Back Image

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    'डॉक्टर लकी स्कीम' के नाम पर एक करोड़ की ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार, 22 लोगों से की थी धोखाधड़ी

    Updated: Wed, 05 Feb 2025 05:05 PM (IST)

    Delhi Crime News दिल्ली के उत्तम नगर इलाके में रहने वाले 22 पीड़ितों से 1 करोड़ रुपये की ठगी की गई। हालांकि पुलिस ने इस मामले के आरोपी को दबोच लिया है। बता दें कि छह जुलाई 2022 को करीब तीन दर्जन पीड़ितों ने उसके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में केस दर्ज कर लिया। इस केस में आगे की कार्रवाई जारी है।

    Hero Image
    Delhi News: डॉक्टर लकी स्कीम व 'कमेटी' के नाम पर एक करोड़ से अधिक ठगी करने वाला धरा। फाइल फोटो

    जागरण संवाददाता, नई दिल्ली। "डॉक्टर लकी स्कीम" व ''कमेटी'' के नाम पर उत्तम नगर इलाके में रहने वाले 22 पीड़ितों से एक करोड़ से अधिक ठगी करने वाले शातिर ठग इंद्र बहादुर सिंह को दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने यूपी के प्रतापगढ़ से गिरफ्तार कर लिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बड़ी संख्या में लोगों के करोड़ों रुपये ठगी करने के बाद आरोपित के परिवार समेत दिल्ली छोड़कर यूपी भाग जाने पर छह जुलाई 2022 को 22 पीड़ितों ने उसके खिलाफ आर्थिक अपराध शाखा में धोखाधड़ी की विभिन्न धाराओं, आपराधिक साजिश रचने व प्राइज चिट्स एंड मनी सर्कुलेशन स्कीम (प्रतिबंध) अधिनियम के तहत मामला दर्ज करा दिया था। घटना के दौरान इंद्र बहादुर सिंह, महारानी एन्क्लेव, हस्तसाल, उत्तम नगर में रह रहा था।

    'कमेटी' के नाम पर भी लोगों से ले रहा था पैसे 

    डीसीपी आर्थिक अपराध शाखा अमृता गुगुलोथ के मुताबिक इंद्र बहादुर सिंह (67) मूलरूप से गांव गारी दर्रा, उदयपुर, प्रतापगढ़, यूपी का रहने वाला है। महारानी एन्क्लेव, हस्तसाल, उत्तम नगर में रहने के दौरान वह "डॉक्टर लकी स्कीम" के नाम से लकी ड्रा योजना चलाने के अलावा लोगों से ''कमेटी'' के नाम पर भी पैसे ले रहा था।

    फाइल फोटो

    कुछ निवेशकों को उसने पासबुक भी दी थी, जिन्होंने "डाक्टर लकी योजना" में पैसा निवेश किया था। पीड़ितों को विश्वास में लेने के लिए उसने झूठे दावे करते हुए कहा था कि उसकी चिट-फंड, सहकारी समिति कानून के अनुसार पंजीकृत है।

    आरोपी ने दिया था लोगों को झांसा

    आरोपित के दावे पर यकीन कर लोगों ने उसकी योजना में निवेश करना शुरू कर दिया था। लोगों ने 1,38,90,000 रुपये निवेश कर दिया था। सभी पीड़ित एक ही इलाके के थे, उनमें ज्यादातर आरोपित के पड़ोसी थे। मामला दर्ज होने से पहले आरोपित परिवार के साथ दिल्ली छोड़कर किसी अज्ञात स्थान पर भाग गया था।

    जांच के दौरान पुलिस ने पीड़ितों के बयान दर्ज किए और आरोपित का अकाउंट फ्रीज कर दिया गया। जांच से पता चला कि आरोपित ने अपने सभी ज्ञात मोबाइल नंबर बंद कर दिए थे। इसके अलावा महारानी एन्क्लेव, हस्तसाल, उत्तम नगर में ज्ञात पते पर नहीं पाया गया। उक्त मकान उसने बेच दिया था।

    इंद्र बहादुर सिंह को जांच के बाद प्रतापगढ़ से किया गिरफ्तार

    गहन जांच से पता चला कि आरोपित खुद को लखनऊ में छिपा हो सकता है। उसके स्थायी पते का पता लगाया गया और पैतृक गांव गारी दर्रा, सांगीपुर, लालगंज, प्रतापगढ़, यूपी में तलाश की गई लेकिन वह वहां भी नहीं मिला। हालांकि वहां पता चला कि आरोपित दिसंबर 2023 में गांव आया था। काफी प्रयास के बाद इंद्र बहादुर सिंह को केशव नगर, लखनऊ में खोजा गया, लेकिन उक्त घर पर भी ताला लगा मिला।

    जांच पड़ताल के बाद अंतत: इंद्र बहादुर सिंह को 30 जनवरी को प्रतापगढ़ से गिरफ्तार कर लिया गया। पूछताछ में उसने बताया कि वह पीड़ितों को परियों की कहानियां सुनाकर उन्हें प्रेरित किया था कि उसकी योजनाएं छोटी बचत के लिए उच्च रिटर्न पाने का सबसे अच्छा तरीका है।

    उसने लोगों को आश्वासन दिया कि उसने अपनी चिट फंड सहकारी समिति को कानून के अनुसार पंजीकृत किया है। जिसपर लोगों ने पैसे निवेश कर दिया था।

    यह भी पढ़ें: Delhi Chunav 2025: AAP विधायक अमानतुल्लाह खान और दिनेश मोहनिया के खिलाफ FIR दर्ज, जानिए क्या है मामला