क्रिप्टो और शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 19 राज्यों में 136 वारदातें, 77.52 करोड़ की साइबर ठगी का पर्दाफाश
गाजियाबाद साइबर क्राइम पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टो के नाम पर 77.52 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के तीन सदस्यों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों ने 19 राज्यों में 136 घटनाओं को अंजाम दिया। गाजियाबाद के तीन लोगों से 10.37 करोड़ रुपये ठगे गए। फेसबुक पर दोस्ती करके पीड़ितों को फंसाया गया था। पुलिस ने 1.04 करोड़ रुपये बरामद किए।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। साइबर क्राइम थाना पुलिस ने शेयर ट्रेडिंग और क्रिप्टोकरंसी के नाम पर 19 राज्यों में 136 घटनाएं कर 77.52 करोड़ रुपए की ठगी करने वाले गिरोह के तीन साइबर ठग गिरफ्तार किए हैं। आरोपितों ने गाजियाबाद के तीन लोगों के साथ 10.37 करोड़ रुपए की ठगी की थी। आरोपित पीड़ितों को फेसबुक पर दोस्ती कर फंसाते थे।
ठगों में एक लखनऊ का
एसीपी क्राइम भास्कर वर्मा के मुताबिक पकड़े गए आरोपित लखनऊ के आलमबाग निवासी शिवा जायसवाल, आशीष कनौजिया और आगरा के जगदीशपुरा निवासी तुषार मिश्रा हैं। गाजियाबाद में इंदिरापुरम निवासी शशि रंजन कुमार से 7.92 करोड़ रुपए की ठगी शेयर ट्रेडिंग के नाम पर की थी। पीड़ित ने सात जुलाई को केस दर्ज कराया।
अन्य मामले में इंदिरापुरम निवासी अंकित सक्सेना से क्रिप्टोकरंसी के नाम पर 1.82 करोड़ रुपए की ठगी की थी। उन्होंने 18 जुलाई को केस दर्ज कराया। इसी तरह सिहानी गेट थानाक्षेत्र निवासी प्रशांत सक्सेना से शेयर ट्रेडिंग के नाम पर 60 लाख रुपए की ठगी हुई थी। उन्होंने 12 जून को मुकदमा दर्ज कराया।
ठगी की रकम पीड़ितों से ट्रांसफर कराई
तीनों पीड़ितों के केस दर्ज कर साइबर क्राइम थाना पुलिस ने जांच शुरू की। जांच के दौरान पुलिस ने पीड़ितों से ठगी हुई धनराशि में से एक करोड़ चार हजार रुपए रिकवर किए। आरोपितों ने पूछताछ में बताया कि सुहैल और रजत ने शिवा जायसवाल और आशीष कनौजिया के नाम से फर्जी फर्म बनाई और फर्म के नाम पर खाता खुलवाकर उनमें ठगी की रकम पीड़ितों से ट्रांसफर कराई।
136 मामलों के 11 करोड़ रुपए ट्रांसफर
दोनों को करीब 20 प्रतिशत कमीशन ठगी की रकम से मिलता था। दोनों के खाते में करीब 3.66 करोड़ रुपए आए इनमें शशि रंजन के खाते से आए 2.24 करोड़ रुपए भी ट्रांसफर हुए थे। आरोपितों ने अपने खाते से 24 लाख रुपए तुषार मिश्रा के खाते में ट्रांसफर हुए। तुषार ने यह खाता केरल निवासी शमीम के साथ मिलकर खोला था। इसी खाते में देश के विभिन्न शहरों के पीड़ितों की 136 मामलों के 11 करोड़ रुपए ट्रांसफर हुए।
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