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    Etawah News: इटावा में रातोंरात रास्ते में बना दी मजार, ग्रामीणों का आक्रोश देख पुलिस ने हटाया

    फतेहपुर में मकबरा व मंदिर विवाद थमा नहीं कि इटावा में भी एक ऐसा ही मामला सामने आया। धार्मिक स्थल के नाम पर रातोंरात मजार बना ली गई। ग्रामीणों ने इसे देखा तो आक्राेशित हुए। हालांकि इसे किसने बनाया इसकी जानकारी नहीं हो सकी। पुलिस ने जांच करते हुए इसको हटावाया।

    By gaurav dudeja Edited By: Anurag Shukla1Updated: Wed, 13 Aug 2025 03:03 PM (IST)
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    इटावा में मजार बनाने पर ग्रामीण आक्रोशित।

    जागरण संवाददात, इटावा। चकरनगर थाना क्षेत्र के एक गांव के रास्ते के किनारे दो दिन पहले बनाई गई मजार से ग्रामीण भयभीत के साथ आक्रोशित है। शिकायत पर बुधवार सुबह पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद मजार को हटा दिया। समीप में बसे मुस्लिम परिवार के लोगों से पूछताछ की, लेकिन यह कृत्य किसके द्वारा किया गया, यह जानकारी नहीं हो सकी। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

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    थाना क्षेत्र के ग्राम नगला महानंद को जाने वाले रास्ते के किनारे दो दिन पहले ईटों का चारों ओर घेरा बनाकर मजार जैसी दिखने वाली आकृति बनाए जाने से ग्रामीण आक्रोशित है। शिकायत पर बुधवार सुबह पहुंची पुलिस ने जांच पड़ताल के बाद ईटों को हटा दिया और समीप में बसे मुस्लिम परिवार के लोगों से पूछताछ की। यह कृत्य किसके द्वारा किया गया, यह जानकारी नहीं हो सकी। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

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    चकरनगर थाना क्षेत्र के अंतर्गत लखना सिंडौस मुख्य मार्ग से गांव नगला महानंद को जाने वाले रास्ते पर चंबल सैंक्चुअरी की भूमि पर एक मजार की आकृति बनाकर चारों तरफ ईंट लगा दीं। एक पत्थर भी लगाया गया जिस पर चिड़िया हसीना का नाम अंकित है। ये चिड़िया हसीना कौन है इस बारे में किसी को कुछ पता नहीं। इस घटना से ग्रामीण सहमे हुए हैं। दूसरी तरफ हिंदू गांव के रास्ते पर इस तरह से ईंटें और पत्थर लगाने की पीछे की मंशा को लेकर ग्रामीणों में काफी आक्रोश है।

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    मजार नुमा आकृति गांव में चर्चा का विषय बनी, तो बुधवार सुबह गांव के लोग एकत्रित होकर उस स्थान पर पहुंचे और पुलिस को सूचना दी। मौके पर पहुंची पुलिस ने समीप में ही चंबल सैंक्चुअरी की भूमि में बसे मुस्लिम समुदाय के सलीम खान सहित कई परिवारों से पूछताछ की, लेकिन सभी ने इस मामले में अनभिज्ञता जाहिर की। इसके उपरांत प्रभारी निरीक्षक चकरनगर सुधीर कुमार सिंह ने ईंट व शिला हटाते हुए उस स्थान को ट्रैक्टर से जोतकर समतल कर दिया। मामले को लेकर क्षेत्र में तरह-तरह की चर्चाएं हैं।

    सैंक्चुअरी विभाग की जमीन में बस रही आबादी

    नगला महानंद गांव के ग्रामीण राज बहादुर सिंह, तेज सिंह व गंगा सिंह का आरोप है कि आखिर जब चंबल सैंक्चुअरी विभाग के अधिकारी व कर्मचारी अपनी भूमि पर कोई जगह नहीं देते तो मुस्लिम समुदाय के लोगों को यहां गांव बसाने की अनुमति किसके द्वारा दी गई है। यह भी अपने आप में एक बड़ा सवाल है। हालांकि सलीम खां ने ग्राम प्रधान की अनुमति पर गांव बसाने की बात कही। इस संबंध में चंबल सैंक्चुअरी के स्थानीय कर्मचारी पहले रह चुके कर्मचारियों की अनदेखी की बात कह रहे हैं।

    सड़क किनारे सरकारी जमीन पर बस रहे गांव

    नगला महानंद ग्राम पंचायत में ही नगला चौब आता है। नगला चौब में मुस्लिम आबादी काफी समय से आबाद है। इसी गांव के लखना-सिंडौस मार्ग पर पश्चिम की तरफ सड़क किनारे चंबल सैंक्चुअरी विभाग की जमीन है। यहां पिछले दस सालों में मुस्लिमों की आबादी बस रही है। ये लोग कहां से आए हैं इस बारे में कुछ पता नहीं। वोटों के लालच में इनके आधार कार्ड बन गए। मतदाता सूची में नाम भी दर्ज हैं। वैसे चंबल सैंक्चुअरी विभाग सरकारी जमीन से किसान को एक फाबड़ा मिट्टी खोदने पर दंडित कर देता है और यहां पूरा का पूरा गांव बसता चला जा रहा है। इसी तरह से चांदई गांव में सड़क के किनारे मुस्लिमों की आबादी बस रही है। इनके बारे में भी कोई जानकारी नहीं है। बीहड़ी क्षेत्र में सरकारी जमीन पर वोटों के लालच में बसाई जा रहीं इन बस्तियों के बारे में पूरी जांच होनी चाहिए।

    उसको मजार नहीं कह सकते, लेकिन कब्जा करने का प्रयास किया जा रहा था। वन विभाग मुकदमा लिखाने आ रहा है।

    सुधीर कुमार सिंह, प्रभारी निरीक्षक

    मामले की जांच कराई जाएगी अगर कब्जा किया जा रहा है तो नोटिस देकर खाली कराया जाएगा।

    कोटेश त्यागी, चंबल सैंक्चुअरी रेंजर