Etawah Lion Safari: इटावा सफारी पार्क में बब्बर शेर बाहुबली की मौत, डेढ़ साल से थी ये बीमारी
इटावा सफारी पार्क के निदेशक अनिल पटेल ने बताया कि बाहुबली का इलाज मथुरा बेटिनरी कालेज के विशेषज्ञ डा. आरपी पांडेय व डा. मुकेश श्रीवास्तव के परामर्श के अनुसार लगातार चल रहा था। समय समय पर एनीमा देकर फीकल पास कराया जारहा था औरदवाएं दी जा रहीं थी। 10 नवंबर से इसकी कठिनाई और बढ़ गई थी और बाहुबली को फीकल पास करने में कठिनाई हो रही थी।

जागरण संवाददाता, इटावा। इटावा सफारी पार्क में बब्बर शेर बाहुबली की मंगलवार की शाम सवा छह बजे मौत हो गई। वह पिछले डेढ़ वर्ष से मेगा कोलन यानी कब्ज की बीमारी से ग्रसित था। पिछले तीन दिन से उसने आहार भी बंद कर दिया था और सोमवार से एक ही स्थिति में लेटा हुआ था। उसकी उम्र साढ़े तीन वर्ष की थी। इस वर्ष आठ जुलाई से लेकर अब तक 168 दिनों में 17 वन्य जीवों की मौत हो चुकी है। इनमें शेर के छह शावक व दो भालू भी शामिल हैं। अब यहां एक शावक समेत 16 शेर हैं।
इटावा सफारी पार्क के निदेशक अनिल पटेल ने बताया कि बाहुबली का इलाज मथुरा बेटिनरी कालेज के विशेषज्ञ डा. आरपी पांडेय व डा. मुकेश श्रीवास्तव के परामर्श के अनुसार लगातार चल रहा था। समय समय पर एनीमा देकर फीकल पास कराया जारहा था औरदवाएं दी जा रहीं थी। 10 नवंबर से इसकी कठिनाई और बढ़ गई थी और बाहुबली को फीकल पास करने में कठिनाई हो रही थी। भोजन भी पूरा नहीं लिया जा रहा था। 23 नवंबर को यह पिछले पैरों से खड़े होने में असमर्थ दिखा। जिस पर इसका उपचार किया गया और 26 नवंबर को यह दोनों पैरों से लाचार हो गया था। उसके बाद से यह खड़ा नहीं हो पाया।
इसे पशु चिकित्सालय में स्थानांतरित किया गया था। इसके उपचार हेतु विशेषज्ञ डा. पावड़े भारतीय पशु चिकित्सा संस्थान बरेली, डा. नासिर कानपुर प्राणी उद्यान व डा. आरके सिंह पशु पालन विभाग, डा. उत्कर्ष शुक्ला लखनऊ प्राणी उद्यान व सफारी पार्क के सलाहकार डा. सीएन भुवा का सहयोग लिया जा रहा था। इसका पोस्टमार्टम बुधवार को आइबीआरआइ बरेली के विशेषज्ञों के पैनल द्वारा कराया जाएगा।
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