पहले शराब पिलाई फिर पिटाई कर मारी गोली, नैनीताल की सैर पर निकल गए कातिल; 6 माह बाद खुला हत्याकांड
फिरोजाबाद में छह महीने पहले हुई एक युवक की हत्या के मामले में पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। पुलिस के अनुसार हत्या एक लाख रुपये के तगादे को लेकर की गई थी। आरोपियों ने पहले पीड़ित को शराब पिलाई और फिर उसकी बेरहमी से पिटाई की। इसके बाद उसे गोली मारकर मौत के घाट उतार दिया। पुलिस ने दो आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है।
जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। छह माह पहले युवक की गोली मारकर हत्या के मामले का पर्दाफाश पुलिस अब कर पाई है। युवक की हत्या हलवाई ने अपने दो दोस्तों के साथ मिलकर की थी। इसके बाद तीनों नैनीताल की सैर पर चले गए। हत्या एक लाख रुपये का तगादा करने पर की गई थी। दोस्तों को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हलवाई अभी फरार है।
मटसेना क्षेत्र के आनंदीपुर करकौली में 13 अक्टूबर को 28 वर्षीय एक युवक का अज्ञात शव मिला था। जिसकी हाथ पैर बांध कर बेरहमी से पिटाई करने के बाद गोली मारकर हत्या की गई थी। पुलिस अज्ञात में प्राथमिकी दर्ज कर मामले की जांच की जा रही थी। शव की पहचान के लिए जगह-जगह पंफलेट व पोस्टर चस्पा कराए गये थे। इसके बाद भी पहचान न होने पर पुलिस ने अज्ञात में ही शव का पोस्टमार्टम कराया।
बटेश्वर के पास लगे पोस्टर देखकर पुलिस के पास पहुंचे
दो अप्रैल को बटेश्वर के पास जैन मंदिर पर लगे पोस्टर को देखकर रामगढ़ क्षेत्र के गांव नैपई निवासी अर्जुन सिंह थाने पहुंचे। उन्होंने पुलिस को बताया कि शव उनके भाई रविकांत का था। उसे घर से काम पर ले जाने के बहाने खैरगढ़ के गांव बवाइन निवासी प्रेम बाबू उर्फ भूरा बुलाकर ले गया था। प्रेम बाबू हलवाई है। रविकांत भी उसके साथ काम करता था।
एसपी सिटी ने दी जानकारी
इसके बाद लौटकर नहीं आया। स्वजन जब भी रविकांत को फोन करते तो भूरा उठाता और गुजरात में काम पर जाने का बहाना बना देता था। इसलिए किसी को शक नहीं हुआ। रविवार को प्रेसवार्ता में एसपी सिटी रविशंकर प्रसाद ने बताया कि पहचान होने के बाद इंस्पेक्टर ने मामले की जांच शुरु की तो हत्याकांड में भूरा के साथ धीरेंद्र उर्फ मिन्नू निवासी बवाइन, और रब्बी उर्फ रबजीत निवासी रसीदपुर कनैटा, मटसेना के नाम सामने आए। रविवार को धीरेंद्र और रब्बी को विजयपुरा तिराहे से गिरफ्तार कर लिया गया।
जंगल में मार दी गोली
दोनों पूछताछ में बताया कि घर से बुलाकर लाने के बाद भूरा ने पहले रविकांत को शराब पिलाई। इसके बाद हाथ-पैर बांधकर उसकी पिटाई की। बेहोश होने पर उसे बुलट पर बिठाकर आनंदीपुर करकौली के जंगल में ले गए। वहां गोली मारकर हत्या कर दी। भूरा रविकांत को उसकी कारीगरी के कुछ पैसे देकर बाकी खुद रख लेता था। इस तरह रविकांत के एक लाख रुपये भूरा के पास उधार हो गए थे। वह अपने मांगता था। इस बात से परेशान होकर भूरा ने धीरेंद्र और रब्बी के साथ मिलकर उसके हत्या की साजिश रची।
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इंस्पेक्टर मटसेना शिवकुमार चौहान ने बताया कि हत्या के बाद तीनों नैनीताल चले गए। वहां एक सप्ताह रहने के बाद लौटे थे। आरोपितों को यह यकीन हो गया था कि अब वे पकड़े नहीं जाएंगे। भूरा की तलाश की जा रही है।
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