साइबर ठग ने न्यायिक अधिकारी को किया फोन, बोला- हाईकोर्ट से बोल रहा हूं..., क्या हुआ फिर?
यूपी के बदायूं में न्यायिक अधिकारी के मोबाइल नंबर पर एक कॉल आई। कॉल करने वाले ने परिचय देते हुए बताया कि वह उच्च न्यायालय प्रयागराज से न्यायमूर्ति मनोज कुमार गुप्ता बोल रहे हैं। इस पर न्यायिक अधिकारी को कुछ शक हुआ तो उन्होंने तुरंत उच्च न्यायालय से जानकारी जुटाई। पता चला कि न्यायमूर्ति ने कोई कॉल की ही नहीं थी।
जागरण संवाददाता, बदायूं। साइबर ठग किसी न किसी को शिकार बना रहे हैं। अब उन्होंने जिले में कार्यरत एक न्यायिक अधिकारी को निशाना बनाने का प्रयास किया, लेकिन वह उसका इरादा समझ गए और कॉल को समाप्त कर दी। न्यायिक अधिकारी के आदेश पर साइबर थाना पुलिस ने मोबाइल नंबर के आधार पर प्राथमिकी दर्ज कर ली है। मोबाइल नंबर के बारे में छानबीन की जा रही है।
साइबर थने में दर्ज की गई एफआईआर
बरेली में साइबर ठगों ने दो लोगों से ठगे 3.60 लाख
साइबर ठगी को लेकर लोग धीरे-धीरे जागरुक हो रहे हैं। इसके बाद भी अभी तक ठगी कम होने का नाम नहीं ले रही। साइबर ठग हर बार एक नया तरीका ऐसा लेकर आते हैं जिसमें लोग फंसकर अपने रुपये गवां ही बैठते हैं। बरेली में भी गुरुवार को दो ऐसे मामले सामने आए, जिनमें तीन लाख से अधिक की ठगी हो गई। दोनों ही मामलों में अलग-अलग थाना क्षेत्रों में प्राथमिकी दर्ज कराई गई है।
लिंंक पर क्लिक करते ही खाते से कटे पैसे
पहला मामला सुभाषनगर के गांव इटौआ सुखदेवपुर गांव का है। यहां के रहने वाले सुमित ने पुलिस को बताया कि पिछले वर्ष नवंबर में उनके मोबाइल पर आरबीएल बैंक के रिवार्ड प्वाइंट से संबंधित संदेश आया। जिसमें अवॉर्ड को रिडीम करने के लिए एक लिंक दिया गया था। उन्होंने लिंक पर जब क्लिक किया तो चंद देरी में ही उनके खाते से दो बार में करीब तीन लाख रुपये गायब हो गए। पहली बार में 1.98 लाख और दूसरी बार में 1.05 लाख रुपये कटे। मामले में उन्होंने साइबर थाने में इसकी जानकारी दी। इसके बाद भी उनके पास अभी तक रुपये वापस नहीं आया। मामले में उन्होंने अब प्राथमिकी लिखाई है।
दोनों ही ममलों में केस दर्ज
दूसरा मामला सीबीगंज थाना क्षेत्र के पस्तौर गांव से आया। यहां के निवासी अंकित गुप्ता ने प्राथमिकी लिखाई है। उन्होंने पुलिस को बताया कि 27 जनवरी की शाम करीब छह बजे उन्हें एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और कहा कि धोखे से उनके अकाउंट में 36 हजार रुपए ट्रांसफर हो गए हैं। आरोप है कि आरोपित ने रकम वापस करने का अनुरोध किया तो वह उसकी बातों में फंस गए। इसके बाद उन्होंने दो बार में दो-दो हजार रुपये उसे ट्रांसफर किए और कुछ देर में उनके खाते से 55 हजार 300 रुपये आरोपित ने खुद ट्रांसफर कर लिए। दोनों ही मामलों में प्राथमिकी लिखी गई है।
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