जमीन मुआवजा घोटाला: धोखाधड़ी से बैनामा कराए जाने के मामले में नया मोड़, 50 लाख की जमीन 3 लाख में बेची
सलेमपुर में ज़मीन के मुआवज़े में धोखाधड़ी का मामला सामने आया है। नायब तहसीलदार पर कमीशन लेने और ज़मीन के बैनामे में शामिल होने का आरोप है। एसडीएम ने जांच तहसीलदार को सौंप दी है। एक दुकानदार ने लेखपाल और नायब तहसीलदार को पैसा लौटाने की बात कही है। पुलिस ने अभी तक मामला दर्ज नहीं किया है। एसडीएम ने तहसीलदार से तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी है।

जागरण संवाददाता, सलेमपुर। जमीन का मुआवजा दिलाने के नाम पर धोखाधड़ी से रजिस्ट्री कराए जाने का मामला तूल पकड़ता जा रहा है। इस धोखाधड़ी में नायब तहसीलदार का नाम कमीशन लेने और जमीन के बैनामें में संलिप्तता मिलने का आरोप लगते ही एसडीएम ने यह जांच नायब तहसीलदार से हटाकर तहसीलदार से कराने का निर्देश दी है।
जांच में प्रथम दृष्टया जिस दुकानदार के खाते में लेखपाल ने कमीशन भेजवाया था। उसने कहा दिया कि पैसा आधा नायब तहसीलदार व आधा लेखपाल को वापस कर दिया। पैसा भेजने वालों के बारे में मुझे नहीं बताया गया था।
पड़री पांडेय गांव के शमसुद्दीन अली व अशरफ अली ने उप जिलाधिकारी को शिकायती व पुलिस अधीक्षक को पत्र लिख यह आरोप लगाया है कि उनकी पड़री पांडेय मौजा में आराजी नं.182 अ जमीन जो सिसई कोल्हुआ मुख्य मार्ग पर है।
उस कीमती जमीन को लेखपाल ने मुआवजा दिलाने की बात कह 50 लाख की जमीन केवल तीन लाख में बैनामा करा दी गई। इसके अलावा अलग से 50 हजार रुपये कमीशन के नाम पर इनके द्वारा एक दुकानदार के खाते में मंगा लिया गया।
इसकी जांच कर रहे नायब तहसीलदार भटनी हरि प्रसाद ने बताया कि अब तक की जांच में यह बिंंदू आया है कि जमीन क्रेता आरोपित नायब तहसीलदार का नजदीकी है। दोनों संतकबीर नगर में नौकरी किए हैंं।
इसके चलते नायब तहसीलदार ने ही लेखपाल पर दबाव बनवाकर विक्रेता से मुआवजा की बात कह जमीन का बैनामा करा दिया। यह प्रकरण आते ही एसडीएम ने जांच अधिकारी को बदलते हुए तहसीलदार अलका सिंह को इसकी जिम्मेंदारी सौंपी है।
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तहरीर के बाद भी दर्ज नहीं हुआ मुकदमा
धोखाधड़ी से मुआवजा देने की जगह जमीन बैनामा कराने के मामले की जानकारी होने पर शमसुद्दीन व असरफ ने इसकी शिकायत पुलिस अधीक्षक व खुखुंदू थाने में की । शिकायत किए दो सप्ताह से अधिक हो गया अभी तक इस मामले में पुलिस ने मुकदमा नहीं दर्ज की। हालांकि राजस्व विभाग का मामला हाेने के चलते उच्चाधिकारियों की अनुमति लेनी होती है लेकिन इस प्रकरण में अभी तक किसी ने अनुमति भी नहीं दी।
जांच रिपोर्ट तहसीलदार
मामला संज्ञान में आते ही जांच शुरु करा दी गई है। इस शिकायत में नायब तहसीलदार का नाम आने पर जांच की जिम्मेंदारी तहसीलदार को दी गई है। उनसे तीन दिन में जांच रिपोर्ट मांगी गई है। जांच के बाद ही मामले का खुलासा हो सकेगा।
- दिशा श्रीवास्तव एसडीएम सलेमपुर
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