'व्हाइट हाउस' के नाम से मशहूर कोठी का रुतबा... गेट पर खड़े रहते थे बाउंसर, STF नहीं दे सकी इन सवालों के जवाब
गाजियाबाद के कवि नगर में एक कोठी जो व्हाइट हाउस के नाम से मशहूर थी वहां पिछले 10 सालों से एक फर्जी दूतावास चल रहा था। स्थानीय लोगों को इसकी जानकारी थी लेकिन पुलिस अनजान बनी रही। कोठी के पास ही पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय होने के बावजूद पुलिस ने कभी इस पर ध्यान नहीं दिया।

हसीन शाह, गाजियाबाद। गाजियाबाद जनपद के कवि नगर में कोठी नंबर केबी 35 व्हाइट हाउस के नाम से मशहूर हो गई थी। इस कोठी का इलाके में अलग ही रुतबा था। गेट पर काले रंग के सफारी सूट में बाउंसर खड़े रहते थे। हर्षवर्धन ने दूतावास चोरी-छिपे नहीं चला रखा था।
स्थानीय लोगों को पता था कि यहां दूतावास चल रहा है। दूतावास और विदेशी झंडे लगे होने के कारण ही स्थानीय लोग इसे व्हाइट हाउस कहते थे। आरोपी के घर से एक किलोमीटर के दायरे में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के कार्यालय और आवास हैं। पुलिस ने कभी इस कोठी में हाथ डालने की जहमत नहीं की।
कोठी से 100 मीटर की दूरी पर पुलिस चौकी है और 400 मीटर की दूरी पर थाना है। एक किलोमीटर के दायरे में पुलिस कमिश्नरेट के साथ-साथ प्रशासनिक अफसराें के कार्यालय और आवास भी है। कोठी के बाहर अवैध नंबर प्लेट की गाड़ियां खड़ी देखकर भी पुलिस ने कभी चेक नहीं किया। यह दूतावास एक दो माह नहीं बल्कि पिछले 10 वर्ष से संचालित हो रहा था।
स्थानीय लोग सवाल कर रहे हैं कि आखिर गाजियाबाद पुलिस को इसकी भनक क्यों नहीं लगी या पुलिस ने इसे जानबूझकर अनदेखा किया? बुधवार को कोठी के बाहर एकत्रित लोगों ने कहा कि गाजियाबाद पुलिस का मुखबिर तंत्र बेहद कमजोर हो गया है। वहीं इसे इंटेलिजेंस का फेलियर भी माना जा रहा है।
इन सवालों के जवाब नहीं दे सकी एसटीएफ
एसटीएफ ने यह नहीं बताया कि धोखाधड़ी कितने लोगों के साथ हुई और कितने रुपये की धोखाधड़ी हुई? आरोपित कब से धोखाधड़ी कर रहा था? आरोपित के पास इतनी रकम और विदेशी मुद्रा किस माध्यम से प्राप्त हुई? इन सब सवालों के जवाब एसटीएफ के पास नहीं है। एसटीएफ का कहना है कि यह जांच का विषय है।
इस तरह चलते हैं स्वयंभू देश
सेबोर्गा : यह इटली के लिगूरिया क्षेत्र में एक छोटा शहर। इसे 1963 में स्वतंत्र घोषित किया। स्थानीय लोग दावा करते हैं कि यह क्षेत्र ऐतिहासिक रूप से स्वतंत्र राज्य था। यहां के राजकुमार को जनता चुनती है। वहां एक झंडा, पासपोर्ट और मुद्रा भी है। हालांकि यह इटली का हिस्सा है।
वेस्ट अंटार्कटिका : यह अंटार्कटिका का पश्चिमी हिस्सा है। इसे एक अमेरिकी नागरिक ने 2001 स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किया। इसमें सरकार एक मंत्रिमंडल जैसी संरचना भी है। हालांकि अंटार्कटिका पर किसी भी देश को संप्रभुता का दावा करने की अनुमति नहीं है।
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लोडोनिया : यह स्वीडन के दक्षिणी तट के पास का हिस्सा है। इसे वर्ष 1996 में स्वीडिश कलाकार द्वारा स्वतंत्र घोषित किया गया था। यहां के नागरिक इंटरनेट के माध्यम से जुड़ते हैं। हालांकि यह भी स्वीडन सरकार द्वारा नियंत्रित किया जाता है।
हमारे संज्ञान में इस तरह का प्रकरण नहीं आया था। यदि संज्ञान में आता तो हम कार्रवाई करते। यह कार्रवाई एसटीएफ ने की है। - भास्कर वर्मा, सहायक पुलिस आयुक्त, कवि नगर
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