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    डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर पर दौड़ी एक लाख मालगाड़ियां, रेलवे को ₹25 हजार करोड़ की आय

    Updated: Sat, 30 Aug 2025 04:51 PM (IST)

    डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर ने एक लाख मालगाड़ियों के परिचालन का रिकार्ड बनाया है जो भारतीय रेलवे के लिए एक बड़ी उपलब्धि है। इससे रेलवे को लगभग 25 हजार करोड़ रुपये की आय हुई है। पूर्वी कारिडोर पर रोजाना 150 मालगाड़ियां दौड़ रही हैं जिससे सात लाख मीट्रिक टन माल की ढुलाई हो रही है।

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    डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर से प्रति वर्ष आठ हजार करोड़ का मुनाफा हो रहा है।

    जागरण संवाददाता, पीडीडीयू नगर (चंदौली)। डेडिकेटेड फ्रेट कारीडोर ने बड़ा कीर्तिमान हासिल किया है, जो देश में नवनिर्मित समर्पित मालवाहन गलियारे में एक लाख मालगाड़ियों के परिचालन का रिकार्ड है।

    यह उपलब्धि डीएफसी के लिए एक मील का पत्थर है, जो भारतीय रेलवे की क्षमता और दक्षता को दर्शाता है। डायरेक्टर प्रोजेक्ट प्लानिंग पंकज सक्सेना की बड़ी मेहनत से यह मुकाम मिला है। पूर्वी डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (पूर्वी डीएफसी) पर अब तक 55,332 और पश्चिमी डेडिकेटेड फ्रेट कारिडोर (पश्चिमी डीएफसी) पर 44,658 गाड़ियां चलाई जा चुकी हैं।

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    डीएफसी ने एक लाख मालगाड़ियों के परिचालन का रिकार्ड बनाया है, जो इसकी क्षमता और दक्षता को दर्शाता है। डीएफसी एक समर्पित मालवाहन गलियारा है, जो मालगाड़ियों के परिचालन के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है। डीएफसी की उपलब्धि भारतीय रेलवे की क्षमता में वृद्धि को दर्शाती है, जो देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।

    इस उपलब्धि से यह स्पष्ट होता है कि डीएफसी भारतीय रेलवे के लिए महत्वपूर्ण है, जो देश के माल परिवहन में क्रांति ला रहा है। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर ने एक लाख मालगाड़ियों के परिचालन का रिकॉर्ड बनाकर एक बड़ा कीर्तिमान हासिल किया है। इससे रेलवे को लगभग 25 हजार करोड़ रुपये की आय हुई है। डीएफसी की इस उपलब्धि से न केवल रेलवे की आय में वृद्धि हुई है, बल्कि इससे उद्योगों और व्यापारियों को भी बड़ा फायदा हो रहा है।

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    डीएफसी पर मालगाड़ियां 70-75 किमी/घंटा की औसत गति से चलती हैं, जो सामान्य रेलवे नेटवर्क पर 25-30 किमी/घंटा है। डीएफसी के चालू होने से माल ढुलाई में वृद्धि हुई है और रेलवे की आय में भी बढ़ोतरी हुई है। डीएफसी का उपयोग पर्यावरण के लिए भी लाभकारी है, क्योंकि यह कम ऊर्जा खपत और हरित परिवहन को बढ़ावा देता है।

    डीएफसी से उद्योगों को अपनी उत्पादकता बढ़ाने और माल की तेज और सस्ती ढुलाई में मदद मिलती है। डीएफसी के पूरी तरह से कार्यशील हो जाने पर भारत की लाजिस्टिक लागत में उल्लेखनीय कमी आने की उम्मीद है। डीएफसी की उपलब्धि से देश के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है।

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