गोंडा में 20 दिन से अनुपस्थित लेखपाल पर गिरी गाज, SDM सदर ने सस्पेंड कर विभागीय जांच के दिए आदेश
एसडीएम सदर ने तहसीलदार की रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए बिना सूचना के 20 दिन से अनुपस्थित लेखपाल गिरीश चंद्र सोनकर को निलंबित कर दिया है। उन पर ड्यूटी में लापरवाही का आरोप है। मामले की जांच नायब तहसीलदार को सौंपी गई है। निलंबन अवधि में उन्हें रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय से संबद्ध किया गया है और मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगा दी गई है।

संवाद सूत्र, झंझरी (गोंडा)। बिना सूचना कार्यालय से अनुपस्थित चल रहे लेखपाल गिरीश चंद्र सोनकर को एसडीएम ने निलंबित कर दिया है। आरोप है कि सदर तहसील में तैनात लेखपाल बिना किसी सूचना के गत 20 दिन से गैर हाजिर चल रहे हैं। वह चार सितंबर को कार्यालय गए थे और उपस्थिति रजिस्टर पर हस्ताक्षर बनाकर चले गए। तब से वह वापस लौटकर कार्यालय नहीं आए। इसे ड्यूटी में लापरवाही मानते हुए तहसीलदार की रिपोर्ट पर मंगलवार को उन्हे निलंबित कर दिया गया। मामले की जांच नायब तहसीलदार को सौंपी गई है।
एसडीएम सदर अशोक कुमार गुप्ता के मुताबिक सदर तहसीलदार ने उन्हे 12 सितंबर को रिपोर्ट भेजी थी कि सदर तहसील में तैनात लेखपाल गिरीश चंद्र सोनकर को आपदा कार्यालय से संबद्ध किया गया था। तीन सितंबर को छुट्टी लेकर लखनऊ गए थे। वह चार सितंबर को कार्यालय आए और हस्ताक्षर बनाकर चले गए। इसके बाद से वह बिना किसी सूचना के अनुपस्थित चल रहे हैं।
उनकी अनुपस्थिति के कारण आपदा से संबंधित सूचनाएं नहीं मिल पा रही है। उनका मोबाइल भी बंद है। तहसीलदार ने लेखपाल के इस कृत्य को कर्तव्यों के प्रति घोर लापरवाही एवं उदासीनता का प्रतीक तथा कर्मचारी आचरण नियमावली का उल्लंघन बताते हुए अपनी रिपोर्ट एसडीएम को भेजी थी।
बिना अनुमति मुख्यालय छोड़ने पर रोक
एसडीएम ने बताया कि निलंबन अवधि में लेखपाल गिरीश चंद्र सोनकर को रजिस्ट्रार कानूनगो कार्यालय से संबद्ध किया गया है। साथ ही बिना अनुमति उनके मुख्यालय छोड़ने पर रोक लगा दी गयी है। प्रकरण की जांच नायब तहसीलदार सदर को सौंपी गई है और विस्तृत रिपोर्ट मांगी गई है।
मोहम्मद अकलीम को मिला चार्ज
लेखपाल गिरीश चंद्र सोनकर के निलंबन के बाद आपदा का चार्ज राजस्व निरीक्षक मोहम्मद अकलीम को दिया गया है। एसडीएम ने नायब तहसीलदार सदर को निर्देशित किया है कि दैवीय आपदा संबंधी समस्त चार्ज अपनी देख-रेख में राजस्व निरीक्षक मोहम्मद अकलीम को तत्काल हस्तगत करायें, जिससे दैवीय आपदा संबंधी कार्य में कोई परेशानी न हो।
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