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    3 साल से न्याय के लिए भटक रहे द्वारिका, सब्र टूटा तो....शिकायतों की माला बना पहुंचे कलेक्ट्रेट

    Updated: Fri, 26 Sep 2025 11:02 PM (IST)

    चित्रकूट के पटिया जाप्ती गांव निवासी द्वारिका प्रसाद ने जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ 23 शिकायतों की माला बनाकर विरोध जताया। उनका आरोप है कि 2019 से उनकी जमीन और मकान पर कब्जा किया गया है। शिकायत के बाद समाधान हुआ लेकिन फिर कब्जा हो गया। थानाध्यक्ष अनुपमा तिवारी ने उन्हें समाधान दिवस में आने को कहा है जहाँ लेखपाल के साथ उनकी समस्या का तत्काल समाधान किया जाएगा।

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    कलेक्ट्रेट में शिकायती पत्रों की माला लेकर बैठा पत्नी के साथ द्वारिका प्रसाद और साथ में समाजसेविया माया प्रजापति। जागरण

    जागरण संवाददाता, चित्रकूट। चित्रकूट में तीन साल से जमीन पर कब्जे के खिलाफ न्याय की गुहार लगा रहे द्वारिका प्रसाद का सब्र आखिरकार टूट गया। प्रशासन और पुलिस की अनदेखी से व्यथित द्वारिका शुक्रवार को पत्नी संग कलेक्ट्रेट पहुंचे। वहां पर अजीबोगरीब तरीके से विरोध जताया। इसकी चर्चा कलेक्ट्रेट में रही। 

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    जमीन पर अवैध कब्जे के खिलाफ आवाज उठाते-उठाते तीन साल से थक चुके द्वारिका प्रसाद ने 23 शिकायत पत्रों माला बनाई और विरोध जताने पहुंच गए कलेक्ट्रेट। पहाड़ी थाना क्षेत्र स्थित पटिया जाप्ती गांव के रहने वाले द्वारिका प्रसाद का आरोप है कि उनकी जमीन और मकान पर लोग कब्जा कर चुके हैं।

    प्रशासन से शिकायत पर समाधान हुआ, लेकिन दोबारा कब्जा हो गया। पहाड़ी थाना प्रभारी अनुपमा तिवारी ने बताया कि शनिवार को वह अपनी शिकायत लेकर समाधान दिवस में आएं। यहां लेखपाल भी रहेंगे। उनकी जमीन तत्काल कब्जामुक्त कराई जाएगी।

    जिला प्रशासन की अनदेखी से व्यथित द्वारिका प्रसाद शुक्रवार को पत्नी कलावती के साथ कलेक्ट्रेट पहुंचे। उन्होंने तीन साल में जो 23 शिकायती पत्र दिए थे, उनकी माला बनाई और मुख्य द्वार पर खंभे से बांध दिया। इसके बाद मौन होकर धरने पर बैठ गए। इस अनोखे प्रदर्शन को देख लोग हैरान रह गए। धरने के बाद द्वारिका ने बताया कि गांव के कुछ लोगों ने 2019 से उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर रखा है।

    फिर कोई कार्रवाई नहीं हुई

    जिलाधिकारी से 21 सितंबर को शिकायत की तो उन्होंने कानूनगो और लेखपाल को जांच के लिए भेजा गया था। सहमति से मामले का समाधान भी हो गया था। बावजूद इसके विपक्षियों ने दोबारा जमीन पर कब्जा कर लिया। पीड़ित ने बताया कि मना करने पर उन्हें गालियां दी गईं और धमकाया गया। घटना की जानकारी उन्होंने पहाड़ी थाना को भी दी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। थाने बुलाए जाने के बावजूद उनकी बात नहीं सुनी गई।

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