UP News: ऑपरेशन न कर पाने से दुखी गोरखपुर AIIMS के न्यूरो सर्जन ने दिया इस्तीफा, बोले-नहीं मिल रहा था मौका
उत्तर प्रदेश में एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। यहां एम्स गोरखपुर के एकमात्र न्यूरो सर्जन डॉ. राहुल गुप्ता ने ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थियेटर और एनेस्थीसिया के डॉक्टरों की कमी से परेशान होकर इस्तीफा दे दिया है। उनके इस्तीफे से एम्स को बड़ा झटका लगा है। अब सिर में चोट और नसों से जुड़े रोगियों को बाबा राघवदास मेडिकल कॉलेज रेफर करना पड़ेगा।

जागरण संवाददाता, गोरखपुर। ऑपरेशन के लिए ऑपरेशन थियेटर (ओटी) न मिलने और ओटी मिलने पर एनेस्थीसिया के डाक्टर न मिलने से दुखी एम्स गोरखपुर के एकमात्र न्यूरो सर्जन डा. राहुल गुप्ता ने इस्तीफा दे दिया है। इस्तीफा का नोटिस उन्होंने एक जनवरी को दिया।
31 जनवरी को नोटिस का समयसीमा खत्म होने के बाद वह एम्स में नहीं आएंगे। यह एम्स के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। किसी तरह न्यूरो सर्जन की कमी पूरी हुई थी लेकिन अब इस्तीफा के बाद सिर में चोट व नसों से जुड़े रोगियों को बाबा राघवदास मेडिकल में ही भेजना पड़ेगा।
डा. राहुल गुप्ता ने 27 जुलाई 2023 को एम्स गोरखपुर में न्यूरो सर्जन के रूप में कार्यभार ग्रहण किया था। उस समय एम्स गोरखपुर में सिर में चोट या नस में कोई दिक्कत होने पर उपचार के लिए आने वाले रोगियों को बाबा राघवदास मेडिकल कालेज रेफर कर दिया जाता था।
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डा. राहुल गुप्ता के आने के बाद एम्स में न्यूरो विभाग की ओपीडी शुरू हो गई। उनको तीन दिन (मंगलवार, गुरुवार व शुक्रवार) ओपीडी दी गई। सोमवार को उनको ओटी मिलती है। उनको आधे दिन की ओटी मिलती है। इसके बाद आधा दिन दूसरे विभाग के डाक्टर ओटी का इस्तेमाल करते हैं।
यही वजह है कि डेढ़ वर्ष में वह सिर्फ 90 ऑपरेशन ही कर सके हैं। सिर में चोट और नसों से जुड़े ऑपरेशन में निजी अस्पतालों में लाखों रुपये खर्च होते हैं। एम्स गोरखपुर में कुछ हजार रुपये में आपरेशन हो जाता है।
गोरखपुर एम्स। जागरण
एनेस्थीसिया के डाक्टर नहीं कर रहे सहयोग
सूत्रों का कहना है कि एम्स गोरखपुर में एनेस्थीसिया विभाग के डाक्टर न्यूरो सर्जन का सहयोग नहीं कर रहे हैं। आपरेशन के लिए रोगी को रात में तैयार करने के बाद सुबह ओटी में ले जाया जाता तो पता चलता है कि एनेस्थीसिया विभाग के डाक्टर अचानक अवकाश पर चले गए हैं। रात भर भूखे रहने के बाद सुबह आपरेशन न होने की जानकारी रोगी के स्वजन को होती तो वह नाराजगी जताते। कई रोगी अगले सप्ताह आपरेशन होने की संभावना में रुक जाते लेकिन फिर वही समस्या सामने आती।
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चार सौ से ज्यादा रोगी हो चुके हैं रेफर
एम्स में हर महीने तकरीबन तीन हजार रोगी न्यूरो सर्जरी विभाग में पहुंचते हैं। इनमें से कई को आपरेशन की जरूरत होती है। इसके अलावा इमरजेंसी में आने वाले रोगियों का तत्काल आपरेशन होना जरूरी होता है लेकिन ऐसे रोगियों को भी वापस करना पड़ता है। अब तक चार सौ से ज्यादा रोगी वापस हो चुके हैं।
अक्टूबर में आए हैं न्यूरोलाजिस्ट
एम्स गोरखपुर में न्यूरोलाजिस्ट डा. आशुतोष तिवारी ने नौ अक्टूबर 2024 को कार्यभार ग्रहण किया है। वह नसों की समस्या से जूझ रहे रोगियों का परीक्षण कर परामर्श देते हैं लेकिन आपरेशन का जिम्मा डा. राहुल गुप्ता पर ही है। डा. राहुल गुप्ता के न होने से रोगियों को दिक्कतों का सामना करना पड़ेगा।
डा. राहुल गुप्ता ने इस्तीफा का नोटिस दिया है। अभी उनका इस्तीफा स्वीकार नहीं किया गया है।-डा. अरूप मोहंती, मीडिया प्रभारी, एम्स गोरखपुर
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