सनबीम स्कूल में तड़पता रहा आदित्य, पिता बोले - 'बेटे को मरने के लिए छोड़ दिया गया'
गाजीपुर के सनबीम स्कूल में छात्र आदित्य वर्मा की हत्या से कोहराम मच गया। परिजनों ने स्कूल प्रशासन पर लापरवाही का आरोप लगाया है उनका कहना है कि आदित्य को समय पर इलाज नहीं मिला। ग्रामीणों ने भी सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल उठाए हैं। अंतिम संस्कार गंगा तट पर हुआ जहाँ शोक और इंसाफ की मांग गूंजती रही।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। सनबीम स्कूल, महाराजगंज में सोमवार को कक्षा 10वीं के छात्र आदित्य वर्मा की हत्या ने पूरे जिले को दहला दिया। स्वजन का आरोप है कि बेटे को समय पर इलाज नहीं दिलाया गया और प्रशासन ने सूचना तक सही ढंग से नहीं दी।
बेटे के अर्थी के पास बैठे आदित्य के पिता ने रूंधे गले से कहा कि बेटा चाकू लगने के बाद स्कूल में काफी देर तक तड़पता रहा, लेकिन किसी ने उसे उठाया तक नहीं। स्कूल प्रशासन ने मुझे फोन कर कहा कि बेटा गिरकर घायल हो गया है। अस्पताल पहुंचा तो करीब डेढ़ घंटे तक गुमराह किया जाता रहा। कभी कहा गया कि आईसीयू में है, कभी कहीं और। आखिरकार पुलिस ने जब मर्चरी में शव दिखाया, तभी पता चला कि मेरा बेटा अब इस दुनिया में नहीं रहा। सच तो यह है कि उसे मरने के लिए छोड़ दिया गया था।
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बहन ने भी स्कूल के माहौल पर गंभीर सवाल उठाए। आरोप लगाया कि वह दो साल तक इसी स्कूल में पढ़ी है। यहां हमेशा मारपीट और गोली चलाने की बातें होती थीं। अराजक माहौल देखकर उसने स्कूल छोड़ दिया था, लेकिन उसी माहौल ने अब मेरे भाई की जिंदगी छीन ली। गांव के लोगों ने भी आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा कि इतना बड़ा विद्यालय होने के बावजूद छात्र हथियार लेकर अंदर कैसे चले गए? यह स्कूल प्रशासन की सीधी लापरवाही है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि समय पर बच्चे को सही इलाज मिला होता और निगरानी कड़ी होती, तो उसकी जान बच सकती थी। आदित्य की मौत ने न सिर्फ एक परिवार को उजाड़ा है, बल्कि विद्यालयों की सुरक्षा व्यवस्था पर भी गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।
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पिता के कांपते हाथ, मां के आंसू… इंसाफ की पुकार के बीच हुआ आदित्य का दाह संस्कार
मुहम्मदाबाद : महाराजगंज स्थित सनबीम स्कूल में चाकूबाजी में मारे गए कक्षा 10 के छात्र आदित्य वर्मा का मंगलवार को सुल्तानपुर गंगा तट पर दाह संस्कार किया गया। मुखाग्नि देते वक्त पिता शिवजी वर्मा का हाथ कांपने लगा और आंखों से आंसू थमने का नाम नहीं ले रहे थे। वहीं मां गुड़िया वर्मा बेसुध होकर बार-बार बेटे को याद कर फफक उठीं। इस हृदयविदारक दृश्य को देखकर वहां मौजूद हर आंख नम हो गई।
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पोस्टमार्टम के बाद देर रात जब शव नगर के यूसुफपुर बाजार स्थित आवास पर लाया गया, तो भारी भीड़ उमड़ पड़ी। शव यात्रा में शामिल लोगों में गम और गुस्सा साफ झलक रहा था। लोग प्रशासन पर लीपापोती का आरोप लगाते हुए विद्यालय प्रबंधन को कटघरे में खड़ा करते रहे। दाह संस्कार में भाजपा नेता पीयूष राय, सुभासपा जिलाध्यक्ष सुरेंद्र राजभर सहित कई राजनीतिक व सामाजिक कार्यकर्ता पहुंचे।
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भाजपा नेता ने कहा कि दोषियों को किसी भी हालत में बख्शा नहीं जाएगा। जरूरत पड़ी तो मामले को मुख्यमंत्री तक ले जाया जाएगा। मां गुड़िया वर्मा ने रोते हुए कहा कि मेरे बेटे के हत्यारे को कड़ी से कड़ी सजा मिले। नगर के ज्वेलर्स व्यवसायियों ने भी अपने प्रतिष्ठान बंद रखकर विरोध जताया और अंतिम यात्रा में शामिल हुए। गंगा तट पर हर तरफ शोक, आंसू और इंसाफ की मांग गूंजती रही।
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