Firozabad News: नवोदय विद्यालय में छात्रों ने हास्टल में बंद कर छह घंटे किया प्रदर्शन, सुविधाओं पर सवाल!
फिरोजाबाद के जवाहर नवोदय विद्यालय में 131 छात्रों ने खानपान और सुविधाओं की कमी के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया। छात्रों ने खुद को हॉस्टल में बंद कर लिया और प्रधानाचार्य पर भेदभाव का आरोप लगाया। एसडीएम के समझाने पर छात्र माने और हॉस्टल से बाहर आए। छात्रों ने भोजन करने से भी इनकार कर दिया था।

संवाद सहयोगी, जागरण. सिरसागंज/फिरोजाबाद। गुरैया सोयलपुर स्थित जवाहर नवोदय विद्यालय में खानपान की समस्या और असुविधाओं से परेशान छात्रों का आक्रोश सोमवार को भड़क गया। 131 छात्रों ने स्वयं को हास्टल के कमरों में बंद कर लिया। सभी मुंह पर कपड़ा बांधे हुए थे। वे छह घंटे तक बंद रहे। इससे खलबली मच गई।
छात्रों ने प्रधानाचार्य पर भी आरोप लगाए हैं। आक्रोशित छात्रों को समझा कर समस्या का निराकरण कराने का आश्वासन दिया, वे कोई बात सुनने को तैयार थे। खाना खाने से भी इन्कार कर दिया। एसडीएम के समझाने पर वे माने और हास्टल से बाहर आए। मामले का वीडियो इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित हो गया है।
खानपान की समस्या और असुविधाओं का विद्यालय प्रशासन पर लगाया आरोप
इन समस्याओं को लेकर छात्रों में काफी समय से आक्रोश पनप रहा था, सोमवार सुबह साढ़े सात बजे सभी छात्र हास्टल में बंद हो गए। उनका कहना था कि प्रधानाचार्य जाति के आधार पर छात्राें के बीच भेदभाव करते हैं, वह ठीक तरह बात भी नहीं करते। हनुमान चालीसा का पाठ कराते हैं, विद्यालय परिसर में घास कटवाते हैं। खाने की गुणवत्ता भी ठीक नहीं होती। अक्सर दलिया दिया जाता है। बाथरूम में कुंडी नहीं है।
इसकी शिकायत पिछले दिनों की गई, लेकिन सुनवाई नहीं की गई। प्रधानाचार्य अरविंद उपाध्याय ने समझाने की काेशिश की, लेकिन छात्र उन पर आरोप लगाते हुए किसी प्रशासनिक अधिकारी को बुलाने की मांग कर रहे थे।
खाना खाने से किया इनकार, एसडीएम के समझाने पर माने, मची रही खलबली
इसकी जानकारी पर एसडीएम सुदर्शन सिंह और थानाध्यक्ष वैभव सिंह दोपहर 12.30 बजे मौके पर पहुंचे और छात्रों को उनकी समस्याओं का निराकरण कराने का आश्वासन दिया। इसके बाद दोपहर एक बजे छात्र हास्टल से बाहर निकले। तीन बजे सभी ने खाना खाया।
प्रधानाचार्य अरविंद उपाध्याय ने बताया कि कुछ दिन पहले वरिष्ठ और कनिष्ठ छात्रों के बीच विवाद हुआ था। मामले में कुछ छात्रों पर अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई थी। इससे असंतुष्ट कुछ वरिष्ठ छात्रों ने अन्य छात्रों को भड़काया। उन्होंने अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को गलत बताया।
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