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    अमीर बनने के लिए निकला फतेहपुर के गांव का युवक रजा, बन बैठा मास्टरमाइंड मुजाहिदीन आर्मी का सरगना

    Updated: Fri, 03 Oct 2025 03:47 PM (IST)

    फतेहपुर के अंदौली गांव का रजा अमीर बनने की चाहत में गलत राह पर चल पड़ा। पांच साल पहले वेल्डिंग का काम करने वाला रजा मुजाहिदीन आर्मी का सरगना बन गया। उसने दोस्तों से अमीर बनकर लौटने की बात कही थी। एटीएस ने उसे केरल से गिरफ्तार किया। खुफिया विभाग रजा के नेटवर्क से जुड़े 40 युवाओं की जांच कर रहा है।

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    मास्टरमाइंड मुजाहिदीन आर्मी का सरगना मुहम्मद रजा।

    जागरण संवाददाता, फतेहपुर। हिंदू धर्मगुरुओं की हत्या की साजिश का मास्टरमाइंड मुजाहिदीन आर्मी सरगना मुहम्मद रजा नगर पालिका क्षेत्र के अंदौली गांव का रहने वाला है। छोटी उम्र में अमीर बनने की ख्वाहिश ने उसे गलत रास्ते पर खड़ा कर दिया। पांच वर्ष पूर्व राधानगर स्थित वेल्डिंग की एक दुकान में नौकरी करने वाले रजा की मुलाकात गांव में हुए एक उर्स में एक मौलाना से हुई और इसके बाद ही उसका रास्ता बदल गया। वह मौलाना कौन था, अभी उसका पता नहीं चल पाया है।

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    यूं तो रजा चार साल से भाइयों के साथ केरल में नौकरी कर रहा है, लेकिन गांव के युवाओं से उसके तार जुड़े होने की आशंका पर खुफिया विभाग गांव के 40 से अधिक युवाओं के नेटवर्क को खंगालना शुरू कर दिया है। हर साल ईद में गांव आने वाला रजा ने डेढ़ साल पहले अपने दोस्तों से कहा था कि अब मैं अमीर बनकर आऊंगा।

    यूपी लखनऊ की अपराध निरोधक दस्ता (एटीएस) ने मोहम्मद रजा को केरल के मल्लपुरम से गिरफ्तार किया। यह जानकारी गांव में आई तो तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गई। रजा हर साल ईद में गांव आता था और डेढ़-दो माह रहता था। ग्रामीणों की मानें तो वह ज्यादा किसी से बात नहीं करता था, मुंबई में नौकरी करने की बात करता था। रजा आतंकी गतिविधियों में लिप्त हो सकता है, इस पर किसी को भरोसा नहीं हो रहा।

    गांव के एक बुजुर्ग ने बताया कि गांव में एक उर्स हुआ था जिसमे कई मौलाना आए हुए थे। उसी समय रजा की एक मौलाना से मुलाकात हुई। इसके बाद से वह अपने दोस्तों से अमीर बनकर आने की बात कहकर गांव से निकल गया था। राधानगर इंस्पेक्टर दिनेश मिश्र व एलआइयू एसआइ संदीप सिंह ने बताया कि एटीएस के हत्थे चढ़े रजा के बारे में छानबीन की गई तो जिले व शहर में कोई आपराधिक गतिविधियां नहीं हैं और न ही कोई मुकदमा है। फिर भी उसके नेटवर्क के बारे में गोपनीय तरीके से छानबीन की जा रही है।

    युवाओं का नेटवर्क खंगाल रहा खुफिया विभाग

    एटीएस की रिपोर्ट के अनुसार रजा ने लोकतांत्रिक व्यवस्था ध्वस्त कर शरीयत कानून लागू कराने के लिए कट्टरपंथियों का कोर ग्रुप बनाया था। गिरोह में बड़ी संख्या में युवा जुड़े हुए हैं। खुफिया विभाग ने अंदौली गांव व आस पास के 40 ऐसे युवाओं की सूची तैयार की है जो गैर प्रांतों में नौकरी कर रहे हैं। इन युवाओं के नेटवर्क को खंगाल कर यह देखा जा रहा है कि युवा किसी आतंकी संगठन से तो नहीं जुड़े हुए हैं। यह माना जा रहा है कि हिंदू नेताओं व धर्मगुरुओं की हत्या की साजिश रचने वाले आरोपित के नेटवर्क को खोजने के लिए एटीएस अंदौली गांव आ सकती है।

    वर्ष 2022 में एटीएस के हत्थे चढ़ा था सैफुल्ला

    शहर के सैय्यदबाडा निवासी हबीबुल इस्लाम उर्फ सैफुल्ला को यूपी एटीएस ने आतंकी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने के सबूतों पर 12 अगस्त 2022 में गिरफ्तार किया था। सैफुल्ला जेहादी वीडियो तैयार कर इंटरनेट मीडिया में प्रचलित करता था और वर्चुअल आइडी बनाकर आतंकी संगठन जैश ए मुहम्मद के लिए काम करता था और फेसबुक के जरिए पाकिस्तान के हैंडलर्स के संपर्क में आया था। चर्चा है कि सैफुल्ला की तरह मो. रजा का भी पाकिस्तान से कनेक्शन हो सकता है। मूल रूप से बिहार के रहने वाला यह परिवार पिछले 25 साल से सैय्यदबाड़ा में रह रहा था।

    मतांतरण मास्टरमाइंड मो. उमर आता था अंदौली

    राधानगर थाने के पंथुआ मजरे रमवां गांव के श्यामप्रताप सिंह गौतम ने 1984 में मतांतरण कराकर मौलाना मो.उमर गौतम बन गया था। इसके बाद उसने करीब एक हजार से ज्यादा लोगों का ब्रेनवाश कर उनका मतांतरण कराया था। हिंदू से मुस्लिम बने मौलाना के पंथुवा गांव से डेढ़ किलोमीटर के अंतराल में ही अंदौली गांव है जहां मौलाना उमर का अक्सर आना जाना था। उसका नेटवर्क इस गांव में भी था। मौलाना के तार मो. रजा से जुड़े हैं कि नहीं, एटीएस इस पर भी जांच कर सकती है। हालांकि मौलाना उमर गौतम को लखनऊ कोर्ट से सजा हो गई थी।

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