Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    चित्रकूट में 16 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों को मिलेगा अपना स्थायी भवन, शासन से मिली मंजूरी

    Updated: Thu, 25 Dec 2025 12:10 PM (IST)

    उत्तर प्रदेश के चित्रकूट में 16 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों को अब अपना स्थायी भवन मिलेगा। शासन ने इसके लिए मंजूरी दे दी है। इसके लिए शासन ने प्रति ...और पढ़ें

    Hero Image

    जिला खेल स्टेडियम के पास बना होम्योपैथी चिकित्सालय।

    जागरण संवाददाता, चित्रकूट। जिले में होम्योपैथिक चिकित्सा सेवाओं को सुदृढ़ करने के लिए शासन स्तर पर ठोस योजना पर काम शुरू हो गया है। लंबे समय से भवन की कमी से जूझ रहे 16 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालयों को अब अपना स्थायी भवन मिलेगा। इसके लिए शासन ने प्रति भवन करीब 29 लाख रुपये की धनराशि स्वीकृत करते हुए निर्माण कार्य भी प्रारंभ करा दिया है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय अब तक वैकल्पिक और अस्थायी भवनों में संचालित हो रहे थे। भवन की कमी के चलते डॉक्टरों, स्वास्थ्य कर्मियों और मरीजों को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता था। पर्याप्त कक्ष, शौचालय और बुनियादी सुविधाओं के अभाव में स्वास्थ्य सेवाएं भी प्रभावित हो रही थीं।

    इस समस्या को देखते हुए विभागीय अधिकारियों ने शासन के समक्ष स्थायी भवन निर्माण का प्रस्ताव रखा था, जिसे स्वीकृति मिल गई है। योजना के तहत जिले के विभिन्न क्षेत्रों में होम्योपैथिक चिकित्सालय भवनों का निर्माण किया जा रहा है।

    सोनेपुर में राजकीय स्पोर्ट्स स्टेडियम के बगल में भवन का निर्माण पूरा हो चुका है, जबकि भैसौंधा, सरधुवा, कलचिहा, सीतापुर, सेमरिया जगन्नाथ सहित अन्य स्थानों पर निर्माण कार्य प्रगति पर है। कुछ भवनों का कार्य अंतिम चरण में है और शीघ्र ही संचालन शुरू होने की संभावना है।

    प्रत्येक चिकित्सालय भवन के लिए करीब 29 लाख चार हजार रुपये की लागत निर्धारित की गई है, जिसकी धनराशि अवमुक्त कर दी गई है। भूमि प्रस्तावित होने के साथ ही निर्माण कार्य तेज गति से कराया जा रहा है, ताकि जल्द से जल्द जनता को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जा सकें।

    जिला होम्योपैथिक चिकित्साधिकारी डॉ. दिलीप सिंह ने बताया कि जिले में कुल 16 राजकीय होम्योपैथिक चिकित्सालय संचालित हैं, जो अभी वैकल्पिक भवनों में चल रहे हैं। पूर्ण भवनों की जांच के लिए मुख्य विकास अधिकारी को पत्र भेजा गया है। सभी भवनों के पूर्ण होने के बाद चिकित्सालय विधिवत रूप से अपने भवनों में संचालित होंगे।

    यह भी पढ़ें- 'पौराणिक स्थल या स्मारक पर जो कोई भी कब्जा करेगा उसे छोड़ूंगा नहीं', सदन में सीएम योगी ने दी चेतावनी