकान है, जहां उसका साथी सागर कुशवाहा काम करता है। करन ने बताया कि वह अपने साथी सागर के साथ मिलकर अनिल भारती से चोरी के मोबाइल फोन खरीदता था। उसने यह भी बताया कि सितंबर 2024 से इस धंधे में संलिप्त था। करन के पास मोबाइल रिपेयरिंग का कौशल भी था, जिससे वह चोरी के फोन को सही करके बेचता था।
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मस्ती और मौज के लिए करते थे वारदात :
यह सब जानकर इंस्पेक्टर विजय कुमार ने बताया कि इन चोरों का मुख्य उद्देश्य चोरी से मिले पैसे से मौज मस्ती करना था। खासकर करन, जो सबसे ज्यादा पढ़ा-लिखा था, उसने यह काम किया था ताकि वह अपनी महिला मित्र के साथ घूमने फिरने में पैसे खर्च कर सके। चोरी किए गए मोबाइलों को बेचने के बाद मिले रुपये को आरोपित आपस में बांटने के साथ ही अपने खर्चे पूरे करते थे।

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