Fatehpur Tomb Dispute: फतेहपुर विवादित स्थल पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी में सख्त पहरा, उड़ती रहीं ये अफवाहें
Fatehpur Tomb Dispute फतेहपुर के आबूनगर स्थित मकबरा-मंदिर विवादित स्थल पर श्रीकृष्ण जन्माष्टमी शांतिपूर्ण रही। पुलिस की कड़ी निगरानी रही और ड्रोन से निगरानी की गई। इंटरनेट मीडिया पर भड़काऊ पोस्ट करने वालों पर मुकदमे दर्ज किए गए। हिंदू संगठनों ने घर पर ही पूजा करने की अपील की जिसका पालन किया गया। भाजपा जिलाध्यक्ष ने भी घर पर ही पूजा अर्चना की।

जागरण संवाददाता, फतेहपुर। आबूनगर स्थित मकबरा में ठाकुरद्वारा होने का दावा कर 11 अगस्त को किए गये हमले के बाद से मकबरा पुलिस के साए में है। शनिवार को श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर विवादित स्थल पर हिंदू पक्ष द्वारा पूजा व मुस्लिम पक्ष द्वारा फातिहा पढ़ने व चादर चढ़ाने के अंदेशा पर प्रशासन पूरी तरह से सख्त रहा। 30 ड्रोन कैमरें उड़ाकर निगरानी की गयी।
शहर के आबूनगर के संपूर्ण क्षेत्र पर पुलिस का पहरा रहा तो वहीं विवादित स्थल की एक किलोमीटर परिधि में रास्तों पर बैरियर और 500 मीटर परिधि को बैरीकेड्स लगाकर अवागमन बंद रहा। इंटरनेट मीडिया में माहौल खराब करने पर अखंड प्रताप सिंह, मो. मुजफ्फर इमाम व हक की आवाज फेसबुक आइडी पर एक अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया।
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हालांकि मठ-मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति के सदस्य धनंजय द्विवेदी, अभिषेक शुक्ला, प्रसून तिवारी समेत अन्य सदस्यों ने इंटरनेट मीडिया के जरिए घर में ही ठाकुरजी की पूजा करने की अपील कर दी थी। शनिवार को लगातार दूसरे दिन भी भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने शहर का माहौल ठीक रखने की अपील करते हुए घर में ही श्रीकृष्ण का जन्मोत्सव मनाने की बात कही थी। पूरे दिन पुलिस, पीएसी, एसटीएफ पूरी तरह से सख्त रहा। मकबरे के समीप बनीं आबूनगर नई बस्ती में किसी भी अपरचित को जाने नहीं दिया गया, यहां तक की स्थानीय निवासी भी आधार कार्ड, निर्वाचन कार्ड देखने के बाद भी आने-जाने दिए गए।
विवादित मकबरा स्थल का निरीक्षण करते डीएम-एसपी। जागरण
कमिश्नर विजय विश्वास पंत, कमिश्नर अजय कुमार मिश्र, डीएम रविंद्र सिंह, एसपी अनूप कुमार सिंह ने सुरक्षा कर्मियों की निगरानी में सुबह, दोपहर और शाम को निरीक्षण किया। समूचा पहरा रविवार की शाम तक प्रभावी रखने का निर्देश भी मातहतों को दिया। उधर खुफिया तंत्र इस बात का पता लगाने में लगा रहा कि श्रीकृष्ण जन्माष्टमी को लेकर भाजपा, विहिप समेत अन्य संगठनों की रणनीति क्या है। शहर के हर मोहल्ले में सादी वर्दी में पुलिस गतिविधियों की टोह लेती रही।
सिर में हेलमेट, हाथ में डंडा लेकर डटी पुलिस-पीएसी
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर किसी प्रकार का बावल फिर न हो जाए इसके लिए एसपी अनूप सिंह पुलिस बल की ड्यूटी और निगरानी का स्वयं मूल्यांकन कर रहे थे। बैरियर और चेक प्वांटर से लेकर विवादित स्थल तक तैनात पुलिस व पीएसी जवानों के सिर में हेलमेट और हाथ में डंडा था। वहीं उन्होंने शरीर में बाडी प्रोटेक्टर पहन रखा था।
ड्रोन से देखी छतें व संकरी गलियां
इंटरनेट मीडिया में इस बात को लगातार तूल मिल रही थी कि हिंदू पक्ष श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर पूजन करने जाएगा, उधर मुस्लिम पक्ष से भी कुछ अराजक तत्व पूजा के विरोध में चादर चढ़ाने व फातिहा पढ़ने अफवाह फैला रहे थे। लेकिन इस पर प्रशासन सतर्क रहा। शनिवार को 30 ड्रोन उड़ा कर आबूनगर की नई बस्ती और संकरी गलियों की स्थिति जांची गयी, हालांकि सबकुछ सामान्य मिला।
विवादित स्थल पर सुरक्षा व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं, जिन लोगों द्वारा इंटरनेट मीडिया के जरिए माहौल खराब करने का प्रयास किया गया है उन्हें भी चिन्हित कर कार्रवाई की जा रही है, तीन प्रकरणों में मुकदमें भी दर्ज कराए गए हैं।
रविंद्र सिंह, डीएम, फतेहपुर
इधर, मकबरा नहीं पहुंचे तो घर में फोटो लगाकर की पूजा
भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर आबूनगर के विवादित स्थल पर पूजा करने नहीं गए, लेकिन उन्होंने अपने घर में ही विवादित मंदिर-मकबरे की फोटो लगाकर पूजा अर्चना की। इस फोटो को ठाकुरद्वारा मंदिर का प्रतीक मानकर आरती उतारी। इस दौरान आचार्य राजकिशोर द्विवेदी ने मंत्रोच्चार भी किया। मठ-मंदिर संरक्षण संघर्ष समिति की घोषणा हुई थी कि वह श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर ठाकुरजी विराजमान मंदिर में पूजा करेंगे, हालांकि यह इमारत अब मंदिर-मकबरा विवाद में फंस गयी है। मठ-मंदिर कमेटी के सदस्यों ने भी घर में ही पूजा अर्चना की अपील की थी, लेकिन शाम करीब आठ बजे भाजपा जिलाध्यक्ष मुखलाल पाल ने इसी इमारत की फोटो अपने घर में लगाकर पूजा अर्चना की। इस दौरान उनके साथ मनोज मिश्र मनु भी मौजूद रहे।
उधर विवादित मकबरा स्थल पर भारी पुलिस बल तैनात रहा, जिसके कारण वहां कोई नहीं गया। भाजपा जिलाध्यक्ष द्वारा फोटो में बनें ठाकुरद्वारा मंदिर की आरती उतारते हुए घंटी बजाकर पूजा करते हुए वीडियो भी इंटरनेट मीडिया में प्रचलित हुआ है। इसके बाद प्रशासन ने जरूर राहत की सांस ली, क्योंक हर तरफ यह शंका बनी हुई थी कि कहीं भाजपाई रात में पूजा करने न पहुंच जाएं।
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