पूर्व IPS अमिताभ ठाकुर ने कोर्ट में रखा बेगुनाही का तर्क, नहीं दे सके जज के सवालों का जवाब
देवरिया कोर्ट में धोखाधड़ी के मामले में पूर्व आईपीएस अमिताभ ठाकुर ने जमानत के समर्थन में स्वयं तर्क रखे, लेकिन अदालत के सवालों का संतोषजनक जवाब नहीं द ...और पढ़ें

पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर। जागरण
विधि संवाददाता, देवरिया। प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रज्ञा सिंह की अदालत में धोखाधड़ी के मामले में निरुद्ध पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने बुधवार को अपनी जमानत के समर्थन में स्वयं तर्क प्रस्तुत किए। हालांकि बहस के दौरान अदालत की ओर से पूछे गए महत्वपूर्ण प्रश्नों का वह संतोषजनक उत्तर नहीं दे सके। सुनवाई पूरी न हो पाने के कारण अदालत ने मामले में पुनः सुनवाई के लिए दो जनवरी 2026 की तिथि नियत कर दी। कचहरी परिसर सुबह से ही पुलिस छावनी में तब्दील रहा।
मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से पूर्व आइपीएस अमिताभ ठाकुर ने प्रभारी मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट शैलजा मिश्रा से अनुरोध किया था कि वह अपनी जमानत प्रार्थना पत्र पर स्वयं बहस करना चाहते हैं। इस पर अदालत ने बुधवार को जिला कारागार से उन्हें न्यायालय में उपस्थित कराने का आदेश दिया। तय समय पर करीब 12 बजे अमिताभ ठाकुर को न्यायालय कक्ष में लाया गया।
अदालत में उन्होंने पूरक जमानत प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करते हुए दलील दी कि एक ही अपराध में दो-दो प्राथमिकी दर्ज किया जाना पुलिस की मानसिकता को दर्शाता है। उन्होंने कहा कि वह स्वयं कथित धोखाधड़ी के लाभार्थी नहीं हैं। न तो प्रशासन की ओर से कोई प्राथमिकी दर्ज कराई गई है और न ही जमीन खरीदने वाले को कोई आपत्ति है।
यह भी पढ़ें- देवरिया में पड़री रेलवे ढाले पर ट्रैक पर फंसी बस, गेटमैन की सूझबूझ से टला बड़ा हादसा
ऐसे में किसी तीसरे व्यक्ति की ओर से इस मामले में प्राथमिकी दर्ज कराना राजनीतिक प्रतिशोध का परिणाम प्रतीत होता है। इस पर न्यायालय ने पूर्व आइपीएस से प्रश्न किया कि जब उनकी जमानत प्रार्थना पत्र पहले से दाखिल है, तो बिना न्यायालय की अनुमति के पूरक प्रार्थना पत्र कैसे प्रस्तुत कर दिया गया। अदालत ने यह भी स्पष्ट किया कि ऐसी स्थिति में वह किस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करे। इस सवाल पर अमिताभ ठाकुर कोई स्पष्ट जवाब नहीं दे सके।
सुनवाई अधूरी रहने के कारण अदालत ने मामले की अगली सुनवाई के लिए दो जनवरी 2026 की तिथि तय कर दी। उधर, अदालत कक्ष में बहस के दौरान वकीलों, वादकारियों और पुलिस की भारी मौजूदगी ने लोगों का ध्यान आकर्षित किया। भीड़ को नियंत्रित करने में पुलिस को खासी मशक्कत करनी पड़ी।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।