Digital Arrest: रेशम विभाग के डिप्टी डायरेक्टर को 17 दिन रखा डिजिटल अरेस्ट, ठगे 78 लाख रुपये
रेशम विभाग के उप निदेशक को डिजिटल अरेस्ट कर 78 लाख 80 हजार रुपये की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। 17 से अधिक दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद सोमवार को उप निदेशक ने पुलिस से शिकायत की। साइबर सेल ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया है। कार्रवाई की जा रही है।

जागरण संवाददाता, गोंडा। रेशम विभाग के उप निदेशक रामानंद मल्ल को डिजिटल अरेस्ट कर 78 लाख 80 हजार रुपये की ठगी किए जाने का मामला सामने आया है। 17 से अधिक दिनों तक डिजिटल अरेस्ट रहने के बाद सोमवार को उप निदेशक ने पुलिस से शिकायत की। साइबर सेल ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
रामानंद मल्ल ने शिकायती पत्र में कहा है कि 15 जनवरी को उनके मोबाइल फोन पर कॉल कर बताया गया कि उनके आधार कार्ड से 29 दिसंबर 2024 को दिल्ली से सिम प्राप्त किया गया है। उस फोन नंबर से अवैधानिक कार्य जैसे-पैसे मांगना, वीडियो बनाना, एमएमएस का कार्य हुआ है।
फोन पर कही गई ये बातें
फोन करने वाले ने बताया कि द्वारिकापुरी पुलिस स्टेशन नई दिल्ली के हेडक्वार्टर से आपको कनेक्ट किया जा रहा है। पुलिस हेडक्वार्टर द्वारिकापुर के आईपीएस अधिकारी से बातचीत कराई गई, जिनके द्वारा बताया गया कि अशोक गुप्ता ने नई दिल्ली में एचडीएफसी बैंक में खाता खोला गया था। इस खाते में 68 करोड़ का मनी लॉन्डिंग, ड्रग स्मगलिंग और पैसे का लेन देन हुआ है। नई दिल्ली आकर जमानत कराने की बात कही गई।
78 लाख 80 हजार रुपये ठगे
इसके बाद प्रापर्टी, नौकरी व पैसे के लेनदेन के फ्लो की जांच के लिए अलग-अलग दिनों में 78 लाख 80 हजार रुपये लिया गया। बैंक से ऋण, मित्रों से उधार व जमीन बेचकर धनराशि जमा करनी पड़ी। दो लाख रुपये की अतिरिक्त मांग की जा रही है। एसपी विनीत जायसवाल ने बताया कि मुकदमा दर्ज किया गया है। कहीं भी रुपये भेजने से पहले एक बार जांच कर लें। आरोपितों के विरुद्ध कार्रवाई का निर्देश दिया गया है।
साइबर अपराध से कैसे बचें?
उधर, खरगूपुर थाना में साइबर कवच अभियान के तहत गोष्ठी आयोजित की गई। प्रधान, संभ्रांत नागरिक व व्यापार मंडल के पदाधिकारियों को साइबर अपराध से बचाव का तरीका बताया गया। ऑनलाइन लेनदेन में सावधानी बरतने के साथ ही अनजान व्यक्ति से बैंक का विवरण न साझा करने की सीख दी गई।
पुलिस अधीक्षक विनीत जायसवाल ने साइबर अपराध के प्रकार व बचाव के बारे बताया। कहा कि इंटरनेट का सही प्रयोग कर साइबर अपराध से बचा जा सकता है। ऑनलाइन खातों के लिए मजबूत पासवर्ड बनाएं। सोशल मीडिया के विभिन्न प्लेटफॉर्म व्यक्तिगत जानकारी सार्वजनिक न करें, इससे कोई भी व्यक्ति आसानी से आपकी जानकारी का इस्तेमाल कर दुरूपयोग कर सकता है।
उन्होंने कहा कि एप डाउनलोड करने से पहले प्राइवेसी संबंधी विकल्प का भली प्रकार अवलोकन करें, उसके बाद ही सहमति/असहमति की प्रक्रिया पूर्ण करें। लॉटरी लगने की कॉल करने वालों को बैंक संबंधी विवरण न दें। बीमा कंपनी, नौकरी के नाम से काल किये जाने पर बिना सत्यापन किए रुपये व अन्य कोई जानकारी न दे। एसपी ने डिजिटल अरेस्ट के विषय में जागरूक किया। साइबर ठगी होने पर साइबर सेल या 1930 पर कॉल कर पूरी जानकारी दें।
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