तुर्किये-लंदन तक जुड़े तार... एहसान अली से निकला कनेक्शन, फर्जी राजदूत हर्षवर्धन को लेकर हुए कई चौंकाने वाले खुलासे
गाजियाबाद में फर्जी दूतावास मामले में हर्षवर्धन जैन की गिरफ्तारी हुई है। जांच में पता चला कि वह एक अंतरराष्ट्रीय गिरोह का हिस्सा है जिसके तार तुर्किये और लंदन तक फैले हैं। एहसान अली सैयद के साथ मिलकर उसने कई शेल कंपनियां बनाईं और हवाला के जरिए करोड़ों की धोखाधड़ी की। एसटीएफ विदेशों में स्थित उसके बैंक खातों की जांच कर रही है।

जागरण संवाददाता, गाजियाबाद। Fake Embassy स्पेशल टास्क फोर्स की गिरफ्त में आया हर्षवर्धन जैन कोई आम ठग नहीं, बल्कि एक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर फैले फर्जीवाड़े के नेटवर्क का अहम चेहरा है।
टर्किश की नागरिकता लेकर लंदन में बैठा एहसान अली सैयद और कविनगर निवासी हर्षवर्धन जैन मिलकर वर्षों से अलग-अलग देशों में शेल कंपनियों की आड़ में करोड़ों की ठगी को अंजाम दे रहे थे। एसटीएफ को हर्षवर्धन जैन के विदेशों में 10 बैंक खातों की भी जानकारी मिली है। बैंकों से जानकारी लेकर उनमें हुए ट्रांजेक्शन का ब्योरा मांगा जाएगा।
एसटीएफ अधिकारियों का कहना है कि आज (शुक्रवार) को आरोपी को पूछताछ के लिए कस्टडी पर लेने के लिए कोर्ट में प्रार्थना पत्र दिया जाएगा। मालूम हो कि एसटीएफ ने कविनगर निवासी हर्षवर्धन जैन को माइक्रोनेशन (स्वयं-भू देश) के अवैध दूतावास और हवाला कारोबार के आरोप में मंगलवार देर रात गिरफ्तार किया था।
हर्षवर्धन जैन की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ और दस्तावेज खंगालने के बाद एसटीएफ को पता चला कि उसकी मुलाकात चर्चित तांत्रिक चंद्रास्वामी ने आर्म्स डीलर अदनान खगोशी निवासी सउदी अरब से और एहसान अली सैयद से लंदन में रहने के दौरान कराई थी।
एहसान अली सैयद के साथ मिलकर हर्षवर्धन ने विदेशों में कई कंपनियों को पंजीकृत कराया। इनमें इंग्लैंड में स्टेट ट्रेडिंग कार्पोरेशन एलटीडी, ईस्ट इंडिया कंपनी यूके एलटीडी तथा यूएई आइलैंड जनरल ट्रेडिंग, मारीशस में इंदिरा ओवरसीज एलटीडी, अफ्रीकी देश कैमरून में कैमरो इस्पात का पंजीकृत होना जानकारी में आया है।
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वहीं, जांच में सामने आया है कि हर्षवर्धन जैन के दुबई में छह बैंक खाते, मारीशस में एक तथा इंग्लैंड में तीन और भारत में एक बैंक खाता है। हर्षवर्धन जैन के दो पैन कार्ड का भी पता चला है जिनके आधार पर खोले गये बैक खातों एवं विदेशों में जो खाते प्रकाश में आये हैं उनकी जांच की जा रही है।
एहसान अली के साथ हर्षवर्धन की संलिप्तता के संबंध में एसटीएफ जांच कर रही है। विदेशों में खेली गई शेल कंपनियों के जरिए किन लोगों का रुपया हवाला के जरिये लगाया जा रहा था इसकी भी जांच की जा रही है। एसटीएफ एसपी राजकुमार मिश्रा का कहना है कि अभी मामले की जांच की जा रही है। जांच के आधार पर आगे कार्रवाई की जाएगी।
यूरोप के बड़े फर्जीवाड़े का मास्टरमाइंड है एहसान
जांच में सामने आया कि एहसान अली सैयद हैदराबाद का रहने वाला है और उसने तुर्किश नागरिकता ली हुई है। चंद्रास्वामी ने हर्षवर्धन जैन को एहसान के पास ही लंदन भेजा था। हर्षवर्धन ने एहसान के साथ मिलकर लंदन में कई शेल कंपनियां बनाई। इन शेल कंपनियों के जरिये बड़ी दलाली की है।
अहसान की स्विटजरलैंड और बहरीन की कंपनी वेस्टर्न एडवाइजरी ग्रुप ने स्विटजरलैंड की कई कंपनियों को वर्ष 2008 से 2011 के बीच लगभग 800 करोड़ का लोन दिलाने के नाम पर लगभग 300 करोड़ रुपये की दलाली ली और वहां से भाग गया। नवंबर 2022 में स्विस सरकार के निवेदन पर एहसान को लंदन पुलिस ने गिरफ्तार किया।
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बताया गया कि जुलाई 2023 में लंदन की वेस्ट मिनिस्टर कोर्ट ने एहसान को धोखाधड़ी के मामले में स्विटजरलैंड प्रत्यपर्ण को मंजूरी दी थी। यह भी पता चला कि ज्यूरिख कोर्ट ने 16 कंपनियों को लोन दिलाने के नाम पर दलाली में फ्राड करने और भाग जाने के केस में अहसान को साढे छह साल की सजा सुनाई है।
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