यूपी के इस जिले में अतिक्रमण के खिलाफ गरजा बुलडोजर, अवैध दुकानों को किया गया ध्वस्त
Bulldozer Action फर्रुखाबाद में नगर पालिका ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर फतेहगढ़ चौराहा से लेकर भीमसेन मार्केट तक फुटपाथों को अतिक्रमण मुक्त कराया गया। बुलडोजर से टट्टर से बनी दुकानों को तोड़ा गया और मलबा हटाया गया। दुकानदारों को दोबारा अतिक्रमण न करने की चेतावनी दी गई है। यह कार्रवाई अधिशासी अधिकारी विनोद कुमार की निगरानी में की गई है।

जागरण संवाददाता, फर्रुखाबाद। फतेहगढ़ चौराहा पर इडली-डोसा समेत अन्य खान-पान की बिक्री के लिए दुकानदारों ने टट्टर लगाकर फुटपाथ घेर रखा है। शाम होते ही दुकानें लगने से वहां भीड़ होती और बाइक व वाहन सड़क पर खड़े होने से जाम की स्थिति बनती है। नगर पालिका ने अतिक्रमण हटाओ अभियान चलाकर टट्टर से बनी दुकानों को तोड़ कर फुटपाथ से अतिक्रमण हटवाया। दुकानदारों को दोबारा से अतिक्रमण न करने की चेतावनी दी है।
फुटपाथ को अतिक्रमण मुक्त कराने के लिए नगर पालिका ने अतिक्रमण हटाओ अभियान शुरू किया है। इसके तहत गुरुवार को फतेहगढ़ में भीमसेन मार्केट से चौराहा तक अभियान चलाया गया। अधिशासी अधिकारी विनोद कुमार नगर पालिका की टीम लेकर पहुंचे।
नगर पालिका की जमीन पर अवैध अतिक्रमण
उन्होंने दुकान के बाहर नाली पर पड़ी पटियों को बुलडोजर से हटवाया। यह देख कर फुटपाथ पर लकड़ी की दुकान रखे लोग उन्हें उठा कर ले जाने लगे। भोलेपुर होते हुए टीम फतेहगढ़ चौराहा पहुंची। वहां पेट्रोल टंकी के सामने खाली पड़ी नगर पालिका की जमीन को कई लोगों ने टट्टर लगाकर घेर रखा था। शाम होते ही वहां इडली-डोसा समेत अन्य खान-पान की दुकानें सज जाती। लकड़ी की दुकान भी कई लोगों ने वहां रख ली थी।
नगर पालिका के अधिशासी अधिकारी ने बुलडोजर से टट्टर से बनी दुकानों को तुड़वा दिया और मलबा को ट्रैक्टर ट्राली में भरवाया। दुकानदार अपनी लकड़ी की दुकान को ठेली पर रख कर ले गए। ईओ ने उन्हें रोक कर कहा कि अब दोबारा यहां पर लकड़ी की दुकान रखी तो कार्रवाई की जाएगी।
चार वर्ष बाद आई पालिका का एमआरएफसेंटर शुरू होने नौबत
कूड़ा निस्तारण के लिए नगर पालिका का एमआरएफ (मैटीरियल रिकवरी फैसिलिटी) सेंटर व कंपोस्टिंग प्लांट चार वर्ष पहले बना था। जिसे कानपुर मंडल का पहला सेंटर बताया गया था, लेकिन चालू न हो पाने से निष्प्रयोज्य पड़ा रहा। ‘जागरण’ में इस आशय का समाचार प्रमुखता से प्रकाशित होने पर नगर पालिका के अधिकारी सक्रिय हुए, जिससे अब सेंटर आंशिक रूप से शुरू हो गया है।
अपशिष्ट निस्तारण के प्रोजेक्ट एमआरएफ सेंटर का वर्ष 2020 में 31 जुलाई को औपचारिक शुभारंभ तो हो गया था, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ था। इसमें बाउंड्री के अलावा टिन शेड का बड़ा हाल, कार्यालय कक्ष आदि बने थे। इस सेंटर में श्रम शक्ति द्वारा सूखे कचरे से रि-साइकिल योग्य उपयोगी सामग्री प्लास्टिक, पालीथीन, लोहा व अन्य धातु, गत्ता कागज आदि अलग अलग निकालने की व्यवस्था होना बताया गया था।
गीले कचरे से जैविक खाद बनाने का प्लांट भी लगाया जाना प्रस्तावित था। बाद में 16 लाख कीमत की मशीनें भी लग गई। कूड़ा कलेक्शन के लिए कई वाहन खरीदे गए। डंपिंग ग्राउंड के अलावा गीले कचरे से जैविक खाद बनाने की प्रोजेक्ट बना, लेकिन चार वर्ष बीत जाने के बाद भी यहां बिजली कनेक्शन तक नहीं हुआ था। जिससे वहां सभी मशीने निष्प्रयोज्य पड़ीं थीं। जागरण में इस आशय का समाचार 20 सितंबर को प्रकाशित हुआ था।
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