दिल्ली के गोकुलपुरी की पार्षद गीता की हत्या में पति को उम्रकैद, शादी के 11 वर्ष बाद गला दबाकर मार डाला था
गाजियाबाद में 2020 में निगम पार्षद गीता की हत्या के मामले में अदालत ने पति को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। मृतका के पिता ने दहेज और अवैध संबंधों के चलते हत्या का आरोप लगाया था। पोस्टमार्टम रिपोर्ट में गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई। अदालत ने आरोपी पर जुर्माना भी लगाया जिसकी आधी राशि मृतका के पिता को देने का आदेश दिया।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। विजयनगर में वर्ष 2020 में दिल्ली की पूर्व निगम पार्षद गीता की हत्या मामले में कोर्ट ने आरोपी पति को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है।
कोर्ट ने महिला के पति पर 26 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया है। जुर्माने की आधी धनराशि मृतका के पिता को देने के आदेश दिया हैं।
सहायक जिला शासकीय वकील रवि शर्मा के मुताबिक एक दिसंबर 2020 को विजयनगर सेक्टर-नौ निवासी लाेकेश की पत्नी गीता का शव फंदे पर लटका हुआ मिला था।
महिला के पिता दिल्ली के गोकुलपुरी निवासी तनसुख ने विजयनगर थाने में पुलिस को शिकायत देकर आरोप लगाया था कि उनकी बेटी की हत्या की गई है।
उन्होंने पुलिस को बताया कि उनकी बेटी गीता की शादी 28 अप्रैल 2009 को लोकेश निवासी विजयनगर से हुई थी। शादी में उन्होंने पचास लाख रुपये खर्च किए थे।
गीता उस समय गोकुलपुरी क्षेत्र से निगम पार्षद भी थीं। शादी के बाद से ही ससुराल वाले दहेज की मांग को लेकर गीता के साथ मारपीट करने लगे थे।
वर्ष 2014 में समाज के कुछ जिम्मेदार लोगों की मौजूदगी में समझौता भी कराया गया था लेकिन इसके बाद भी हालात नहीं बदले।
तनसुख ने बताया कि गीता चोरी छिपे फोन करके अवगत कराती थी कि उसका पति लोकेश किसी अन्य महिला से अवैध संबंध रखता है और उसे कई बार घर भी लेकर आता है।
विरोध करने पर लोकेश उसके साथ मारपीट करता था और कहता था कि वह उस महिला को नहीं छोड़ेगा।
जब गीता ने यह बात अपनी सास, ससुर और ननद को बताई तो उन्होंने भी लोकेश का साथ देते हुए गीता के साथ मारपीट की और धमकी दी कि वह कहीं भी जाकर मर जाए।
तनसुख ने यह भी बताया कि 10 नवंबर 2020 को दिवाली के मौके पर गीता ने अपने भाइयों को भी इन घटनाओं के बारे में बताया था।
गीता ने आशंका जताई थी कि ससुराल वाले कभी भी उसकी हत्या कर सकते हैं। एक दिसंबर 2020 की रात करीब साढ़े 10 बजे उन्हें फोन पर गीता की मौत की सूचना मिली थी।
इसके बाद तनसुख ने विजयनगर थाने में शिकायत दर्ज कराई थी, जिसमें गीता की मौत को लेकर ससुराल वालों पर आरोप लगाए थे।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट से गीता की फांसी की बजाय गला दबाने से होना आया। मामले की जांच के बाद पुलिस ने गीता के पति लोकेश को गिरफ्तार किया।
इस मामले में साक्ष्यों और गवाहों के बयान के आधार पर एडीजे-7 न्यायाधीश डाॅ. दिनेश चंद्र शुक्ला ने लोकेश को पत्नी की हत्या का दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है और जुर्माना लगाया है।
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