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    यूपी के इस शहर में बना पूर्वांचल का पहला हाईटेक टेस्ट ड्राइविंग ट्रैक, अब ड्राइविंग लाइसेंस पाना होगा और भी मुश्किल

    Updated: Thu, 16 Jan 2025 03:09 PM (IST)

    गाजीपुर में पूर्वांचल का पहला हाईटेक टेस्ट ड्राइविंग ट्रैक बनकर तैयार हो गया है। फेस डिटेक्टर टेस्ट डिटेक्टर और 66 कैमरों की निगरानी में गाड़ी चलाने की कठिन परीक्षा होगी। यह सड़क हादसों में मौतों को कम करने के लिए सरकार की अनूठी पहल है। इससे डाइविंग लाइसेंस बनवाना कठिन हो जाएगा। ट्रेनिंग सेंटर में दोपहिया चार पहिया व भारी वाहनों के चालकों का टेस्ट होगा।

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    गाजीपुर: चार पहिया ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षा के लिए बिराइच गांव के समीप बनाया गया हाईटेक टेस्ट ट्रैक। जागरण

    शिवानंद राय, जागरण, गाजीपुर। नोएडा, पीलीभीत, हरदोई व गाजियाबाद के बाद जनपद में भी ड्राइविंग लाइसेंस बनवाने को टेस्ट ड्राइव के लिए एक्रेडिटेड ड्राइविंग ट्रेनिंग सेंटर (एडीटीसी) का आटोमैटिक ट्रैक बनकर तैयार हो गया है। वैसे यह सभी जिलों में बनना है, लेकिन उक्त चार जिलों को मान्यता मिली है।

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    पांचवीं मान्यता पूर्वांचल में गाजीपुर को मिलने वाली है। यह पहला ट्रैक होगा, जहां फेस डिटेक्टर, टेस्ट डिटेक्टर व 66 कैमरों की निगरानी में गाड़ी चलाने की कठिन परीक्षा होगी। इसे पास करना अनिवार्य होगा। हाईटेक टेक्नोलाजी से युक्त टेस्ट ड्राइव परीक्षा कराने के पीछे सरकार की मंशा हादसे में मौतों को कम करना है।

    बिलाइच गांव के समीप ट्रेनिंग सेंटर में दोपहिया, चार पहिया व भारी वाहनों के चालकों का टेस्ट होगा। उत्तीर्ण करने के बाद ही हैवी डीएल जारी होगा। यह ट्रैक करीब दो एकड़ से अधिक में बना है। निगरानी के लिए 66 कैमरे लगाए गए हैं। जिले में टेस्ट लेने की जिम्मेदारी (एडीटीसी) तेज सिंह मोटर ट्रेनिंग स्कूल को मिली है। सोनभद्र में भी यहीं संस्था बना रही है।

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    ऐसे होगी टेस्ट की प्रक्रिया

    डीएल के लिए आनलाइन आवेदन के बाद अभ्यर्थी का टेस्ट यहां होगा। अभ्यर्थी की फोटो अपलोड की जाएगी। ड्राइविंग की सीट पर बैठते ही उसकी फोटो अंदर लगे फेस डिटेक्टर से स्वत: दिखने लगेगी। सीट बेल्ट लगाने पर ही ट्रैक पर लगा बैरियर स्वत: उठ जाएगा। कुछ दूर आगे ट्रैफिक लाइट अगर रेड है तो 40 सेकेंड के भीतर गाड़ी को बैक कर पार्क में खड़ा करना है।

    चार पहिया ड्राइविंग लाइसेंस परीक्षा के लिए बिराइच गांव के समीप बनाया गया हाईटेक टेस्ट ट्रैक। जागरण


    पार्क में दोनों लकीरों के बीच में खड़ी करनी है। लकीर पर पहिया रहा तो फेल हो जाएगा। आखिरी में भी रेड लाइट लगी है, जहां से 60 सेकेंड में बैक करके बाहर निकलना होगा। इसमें फेल होने पर एक माह बाद दोबारा आवेदन कर सकेंगे।

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    तेज सिंह मोटर ट्रेनिंग स्कूल के डायरेक्ट अरविंद कुमार सिंह ने बताया कि केंद्र सरकार से दिल्ली की जांच एजेंसी आइकैट नामित की गई है। इसके बाद परिवहन विभाग की टीम भी जांच करेगी। फिर मान्यता मिलेगी। टेस्ट ट्रैक पूरी तरह से हाईटेक है। यहां टेस्ट पास करने के बाद ही परिवहन विभाग से आनलाइन डीएल जारी होगा।