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    फार्मर रजिस्ट्री के नाम पर किसानों से की जा रही मनमानी वसूली, पोर्टल की सुस्त चाल भी बनी मुसीबत

    Updated: Mon, 27 Jan 2025 11:40 AM (IST)

    पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य होने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। पोर्टल की धीमी गति और सीएससी संचालकों की मनमानी के कारण रजिस्ट्री प्रक्रिया में देरी हो रही है। कई जगहों पर संचालक निर्धारित शुल्क से अधिक वसूली कर रहे हैं। अधिकारियों ने छापेमारी शुरू कर दी है लेकिन समस्या जस की तस बनी हुई है।

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    शमसाबाद में सीएससी पर फार्मर रजिस्ट्री कराने को खड़े किसान। जागरण

    जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। पीएम किसान सम्मान निधि योजना के तहत फार्मर रजिस्ट्री अनिवार्य कर दी गई है, लेकिन पोर्टल की धीमी गति और सीएससी संचालकों की मनमानी ने किसानों की मुश्किलें बढ़ा दी हैं। रात में पोर्टल की गति में कुछ सुधार होने के चलते किसान देर रात तक सीएससी पर डटे रहते।

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    संचालक निर्धारित शुल्क 15 रुपये के स्थान पर मनमानी वसूली कर रहे हैं। इस पर रोक को अधिकारियों ने भी छापेमारी शुरू कर दी है।

    पीएम किसान सम्मान निधि की अगली किस्त मिलने के लिए फार्मर रजिस्ट्री की प्रक्रिया पूरी करना अनिवार्य है। जिले में कुल 2,50,162 किसानों को योजना का लाभ मिल रहा है, लेकिन अभी तक केवल लगभग 80 हजार किसानों की ही रजिस्ट्री पूरी हो सकी है। मुख्य समस्या पोर्टल की धीमी गति बनी हुई है, जिसके चलते कामन सर्विस सेंटर (सीएससी) संचालक किसानों को रात में बुलाकर रजिस्ट्री कर रहे हैं। इस दौरान, संचालकों द्वारा निर्धारित 15 रुपये की जगह मनमाना शुल्क वसूलने की शिकायतें सामने आई हैं।

    किसानों का आरोप है कि रात में बुलाने के साथ ही मनमाना शुल्क लिया जा रहा है। मोबाइल पर ओटीपी आने की की बाध्यता के चलते मौजूद रहना मजबूरी है। 

    यह बोले जनसेवा केंद्र संचालक

    शमसाबाद क्षेत्र स्थित एक जनसेवा केंद्र संचालक ललिया सिंह ने बताया कि दिन ये साइड बहुत कम चलती है। रात नौ बजे के बाद ही कुछ सुधार होता है। इसी के चलते किसानों को बुलाकर फार्मर रजिस्ट्री का काम करते है कस्बे मे अन्य जनसेवा केंदु भी कार्य कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसानों से निर्धारित शुल्क 15 रुपये ही लिया जा रहा है। नेटवर्क की समस्या से फार्मर रजिस्ट्री गति नहीं पकड़ रही है।

    अमृतपुर क्षेत्र में किसी भी जन सेवा केंद्र पर ब्राड बैंड की व्यवस्था नही है। केंद्र संचालक मोबाइल के वाई-फाई से कंप्यूटर कनेक्ट कर फार्मर रजिस्ट्री कर रहे हैं। दिन में मोबाइल पर नेटवर्क कम होने से भी कार्य बाधित होता है। फार्मर रजिस्ट्री के लिए नेटवर्क में करीब 100 एमबीपीएस स्पीड मिलनी चाहिए। रात में नेटवर्क की स्पीड बढ़ जाती है, लेकिन रात में किसान नही आना चाहते हैं।

    शिकायतों के बाद अधिकारियों की कार्रवाई

    शिकायतों के बाद कृषि विभाग के अधिकारियों ने सीएससी केंद्रों पर छापेमारी शुरू कर दी है। प्रभारी उपनिदेशक कृषि बीके सिंह ने कहा कि रजिस्ट्री का शुल्क मात्र 15 रुपये तय है। अब तक अधिक शुल्क वसूले जाने की कोई लिखित शिकायत नहीं मिली है। यदि शिकायत आती है तो जांच कर दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

    उन्होंने बताया कि फार्मर रजिस्ट्री से किसानों को कृषि ऋण, वित्तीय अनुदान, फसल बीमा और अन्य योजनाओं का लाभ मिलेगा। साथ ही किसान क्रेडिट कार्ड और एग्रीकल्चर इन्फ्रास्ट्रक्चर फंड के तहत ऋण प्राप्त करने में भी आसानी होगी। पंचायत सचिवों, सहायकों और रोजगार सेवकों को भी निर्देश दिए गए हैं कि वे प्रक्रिया में तेजी लाएं।

    उन्होंने बताया कि रजिस्ट्री की प्रक्रिया वेब पोर्टल या मोबाइल ऐप के माध्यम किसानों द्वारा स्वयं भी पूरी की जा सकती है।

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