Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तर प्रदेश में भर्ती होंगी 5000 एएनएम, गलियों में बाइक एंबुलेंस

    By Ashish MishraEdited By:
    Updated: Mon, 11 Apr 2016 09:55 PM (IST)

    प्रदेश में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए पांच हजार एएनएम की भर्ती की जाएगी। सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई राज्य स्वास्थ्य सोसायटी के शासी निकाय की बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 7317 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गयी। गलियों में एंबुलेंस न

    लखनऊ। प्रदेश में टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए पांच हजार एएनएम की भर्ती की जाएगी। सोमवार को मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई राज्य स्वास्थ्य सोसायटी के शासी निकाय की बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के लिए 7317 करोड़ रुपये की योजना को मंजूरी दी गयी। गलियों में एंबुलेंस न पहुंचने का समाधान बाइक एंबुलेंस के जरिये करने की बात तय हुई।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    बैठक में प्रमुख सचिव (स्वास्थ्य) अरविंद कुमार ने बताया कि टीकाकरण पर जोर देने के परिणामस्वरूप प्रदेश में पूर्ण प्रतिरक्षित बच्चों का प्रतिशत 63 से बढ़कर 69 हो गया है। अब ग्र्रामीण स्तर पर टीकाकरण को बढ़ावा देने के लिए पांच हजार अतिरिक्त एएनएम की भर्ती संविदा पर की जाएगी। इसके लिए 33 करोड़ रुपये खर्च का प्रस्ताव किया गया है। वर्ष में दो बार मातृत्व सप्ताह मनाया जाएगा। आशा एवं एएनएम को संस्थागत प्रसव बढ़ाने तथा हाईरिस्क प्रेगनेंसी को चिह्नित करने पर इनसेंटिव देने का प्रस्ताव भी किया गया है। महानगरों की संकरी गलियों में एंबुलेंस न पहुंच पाने के मद्देनजर लखनऊ, कानपुर व वाराणसी में मोटरसाइकिल एंबुलेंस की व्यवस्था लागू होगी। इसके लिए 33 करोड़ रुपये खर्च होगा, जिससे 87 बाइक एंबुलेंस खरीदी जाएंगी। आशा कार्यकर्ताओं का बीमा कराने व आकस्मिक सहायता के लिए विशेष कोष बनाया जाएगा। मौजूदा वित्तीय वर्ष में इसके लिए 1.60 करोड़ रुपये राशि का प्रावधान किया गया है। राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के निदेशक आलोक कुमार ने बताया कि अस्पतालों में 500 करोड़ रुपये मूल्य के 1.22 लाख बायोमेडिकल उपकरण लगे हैं। इनके वार्षिक अनुरक्षण के लिए जल्द ही टेंडर होगा।

    जिला अस्पतालों में मशीनी पोछा

    बैठक में प्रदेश के सभी 157 जिला स्तरीय अस्पतालों में मशीन से सफाई कराने का फैसला हुआ। अब यहां हाथों से पोछा लगाने की व्यवस्था खत्म होगी। यह 'मैकेनाइज्ड क्लीनिंग सिस्टम लागू करने पर 35 करोड़ रुपये खर्च किये जाएंगे।

    डायबिटीज के विशेष क्लीनिक

    गर्भवती महिलाओं में डायबिटीज की समस्या का निराकरण करने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाया जाएगा। 18 मंडल मुख्यालयों पर डायबिटीज रोगियों की पहचान व परीक्षण के लिए विशेष क्लीनिक चलेंगे। सभी राजकीय चिकित्सालयों में नि:शुल्क जांच की व्यवस्था की जाएगी।

    190 करोड़ से ई-हॉस्पिटल

    सभी जिला अस्पतालों में 190 करोड़ रुपये से ई-हॉस्पिटल प्रणाली लागू की जाएगी। हाल ही में बने जच्चा-बच्चा अस्पतालों को पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप के माध्यम से जल्द से जल्द चालू कराने पर 97 करोड़ रुपये खर्च होंगे।

    टेलीरेडियोलॉजी की पहल

    30 जिला अस्पतालों में सीटी स्कैन मशीनें लगेंगी। हर अस्पताल में एक्सरे मशीन लगाकर वहां टेक्नीशियन न उपलब्ध होने की समस्या का समाधान करने के लिए टेलीरेडियोलॉजी प्रणाली की शुरुआत होगी। हीमोफीलिया व थैलीसीमिया मरीजों के लिए 25 जिलों में विशेष उपचार केंद्र बनेंगे।