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    गाजियाबाद में 5 साल में केवल 53 दिन मिली साफ हवा, फेल साबित हो रहे हवा-हवाई दावे करने वाले अफसर

    Updated: Sun, 22 Dec 2024 11:48 AM (IST)

    गाजियाबाद में वायु प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। पिछले पांच वर्षों में लोगों को महज 53 दिन ही साफ हवा मिल सकी है। इस वर्ष नवंबर 2024 तक केवल आठ दिन ही साफ हवा मिली है। प्रदूषण के मुख्य कारणों में ई-वेस्ट जलाकर धातु निकालना टूटी सड़कों से उड़ती धूल निर्माण गतिविधियां और उम्र पूरी कर चुके वाहनों का संचालन शामिल हैं।

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    गाजियाबाद में वायु प्रदूषण का कहर जारी है। फोटो- जागरण ग्राफिक्स

    जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। एनसीआर में बेहतर सुविधाओं के लिए लोग जीवनभर की कमाई से घर खरीदते हैं, लेकिन इन उन्हें यहां साफ हवा तक नहीं मिल पाती है। वर्ष बदलने के साथ ही साफ हवा मिलने की उम्मीद टूटती गई। लोगों को बीते पांच वर्ष में महज 53 दिन ही साफ हवा मिल सकी है।

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    वहीं, इस वर्ष नवंबर 2024 में तक आठ दिन ही साफ हवा मिली है। वहीं, वर्ष 2020 में सबसे अधिक केवल 13 दिन ही साफ हवा मिल सकी थी। इससे साफ जाहिर है कि तमाम योजनाओं के सहारे हवा-हवाई दावे करने वाले जिम्मेदार अधिकारी प्रदूषण रोकथाम में फेल साबित हो रहे हैं। साहिबाबाद से राहुल कुमार की रिपोर्ट-

    किस वर्ष कितने प्रतिशत दिन मिली साफ हवा

    वर्ष प्रतिशत
    वर्ष 2020 3.55
    वर्ष 2021 2.73
    वर्ष 2022 3.28
    वर्ष 2023 2.73
    वर्ष 2024 2.35

    (आंकडा वर्ष के 365 व 366 दिनों के आधार पर निकाला गया है)

    प्रदूषण के मुख्य कारण

    • ई-वेस्ट जलाकर धातु निकालना।
    • टूटी सड़कों से उड़ती धूल।
    • निर्माण गतिविधियां।
    • उम्र पूरी कर चुके वाहनों का संचालन

    सबसे प्रदूषित (हॉटस्पॉट) इलाके

    1. साहिबाबाद
    2. राजनगर एक्सटेंशन
    3. लोनी
    4. भोपुरा-दिल्ली बॉर्डर
    5. वसुंधरा
    6. सिद्धार्थ विहार

    यूपीपीसीबी ने कब-कब लगाया जुर्माना

    • 28 अक्टूबर को 92 हजार
    • 25 अक्टूबर को 1.5 लाख
    • 23 अक्टूबर को 2.0 लाख
    • 22 अक्टूबर को 11 लाख
    • 21 अक्टूबर को 1.5 लाख
    • 19 अक्टूबर को 50 हजार
    • 18 अक्टूबर को 1.0 लाख
    • 17 अक्टूबर को 20 लाख

    प्रदूषण फैलाने पर लगाया 21 हजार जुर्माना

    नगर निगम की टीम ने शनिवार को वसुंधरा व मोहननगर में सड़क किनारे खुले में निर्माण सामग्री बेचने वालों के खिलाफ अभियान चलाकर कार्रवाई की। पर्यावरण क्षतिपूर्ति के रूप में 21 हजार का जुर्माना लगाते हुए निर्माण सामग्री को हटाया गया।

    वसुंधरा के सेक्टर 10 में खुले में निर्माण सामग्री बिकी पाई गई। इस दौरान विक्रेता पर 19 हजार का जुर्माना लगाया। साथ ही खुले में बिक रही निर्माण सामग्री को हटाया गया। मोहन नगर जोन के शालीमार गार्डन विक्रम एन्क्लेव में अभियान चलाते हुए चार का जुर्माना वसूला गया।

    ये भी पढ़ें-

    शनिवार को एक्यूआई की स्थिति

    क्षेत्र सीपीसीबी आइक्यू एयर
    गाजियाबाद 266 174
    संजय नगर 183 107
    वसुंधरा बंद 170
    इंदिरापुरम 326 177
    लोनी 289 163

    खुले में निर्माण सामग्री नहीं बेचने का निर्देश

    नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि ग्रेप की पाबंदियां लागू हैं। सभी दुकानदारों को खुले में निर्माण सामग्री न बेचने की कड़ी चेतावनी दी गई है।

    उन्होंने बताया कि प्रदूषण रोकथाम के लिए सड़कों पर पानी का छिड़काव किया जा रहा है। लोगों से भी घरों के आसपास पानी का छिड़काव करने की अपील की गई है। लोग ग्रेप के नियमों का पालन करें इसके लिए जागरूक भी किया जा रहा है।

    निर्माण कार्य होता पाए जाने पर होगी कार्रवाई

    नगर आयुक्त विक्रमादित्य सिंह मलिक ने बताया कि ग्रेप की पाबंदियों के अंतर्गत निर्माण कार्यों पर पूरी तरह से रोक है। अगर कहीं भी निर्माण कार्य होता पाया गया तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    सोर्स

    • India वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) - https://www.aqi.in
    • गाजियाबाद का वायु प्रदूषण -https://www.iqair.com/in-en/india/uttar-pradesh/ghaziabad?srsltid=AfmBOopzexm3NLvyzo9PYOdg1v2Cb2mdyfN60mBRCb8Sakye8IMWcJtb