हवा की रफ्तार बढ़ी तो घटा प्रदूषण, गाजियाबाद का एक्यूआई 244 पर आया; जिम्मेदारों से भरोसा उठा
गाजियाबाद में हवा की रफ्तार बढ़ने से प्रदूषण में कमी आई है, जिससे शहर का एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 244 पर पहुंच गया है। हवा की गति में सुधार के क ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, साहिबाबाद। प्रदूषण रोकने के लिए लोगों का जिम्मेदारों से भरोसा उठ गया है। अब हवा की गति बढ़ने से दो सप्ताह बाद प्रदूषण के स्तर में बुधवार को गिरावट आई है। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के अनुसार जिले का एक्यूआई 244 खराब श्रेणी में दर्ज हुआ। हालांकि लोगों को अभी पूरी तरह से राहत नहीं मिली है। इंदिरापुरम के एक्यूआई में सबसे अधिक गिरावट आई है। यहां का एक्यूआई 186 मध्यम श्रेणी में दर्ज हुआ।
सीपीसीबी के अनुसार मंगलवार को जिले का एक्यूआई 392 दर्ज हुआ था। बुधवार को हवा की औसतन गति 15 किलोमीटर प्रतिघंटा और हवा के झोंके 34 किलोमीटर प्रतिघंटा रहे। इससे जिले के एक्यूआई में 148 अंक की गिरावट आई है। इससे लोगों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, पर हवा अभी भी खराब श्रेणी में है। वायुमंडल में धुंध भी कम रही।
अंतिम बार 10 दिसंबर को एक्यूआई 300 से कम दर्ज हुआ था। वहीं, वसुंधरा की हवा अभी भी बेहद खराब श्रेणी में बनी है। यहां का एक्यूआई 301 दर्ज हुआ। इसके अलावा संजय नगर व लोनी की हवा खराब श्रेणी में रही अधिकारियों का कहना है कि हवा की गति बढ़ने के साथ ही मौसम में नमी भी कम है। धूल के कारण उड़ने के कारण वायु प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है।
ग्रेप के नियमों का पालन होता तो और मिल जाती राहत
एनसीआर में ग्रेप (ग्रेडेड रेस्पांस एक्शन प्लान) का चौथा चरण लागू है, लेकिन ग्रेप की पाबंदियों का पालन नहीं किया जा रहा है। अगर ग्रेप के नियमों का पालन होता तो एक्यूआई में और गिरावट आ सकती थी। पानी का छिड़काव भी इक्का-दुक्का सड़कों पर होता दिखाई दिया। वहीं, खुले में बिक रही निर्माण सामग्री, जगह-जगह होते निर्माण कार्य, रेस्टोरेंट व ढ़ाबा में जलता कोयला आदि भी प्रदूषण को बढ़ावा दे रहे हैं।
एक्यूआई की स्थिति
| जनपद | एक्यूआई |
| गाजियाबाद | 244 |
| इंदिरापुरम | 186 |
| लोनी | 225 |
| संजय नगर | 266 |
| वसुंधरा | 301 |
सीपीसीबी के अनुसार बीते दिनों का एक्यूआई
| दिनांक | एक्यूआई |
23 दिसंबर | 392 |
22 दिसंबर | 360 |
21 दिसंबर | 364 |
20 दिसंबर | 361 |
| 19 दिसंबर | 358 |
"प्रदूषण के स्तर में गिरावट आई है। आने वाले दिनों में और राहत मिलने की उम्मीद है। सभी विभाग अपने स्तर से भी प्रदूषण रोकथाम की कार्रवाई में जुटे हुए हैं।"
-अंकित सिंह, क्षेत्रीय अधिकारी, यूपीपीसीबी
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