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    सैकड़ों कॉल करने के बाद भी नहीं मिली समाजवादी एंबुलेंस, गर्भवती ने दम तोड़ा

    By Dharmendra PandeyEdited By:
    Updated: Tue, 27 Sep 2016 06:05 PM (IST)

    समाजवादी एंबुलेंस योजना भ्रष्ट सरकारी तंत्र की भेंट चढ़ गई है। इसी का नतीजा रहा कि कल तड़प रही एक गर्भवती ने एंबुलेंस न मिलने पर ई-रिक्शा में दम तोड़ दिया।

    फीरोजाबाद (जेएनएन)। प्रदेश की सत्ता पर काबिज समाजवादी पार्टी के गढ़ माने जाने वाले फीरोजाबाद जिले में ही सरकार की योजनाओं में पलीता लग गया है। यहां समाजवादी एंबुलेंस योजना भ्रष्ट सरकारी तंत्र की भेंट चढ़ गई है। इसी का नतीजा रहा कि कल तड़प रही एक गर्भवती ने एंबुलेंस न मिलने पर ई-रिक्शा में दम तोड़ दिया।

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    शरीर में खून की कमी बताकर महिला अस्पताल से रेफर की गई गर्भवती के लिए सरकारी एंबुलेंस नहीं मिली। परिवार वाले ई-रिक्शा में बिठाकर एक अस्पताल से दूसरे अस्पताल पहुंचे, मगर वहां जमा करने के लिए पैसे नहीं थे। परिवार के लोग उसे लेकर विधायक के दर पर लेकर पहुंचे। विधायक के फोन पर महिला अस्पताल में जब तक उसे भर्ती किया जाता, सांसों की डोर टूट चुकी थी।

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    सुहागनगरी के मुहल्ला कबीरनगर गली संख्या पांच निवासी सब्जी की ठेल लगाने वाले अनिल कुमार की 35 वर्षीय पत्नी गुड्डी देवी गर्भवती थी। परसों रात से ही उसे प्रसव पीड़ा शुरू हो गई। कल सुबह हालत गंभीर होने पर कई बार फोन के बाद भी सरकार की समाजवादी एंबुलेंस नहीं पहुंची। परेशान परिजन महिला को ई-रिक्शा से जिला महिला अस्पताल लाए। यहां स्टाफ नर्स ने उसे देखते ही आगरा ले जाने को कहकर भर्ती करने से इन्कार कर दिया।

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    परिवार के लोग गुड्डी को ई रिक्शा से स्टेशन रोड पर प्राइवेट नर्सिंग होम में ले गए। यहां डॉक्टर ने चेकअप किया, तो प्रसूता में खून कम था। इसके बाद प्रसूता को घर के लोग शिवाजी मार्ग पर प्राइवेट नर्सिंग होम ले गए। पैसा न होने के कारण वहां से लौटा दिया गया। करीब एक घंटे तक इधर-उधर भटकने के बाद गुड्डी के परिवार के लोग सदर विधायक मनीष असीजा के घर पर पहुंचे। विधायक ने महिला अस्पताल की सीएमएस से फोन पर बात की। इसके बाद उसको महिला अस्पताल भेज दिया। परिवार के लोग उसको लेकर अस्पताल के गेट पर पहुंचे ही थे कि महिला ने दम तोड़ दिया।

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    सरकारी अस्पताल में भर्ती कर लेते तो बच जाती जान

    अनिल का कहना था यदि सरकारी अस्पताल में गुड्डी को भर्ती कर लिया जाता, तो उसकी जान बच जाती। यदि सरकार की समाजवादी एंबुलेंस मिल जाती तो फिर अस्पताल में गुड्डी को भर्ती कर लिया जाता, तो उसकी पत्नी की जान बच जाती।उसने नर्सिग होम वालों से बाद में पैसा जमा करने को कहा गया, मगर इसके बाद भी वे नहीं माने। मां की मौत के बाद छह साल के बच्चे कृष्णगोपाल का रो-रोकर बुरा हाल था। सवाल यह है कि नर्स ने बिना डॉक्टर की सलाह लिए गुड्डी को आगरा ले जाने की क्यों कहा। यदि हालात गंभीर थी तो फिर विधायक के फोन करने के बाद भर्ती करने को क्यों तैयार हो गए।

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    सरकार को गरीब की परवाह नहीं

    फीरोजबाद सदर से भारतीय जनता पार्टी के विधायक मनीष असीजा ने बताया कि मुझे जैसे ही महिला की स्थिति की जानकारी मिली, तत्काल सीएमएस से वार्ता कर उन्हें अस्पताल भेजा। सरकारी एंबुलेंस न आने पर परिवार के लोग ई रिक्शा से महिला को अस्पताल ले गए थे। प्रदेश में गरीबों की जान जा रही है, मगर सरकार सिर्फ अपने विज्ञापन का ढिढोरा पीट रही है।

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    एंबुलेंस मुहैया क्यों नहीं कराई? इसकी हम जांच करेंगे

    प्रभारी मुख्य चिकित्साअधिकारी डॉ. एसकेएस राना ने बताया कि महिला के परिवार के लोगों ने ने मुहल्ले में एक दाई से डिलीवरी कराने का प्रयास किया था। दाई ने कोई इंजेक्शन भी लगाया। इससे महिला की हालत गंभीर हो गई। अस्पताल से महिला को आगरा रेफर किया गया, लेकिन परिवार के लोग उसे कहीं अन्यत्र ले गए। एंबुलेंस मुहैया क्यों नहीं कराई? इसकी हम जांच करेंगे।