गाजीपुर में देश में सर्वाधिक सैनिक, लेकिन पूर्व सैनिक अस्पताल और कैंटीन की उठा रहे समस्या
गाजीपुर में भूतपूर्व सैनिक संघ की मासिक बैठक में चिकित्सा सुविधाओं दवाओं की उपलब्धता और कैंटीन की स्थिति पर चर्चा हुई। 70 वर्ष से अधिक आयु के पूर्व सैनिकों को अस्पतालों में हो रही दिक्कतों का मुद्दा उठाया गया। दवाओं की सीमित सूची और चिकित्सकों के अवकाश पर रहने से मरीजों को होने वाली परेशानियों पर भी बात हुई।

जागरण संवाददाता, गाजीपुर। भूतपूर्व सैनिक संघ की मासिक बैठक शनिवार को संघ कार्यालय पर हुई। बैठक में कई महत्वपूर्ण बिन्दुओं पर चर्चा की गयी। सबसे पहले यह मुद्दा उठा कि 70 वर्ष से ऊपर के पूर्व सैनिकों को संदर्भ पत्र की आवश्यकता नहीं होती।
बावजूद इसके कई संबद्ध चिकित्सालयों में ऐसे मरीजों को बाह्य रोगी विभाग तक में नहीं देखा जाता है। इसके अलावा भर्ती की सुविधा भी उपलब्ध नहीं हो पाती। साथ ही चिकित्सा सेवा योजना की ओर से केवल 2250 औषधियों की सूची भेजी गयी है, जिसमें से ही चिकित्सक दवाएं लिख सकते हैं।
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अन्य चिकित्सालयों के चिकित्सक द्वारा लिखी गई दवाएं स्थानीय खरीद में नहीं ली जातीं। बैठक में यह भी कहा गया कि यदि किसी विशेषज्ञ चिकित्सक ने किसी रोगी को कोई पौष्टिक दवा (विटामिन) लिखी है तो उसे भी स्थानीय खरीद की श्रेणी में आना चाहिए। वहीं, यह आपत्ति भी उठी कि अक्सर दोनों चिकित्सक और दोनों परीक्षण विशेषज्ञ एक साथ अवकाश पर रहते हैं, जिससे मरीजों को परेशानी होती है।
सदस्यों ने बताया कि सैनिक अंशदायी स्वास्थ्य योजना में तीन पंखे एक महीने से खराब पड़े हैं, जिनकी शिकायत के बावजूद कोई सुधार नहीं हुआ है। वहीं गाजीपुर की सैनिक कैंटीन की स्थिति भी जैसी की तैसी बनी हुई है। बैठक में कई वरिष्ठ पदाधिकारी और सदस्य उपस्थित रहे। अध्यक्ष रिटायर्ड कैप्टन सुरेन्द्र बहादुर राय ने अगली बैठक छह अक्तूबर को कार्यालय में आयोजित करने की घोषणा की।
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