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    बेटी के मौत से परिवार में छाया मातम, चारा मशीन से दबकर चली गई थी जान

    Updated: Sat, 13 Sep 2025 01:39 PM (IST)

    खुखुंदू में एक दुखद घटना में पाँच वर्षीय रितिका की चारा मशीन से दबकर मृत्यु हो गई। वह शेरवा बभनौली के एक स्कूल में पढ़ती थी। खेलते समय मशीन उस पर गिर ...और पढ़ें

    खुखुंदू में किशोरी की मृत्यु पर बड़वास परिवार के सदस्य का कारण मशीन

    जागरण संवाददाता, खुखुंदू। चारा मशीन से दबकर बेटी की हुई मृत्यु से परिवार में मातम है। परिवार के सदस्य बदहवास हालत में है। दूसरे दिन भी सिसकियां थमने का नाम नही ले रही। जबकि छोटी लाडली बेटी के लिए मां की रोने की चीत्कार हर कोई आंसू बहाने पर मजबूर हो जा रहा है।

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    शेरवा बभनौली के डुमरिया टोला रितिका पांच वर्ष पुत्री मैनेजर शेरवा बभनौली स्थित एक विद्यालय में पहली की छात्रा थी। स्कूल में पढ़ती थी। एक दीनपुर भी स्कूल नहीं गई थी। दरवाजे पर रखा चारा मशीन है। खेलते समय चारा मशीन उसके शरीर पर गिर गया और सिर पर गंभीर चोटें आई, अभी तक इसकी भान किसी को नहीं है, तभी बगल की जा रही महिला ने देखा तो शोर किया, सभी स्वजन पहुंचे और चारा मशीन में फंसी बालिका को बाहर निकाला और मेडिकल कालेज ले गए, जहां डाक्टरों ने मृत घोषित कर दिया।

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    घटना जानकारी होने पर मां नीतू देवी व बहन रागिनी, शिवानी, रोशनी, आराध्य भाई चंदन दहाड़ मार कर रोने लगी। बेटी की मौत की खबर से उसकी मां सदमे में आ गई है।

    लेबनान विदेश में रह रहे पिता मैनेजर चौहान को घटना ने झकझोर कर रख दिया। शुक्रवार को भी स्वजन की रोने की चीत्कार पत्थर दिल को भी रोने को मजबूर कर दे रही थीं। शायद नियति को यही मंजूर था।