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    इंडियन बैंक जसराना शाखा में 1.86 करोड़ का गबन: कहां है मुख्य आरोपित शाखा प्रबंधक? आधी रकम जमाकर थमाते थे पूरी पर्ची

    Updated: Sat, 20 Dec 2025 01:48 PM (IST)

    फिरोजाबाद में इंडियन बैंक की जसराना शाखा में धोखाधड़ी मामले में मुख्य आरोपित शाखा प्रबंधक राघवेंद्र सिंह समेत तीन के खिलाफ जांच चल रही है। राघवेंद्र औ ...और पढ़ें

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    सांकेतिक तस्वीर।

    जागरण संवाददाता, फिरोजाबाद। इंडियन बैंक की जसराना शाखा में धोखाधड़ी कर ग्राहकों की रकम का गबन करने के मामले में पुलिस ने छह आरोपितों को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। जिन्हें न्यायालय ने दोषी ठहराया है। वहीं इस मामले में मुख्य आरोपित शाखा प्रबंधक समेत तीन आरोपितों के विरुद्ध विवेचना चल रही है।

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    मामले की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर राजेश पांडेय ने बताया कि मामले में मुख्य आरोपित शाखा प्रबंधक राघवेंद्र सिंह, नीलेश और सौमिल के विरुद्ध जांच चल रही है। राघवेंद्र और नीलेश हाईकोर्ट से जमानत पर हैं, जबकि सोमिल की तलाश की जा रही है। जल्द ही आरोपितों के विरुद्ध विवेचना पूरी आरोप पत्र कोर्ट में दाखिल कर दिया जाएगा।

    आधी रकम खाते में जमा कर पूरे की थमा देते थे पर्ची

    इंडियन बैंक जसराना शाखा में हुए 1.86 करोड़ रुपये के गबन के मामले में पुलिस की जांच में पता चला है कि आरोपित शाखा प्रबंधक ग्राहकों के खाते से रकम उड़ा देते थे। मामले में तत्कालीन विवेचक रहे इंस्पेक्टर शेर सिंह ने बताया कि जांच के दौरान पता चला था कि आरोपित शाखा प्रबंधक व कैशियर ग्राहक के खाते में कुछ ही रकम जमा करते थे। जबकि जमा पर्ची पूरी राशि का पकड़ा देते थे। अक्सर ग्राहक पासबुक प्रिंट नहीं करते थे। इससे उन्हें अपने साथ हुई गड़बड़ी का पता नहीं चलता था। वहीं कुछ ग्राहकों के खाते से रकम अपने परिचितों के खाते में स्थानांतरित कर देते थे।

    हाईकोर्ट से जमानत पर है आरोपित राघवेंद्र, आरोपितों के विरुद्ध जल्द दाखिल होगी चार्जशीट

    ग्राहक को केवल पर्ची पकड़ा देते थे। इसके बाद गबन की गई रकम को ठेकेदार प्रवीन की फर्म में निवेश कर ब्याज वसूलते थे। ठेकेदार के पिता का भी बैंक में खाता था। गबन की रकम आकाश मिश्रा, वीर बहादुर और मैनपुरी निवासी सौमिल, सुखदेव, नीलेश के खातों में भी जमा की जाती थी। इनके खाते भी इसी शाखा में थे। ये सभी शाखा प्रबंधक राघवेंद्र के करीबी रहे हैं। नीलेश राघवेंद्र का रिश्तेदार है।

    इन पांचों के खाते से रकम गिरोह में शामिल ठेकेदारों के खातों में भेजा जाता था। इसके बदले में शाखा प्रबंधक व गिरोह में शामिल अन्य लाेग ब्याज और ठेकेदारी में होने वाले लाभ में हिस्सा वसूल कर लाभ कमा रहे थे। प्रबंधक लाभ का कुछ हिस्सा गिरोह में शामिल अन्य सदस्यों को देता था। पुलिस को जांच में पता चला था कि शाखा प्रबंधक के प्रवीण समेत कई अन्य ठेकेदारों से संबंध रहे। जांच के दौरान सामने आया था कि आरोपितों ने हड़पी गई रकम से एक जेसीबी खरीदी थी।

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    कैशियर की थी पहली पोस्टिंग 

    गबन के मामले में बैंक के तत्कालीन कैशियर जय प्रकाश को आजीवन कारावास की सजा हुई है। बीएससी तक पढ़े जय प्रकाश को 2022 में बैंक में कैशियर के पद नौकरी मिली थी। उसकी इंडियन जसराना शाखा में पहली तैनाती थी।