Ghaziabad: नौ माह के मासूम को अगवा कर दो बार बेचा, पुलिस ने आरोपियों को ऐसे धर दबोचा
गाजियाबाद के वेव सिटी थाना क्षेत्र में सोमवार दोपहर करीब 12 बजे आरोपियों ने बच्चे को खिलाने के बहाने अगवा कर लिया। सूचना मिलने के 15 घंटे के अंदर पुलिस ने बच्चे को उत्तराखंड से सकुशल बरामद कर लिया और तीनों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। बच्चे को खरीदने वाले शादी के 20 साल बाद भी बच्चा न होने पर अपने परिचित से बच्चे का इंतजाम करने को कहा था।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। वेव सिटी थाना क्षेत्र के दीनानाथपुर पूठी से नौ माह के मासूम बच्चे का अपहरण कर उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर में ले जाकर 80 हजार रुपये में बेच दिया गया। जिस व्यक्ति को बच्चा बेचा गया, उसने उसे आगे डेढ़ लाख रुपये में बेच दिया।
15 घंटे के अंदर पर्दाफाश
बच्चे के अपहरण की सूचना मिलने पर पुलिस ने 15 घंटे के अंदर पूरे मामले का पर्दाफाश कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल बरामद कर लिया। बच्चे को खरीदने वाले दंपती ने शादी के 20 साल बाद भी बच्चा न होने पर अपने परिचित से बच्चे का इंतजाम करने को कहा था। इसी मकसद से बच्चे का अपहरण किया गया था।
पीड़ित के कुल तीन बच्चे
दीनानाथपुर पूठी निवासी मनोज धौलाना के खिचरा स्थित प्लास्टिक फैक्ट्री में श्रमिक है। मनोज और उसकी पत्नी मालती के तीन बच्चे हैं। सबसे बड़ी बेटी पांच साल, बेटा तीन साल और मासूम हर्षित नौ माह का है। मनोज की फैक्ट्री में बदायूं निवासी मनोज कुमार भी काम करता है। दोनों पहले उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर स्थित एक फैक्ट्री में काम करते थे।
एक साथ काम करते थे आपोपी और बच्चे का पिता
बता दें कि महावीर भी उसी फैक्ट्री में काम करता था। उत्तराखंड में फैक्ट्री बंद होने के कारण मनोज और महावीर दोनों दो-तीन साल पहले धौलाना के खिचरा स्थित प्लास्टिक फैक्ट्री में काम करने लगे थे। एक ही फैक्ट्री में साथ काम करने के कारण दोनों मनोज का एक-दूसरे के घर आना-जाना था।
सोमवार दोपहर करीब 12 बजे मनोज कुमार दीनानाथपुर पूठी स्थित मनोज और मालती के घर आया और हर्षित को खिलाने के बहाने बाहर ले गया। काफी देर तक आरोपी बच्चे को लेकर नहीं लौटा तो उसे फोन किया, लेकिन फोन बंद था। परेशान होकर मनोज और मालती ने तलाश शुरू की, लेकिन बच्चा नहीं मिला।
बच्चे अगवा करने वाले तीन आरोपी को पुलिस ने धर दबोचा
इसके बाद दोनों शाम सात बजे वेव सिटी थाने पहुंचे और पुलिस को पूरी घटना की जानकारी दी। पुलिस ने बच्चे को ले जाने वाले आरोपी मनोज का नंबर सर्विलांस पर लगाया। उसकी लोकेशन उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर की मिली।
आरोपी ने फोन पर महावीर से बात की थी। पुलिस को महावीर की लोकेशन भी मिल गई। उसी रात पुलिस टीम उत्तराखंड भेजी गई।
बच्चे को किया बरामद
सुबह करीब 10 बजे पुलिस ने आरोपी महावीर को ऊधमसिंह नगर के आईटीआई थाना क्षेत्र के बांसखेड़ा से गिरफ्तार कर लिया। उससे पूछताछ करने पर पता चला कि मनोज उसे बच्चा बेचकर चला गया है।
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महावीर की सूचना पर पुलिस ने उसके गांव में हरिवंश के घर दबिश देकर बच्चे को बरामद कर लिया और हरिवंश व महावीर को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस की एक टीम ने बदायूं से आरोपी मनोज को दबोच लिया और पूरे मामले का पर्दाफाश कर दिया।
80 हजार रुपये में किया था सौदा
पूछताछ में महावीर ने बताया कि हरिवंश की शादी को 20 साल हो गए, लेकिन उनके बच्चा नहीं है। हरिवंश ने उससे बच्चे का इंतजाम करने के लिए कहा था। इसके लिए उसे डेढ़ लाख रुपये तक देने का वादा किया। महावीर ने बच्चे का इंतजाम करने के लिए बदायूं निवासी मनोज से संपर्क किया। उसे 80 हजार रुपये तक देने का वादा किया।
सोमवार को आरोपित मनोज ने नौ माह के मासूम हर्षित को अगवा किया और बस से उधमसिंह नगर ले जाकर महावीर को सौँप दिया। महावीर ने उसे 80 हजार रुपये देकर बच्चा ले लिया और हरिवंश को दे दिया।
मालती की गोद में आते ही खिल उठा हर्षित
पुलिस ने जब मालती को उसका मासूम हर्षित गोद में दिया तो उसकी आखें भर आईं। तीन दिन में मालती का रो रोकर बुरा हाल हो गया। उसे बस एक ही फिक्र थी कि कहीं उसके कलेजे की टुकड़े के साथ कोई अनहोनी न हो जाए। मालती और मनोज ने पुलिस को उनका बेटा वापस दिलाने के लिए खूब प्रशंसा की है।
बच्चा बेचकर खूब पी शराब
पुलिस पूछताछ में आरोपित ने बताया है कि उसे महावीर ने 80 हजार रुपये दिए थे। बच्चा देने के बाद उसने खूब शराब पी और बस से बदायूं आ गया। रास्ते में उसके पांच हजार रुपये खो गए। 70 हजार रुपये उसने अपने रिश्तेदार को दे दिए और पांच हजार रुपये पुलिस ने उससे बरामद किए हैं।
मासूम सकुशल बरामद
पुलिस टीम ने सूचना मिलने के बाद तत्परता दिखाते हुए आरोपित को 15 घंटे में गिरफ्तार कर बच्चे को सकुशल बरामद किया है। बच्चे को उसके माता-पिता के सुपुर्द कर दिया गया है।
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