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    बेटियों को कोख में मार डालने का षड्यंत्र रचने वाले आए 'राडार' पर, बेटा होने का दावा करने वालों का होगा 'इलाज'

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 12:59 PM (IST)

    गाजियाबाद में भ्रूण लिंग जांच को रोकने के लिए जिला प्रशासन सख्त कदम उठा रहा है। शर्तिया बेटा होने का दावा करने वालों दवा देने वालों और लिंग चयन को बढ़ावा देने वाले विज्ञापनों के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। ई-कॉमर्स साइटों पर भी निगरानी रखी जाएगी और भ्रामक विज्ञापनों के खिलाफ गोपनीय सर्वे कराया जाएगा। 2025 तक बड़े स्तर पर कार्यवाही करने का प्लान है।

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    शर्तिया बेटा होने की दवा देने वालों का होगा इलाज, कार्रवाई हुई अनिवार्य

    मदन पांचाल, गाजियाबाद। भ्रूण की लिंग जांच पर रोकथाम को लेकर शासन स्तर से कुछ सख्त निर्देश जारी किये गये हैं। अनुपालन के क्रम में डीएम की अध्यक्षता में हुई जिला सलाहकार समिति की बैठक में निर्णय लिया गया है कि शर्तिया बेटा होने का दावा करने, दवा देने और दुआ देने वालों के खिलाफ भी पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाये।

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    गोपनीय सर्वे का बनाया प्लान

    आदेश में उन लोगों की भी नकेल कसने का इंतजाम किया गया है जो ई-काॅमर्स एवं इंटरनेट मीडिया नेटवर्किंग साइट्स के माध्यम से ऐसे उत्पादों का विज्ञापन करते हैं, जिनसे लिंग चयन को बढ़ावा मिलता है।

    आदेश में कहा गया है कि ऐसे कामों की रोकथाम हेतु संबंधित की पहचान की जाये व इस मुद्दे को जनपदीय सलाहाकार समिति की बैठक में प्रमुख ऐजन्डे में सम्मिलित किया जाये। साथ ही, ऐसा कोई मामला प्रकाश में आने पर शासन को तुरंत अवगत कराया जाये।

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    गाजियाबाद के इन क्षेत्रों में विशेष नजर

    इस प्रकार के भ्रामक विज्ञापनों, उत्पादों की जानकारी हासिल करने को गोपनीय सर्वे कराया जाये। संबंधित के खिलाफ सुसंगत धाराओं में एफआईआर भी दर्ज कराई जाये।

    पहली बार गली-मोहल्लाें और गांव देहात में शर्तिया बेटा होने के दावे से संबंधित बोर्ड लगाने वालों की सर्वे के साथ जांच होगी। इसके लिए छापामार कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग ने लोनी, डासना, मुरादनगर, मोदीनगर, साहिबाबाद और विजयनगर में ऐसे लोगों के खिलाफ विशेष अभियान चलाने की योजना बनाई है।

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    छापा मारकर धरे जाएंगे दोषी

    इनका अल्ट्रासाउंड केंद्रों से कनेक्शन होने की भी जांच की जाएगी। ऐसा दावा करने वाले वैद्य और हकीम भी कार्रवाई के दायरे में लाये गये हैं।

    शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में संचालित भ्रूण जांच करने वाले अल्ट्रासाउंड सेंटरों की पहले से ही जांच होती है।

    जिले में तीन सौ से अधिक पंजीकृत और पचास से अधिक अपंजीकृत अल्ट्रासाउंड केंद्र चल रहे हैं। हरियाणा से आए दिन टीम छापा मारकर भ्रूण लिंग जांच का पर्दाफाश करती हैं।

    जल्द शुरू होगा सर्वे

    "राज्य समुचित प्राधिकरण पीसीपीएनडीटी, 1994 परिवार कल्याण महानिदेशालय से जून 2025 में जारी आदेश के क्रम में बड़े स्तर पर कार्रवाई की योजना बनाई गई है। लोगों को भ्रमित करके शर्तिया बेटा पैदा होने का दावा करने वाले हर व्यक्ति के खिलाफ पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। जिला सलाहकार समिति की बैठक के मिनट्स जारी होने के बाद सर्वे शुरू कर दिया गया है।"

    -डाॅ. अनुराग संजोग, नोडल पीसीपीएनडीटी

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