Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck

    एनजीटी-सुप्रीम कोर्ट की रोक बेअसर, यमुना किनारे अवैध खनन बेलगाम; कार्रवाई के बावजूद गिरफ्तारी नहीं

    Updated: Sun, 28 Dec 2025 09:29 PM (IST)

    लोनी, गाजियाबाद में यमुना किनारे अवैध खनन एनजीटी और सुप्रीम कोर्ट के प्रतिबंधों के बावजूद बेरोकटोक जारी है। पचायरा गांव में खनन माफिया रात के अंधेरे म ...और पढ़ें

    Hero Image

    रात के अंधेरे में सड़को पर दौड़ रहे ओवरलोड रेत से भरे डंपर। जागरण

    संवाद सहयोगी, लोनी। एनजीटी नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के सख्त निर्देश हैं, दिल्ली की सीएम रेखा गुप्ता उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से अपील कर चुकी हैं कि अवैध खनन के खिलाफ दोनों राज्य के अधिकारी संयुक्त कार्रवाई करें। बावजूद इसके यमुना से न अवैध खनन रुक रहा और न ही माफिया पकड़े जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ट्रोनिका सिटी थाना क्षेत्र के पचायरा गांव में यमुना किनारे खनन माफिया तमाम सख्ती के बाद भी पूरी निर्भीकता से रात के अंधेरे में नदी का सीना छलनी कर रहे हैं। अवैध खनन के खिलाफ कार्रवाई करते हुए वैकल्पिक मार्गाें को खुर्दबुर्द कर दिया गया, लेकिन इन मार्ग पर अब भी टायरों के निशान सबूत छोड़ते जा रहे हैं।

    स्थानीय लोगों की मानें तो रात के अंधेरे में अब भी जेसीबी गरज रहीं हैं और डंपर फर्राटा भर रहे हैं। यमुना किनारे सुप्रीम कोर्ट और एनजीटी की रोक के बाद भी रात के अंधेरे में अवैध खनन जोरों पर किया जा रहा है। अवैध खनन को लेकर इसी माह क्षेत्रीय लेखपाल ने तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

    रविवार को दैनिक जागरण की टीम जब मौके पर सच्चाई जानने पहुंची तो माफिया ने खनन क्षेत्र से एक किलोमीटर पहले ही रोक लिया और कहा आप अंदर नहीं जा सकते। गहरी खोदाई और वैकल्पिक मार्ग पर अस्थायी आवागमन साफ तौर पर दर्शाते हैं कि खनन किसी एक दिन की गतिविधि नहीं बल्कि लगातार हो रहा है।

    लोगों का कहना है कि सर्द रात में नौ बजे के बाद अवैध खनन किया जाता है और सुबह पांच बजे मशीनें फिर खनन क्षेत्र से ऊपर लाकर खड़ी कर देते हैं। ताकि लोगों पता चले कि खनन बंद है। 24 जून को पचायरा प्रधान पति ने डीसीपी ग्रामीण को शिकायत देकर अवैध खनन का विरोध करने पर माफिया द्वारा फायरिंग करने का आरोप लगाया था।

    कार्रवाई हुई लेकिन आरोपित नहीं हुए गिरफ्तार

    दिसंबर माह में ही खनन विभाग द्वारा लगातार कार्रवाई अवैध खनन माफिया के खिलाफ की गई। मुकदमे भी अधिकारियों ने दर्ज कराए लेकिन किसी भी मामले में आरोपितों को पुलिस गिरफ्तार नहीं कर सकी है।

    शहर के मार्ग पर दौड़ रहे हैं ओवरलोड बालू से लदे डंपर

    शहर की सड़कों पर रेत के कारोबारी खुलेआम कानून और यातायात के नियमों की अनदेखी कर रहे हैं। जिम्मेदारों की लचर कार्य प्रणाली के चलते बालू से भरे डंपर बेखौफ क्षेत्र की सड़कों पर दौड़ते नजर आ रहे हैं। अधिकारियों की मानें तो खनन पिछले 10 दिनों से बंद हैं, लेकिन वैकल्पिक मार्ग पर लगे टायरों के निशान साफ तौर पर दर्शा रहे हैं कि वाहनों का आवागमन यहां से किया जा रहा है।

    दिसंबर माह में अवैध खनन के खिलाफ हुईं कार्रवाई

    एक दिसंबर को खनन पट्टे पर कार सवारों ने फायरिंग कर तीन लाख की रंगदारी व छह गाड़ी बालू की मांग की थी।

    दो दिसंबर 2025 को जिला खनन अधिकारी ने छापेमारी कर एक जेसीबी को अवैध खनन करते पाये जाने पर सीज की कार्रवाई की थी। जिला खनन अधिकारी ने तीन रेत से लदे ट्रक को पकड़ कर एक लाख 80 हजार रुपये का जुर्माना वसूला था।

    छह दिसंबर को राजस्व निरीक्षक और लेखपाल की संयुक्त टीम ने खनन पट्टा की पैमाइश कर यमुना किनारे खसरा नंबर 135 रकबा 1.980 पट्टा पर एक जेसीबी द्वारा 900 घन मीटर अवैध बालू खनन पाये जाने पर तीन लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, और पुस्ता मार्ग से खनन क्षेत्र तक बने वैकल्पिक मार्ग को खुर्द बुर्द कर दिया गया था।

    "अवैध खनन करने वालों पर जांच कर कार्रवाई की जा रही है। यमुना किनारे खनन पूर्ण रूप से बंद है। निगरानी टीम निरंतर निगाह बनाए हुए है। कोई अवैध खनन नहीं हो रहा है। रात में भी जांच की जाएगी। पाए जाने पर पर्यावरण की धारा में मुकदमा दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी। मार्ग में जो रेत भरे वाहन चल रहे वह स्टाक के बताए गए हैं।"

    -सौरभ चतुर्वेदी, जिला खनन अधिकारी

    यह भी पढ़ें- गाजियाबाद में सहकर्मी पर शादी का झांसा देकर शारीरिक संबंध बनाने का आरोप, शिकायत करने पर दी जान से मारने की धमकी