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    चार बच्चे पैदा किए तो सोना और तीन पर मिलेगी चांदी, विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा ने किया एलान

    By Jagran NewsEdited By: Monu Kumar Jha
    Updated: Fri, 24 Jan 2025 05:21 PM (IST)

    Population Growth शादीशुदा कपल के लिए अच्छी खबर है। विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा ने एक बड़ा एलान किया है। जिसके मुताबिक जिनके पास तीन बच्चे हैं उनको चांदी मिलेगी तो वहीं जिनके पास चार बच्चे हैं उन्हें सोना दिया जाएगा। यह पहल घटती जनसंख्या को लेकर किया गया है। इसमें बढ़ोतरी हो इसको लेकर ही यह निर्णय लिया गया है।

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    तीन बच्चे पैदा होने पर चांदी और चार पर मिलेगा सोना। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। विश्व ब्रह्मऋषि ब्राह्मण महासभा समाज (Vishwa Brahmarishi Brahmin Mahasabha) के लोगों को तीन बच्चों पर रजत पदक, चार बच्चों पर स्वर्ण पदक से सम्मानित करेगी। बैठक में महासभा के पदाधिकारियों ने यह घोषणा की।

    महासभा के पीठाधीश्वर बीके शर्मा हनुमान ने बताया कि ब्राह्मणों की संख्या कम हो रही है। सनातन की रक्षा तभी होगी तब ब्राह्मणों की संख्या पर्याप्त होगी। बच्चों को जन्म देने वाली मातृ शक्तियों को गेहूं का आटा, गोंद, मखाने, सूखा नारियल का बुरादा, काजू, बादाम, सोंठ।

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    बच्चों को जन्म देने वाली महिलाओं को मिलेगी ये चीजें

    इसके अलावा अजवाइन, देसी घी, गुड़, खरबूजे की गिरी, आदि सामग्री भी दी जाएगी। इस अवसर पर संस्थापक उपाध्यक्ष पं. आरसी शर्मा, विनीत कुमार शर्मा, योगेश दत्त गौड़, लोकेश कौशिक, बृजकिशोर शर्मा, जिलाध्यक्ष अंकित शर्मा मौजूद रहे।

    आरडीसी में पत्रकारों को जानकारी देते महासभा के पदाधिकारी बीके शर्मा हनुमान।सौ. सुधी पाठक

    बता दें साल 2024 के दिसंबर महीने में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के सरसंघचालक मोहन भागवत ने परिवार के महत्व पर जोर देते हुए और हिंदुओं का नाम लिए बगैर भारत में उनकी घटती जनसंख्या पर चिंता जाहिर की थी।

    कम से कम तीन बच्चे पैदा करना बेहद जरूरी- भागवत का बयान

    भागवत (Mohan Bhagwat) ने कह था कि अगर समाज की जनसंख्या वृद्धि दर गिरते-गिरते 2.1 फीसदी के नीचे चली गई तो तब समाज को किसी को बर्बाद करने की जरूरत नहीं, वह अपने आप ही नष्ट हो जाएगा। इसलिए कम से कम तीन बच्चे पैदा करना बेहद जरूरी है।

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    नागपुर में 'कथाले कुल सम्मेलन' संबोधित करते हुए संघ प्रमुख भागवत ने कहा-

    'कुटुंब (परिवार) समाज का हिस्सा है और हरेक कुटुंब इसकी इकाई है। हमारे देश की जनसंख्या नीति, जो 1998 या 2002 के आसपास तय की गई थी, वो ये कहती है कि जनसंख्या वृद्धि दर 2.1 से नीचे नहीं होनी चाहिए। हमें दो से अधिक बच्चों की जरूरत है, यानी तीन (जनसंख्या वृद्धि दर के रूप में), जनसंख्या विज्ञान यही कहता है। यह संख्या महत्वपूर्ण है क्योंकि इसे (समाज को) जीवित रहना चाहिए।'

    गौरतलब है कि इसी साल भारत बढ़ती आबादी के मामले एक लंबी छलांग लगाकर चीन को पछाड़ दिया और जनसंख्या के मामले में विश्व में पहले स्थान पर आ गया।

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