मुस्लिम युवक ने नाबालिग छात्रा को दुकान में खींचकर किया दुष्कर्म, चीख सुनकर पहुंचे स्कूल वाले और राहगीर
Bulandshahr Rape Case बुलंदशहर में एक मुस्लिम युवक ने स्कूल जाते समय एक नाबालिग छात्रा को दुकान में खींचकर दुष्कर्म किया। छात्रा की चीख-पुकार सुनकर स्कूल प्रबंधक और अन्य लोगों ने दुकान में घुसकर छात्रा को आरोपित के चंगुल से छुड़ाया। पुलिस ने आरोपी की तलाश शुरू कर दी है। वहीं दुष्कर्म के एक मामले में अदालत ने सिपाही को दोषी माना है।

जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। Bulandshahr News: स्कूल जाते समय कक्षा सात की छात्रा को स्कूल के निकट दुकान करने वाले मुस्लिम युवक ने दुकान में खींचकर दुष्कर्म किया। छात्रा की चीख पुकार सुनकर स्कूल प्रबंधक व अन्य लोगों ने दुकान में घुसकर छात्रा को आरोपित के चंगुल से छुड़ाया। स्कूल प्रबंधन ने पीड़ित छात्रा के स्वजन को घटना की जानकारी दी। स्वजन के साथ मौके पर सैकड़ों लोग पहुंच गए।
मामला दो समुदाय के बीच का होने के कारण पुलिस पीड़िता को कोतवाली ले आई। पीड़िता के स्वजन ने आरोपित युवक दानिश पुत्र कयूम निवासी खुशहालगढ़ रोड के खिलाफ तहरीर दी है।
कोतवाली प्रभारी विशंभर दयाल गंगवार ने बताया कि फरार आरोपी की पकड़ने के लिए दबिश दी जा रही है।
पुलिस की गिरफ्त में दुष्कर्म का दोषी सिपाही।
भाभी से दुष्कर्म के दोषी सिपाही को 20 फरवरी को सुनाई जाएगी सजा
भाभी से दुष्कर्म करने के दोषी उत्तर प्रदेश पुलिस के सिपाही ने सोमवार को अदालत में आत्मसर्मपण कर दिया। अदालत ने सिपाही के हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र को भी निरस्त कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। दुष्कर्म के दोषी सिपाही को अदालत 20 फरवरी को सजा सुनाएगी। एडीजीसी विजय कुमार शर्मा और ईशांत चौधरी ने बताया कि गुलावठी थाना क्षेत्र के एक गांव निवासी महिला ने 26 जून 2022 को मुकदमा दर्ज कराया। वादी महिला के मुताबिक कि उसका देवर यूपी पुलिस में सिपाही है।
बच्चों को कमरे में किया बंद
महिला के अनुसार घटना वाले दिन आरोपित देवर डयूटी कर दिन में घर आया और उसके दोनों बच्चों को कमरे में बंद कर दिया। इसके बाद आरोपित देवर ने उसके कमरे में घुसकर उसके साथ दुष्कर्म किया। आरोपित सिपाही ने भाभी के सथ छह साल तक दुष्कर्म किया। पुलिस ने जांच कर आरोप पत्र न्यायालय में दाखिल किया। अपर सत्र न्यायाधीश/ त्वरित न्यायालय वरुण मोहित निगम ने मुकदमे में निर्णय सुनाने के लिए 13 फरवरी की तिथि निर्धारित की थी, लेकिन आरोपित सिपाही अदालत में पेश नहीं हुआ। सिपाही ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से न्यायालय में हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र दाखिल किया।
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सिपाही की हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र निरस्त
अदालत ने हाजिरी माफी प्रार्थना पत्र निरस्त करते हुए आरोपित सिपाही को दोषी करार दिया। अदालत ने सिपाही के पेश न होने पर थाने में पत्राचार किया तो पता चला कि उसकी डयूटी महाकुंभ प्रयागराज में लगी है। सोमवार को आरोपित सिपाही ने अदालत में सरेंडर किया। इसके बाद अदालत ने सिपाही को न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया। एडीजीसी ने बताया कि सिपाही को 13 फरवरी को ही दोषी करार दिया गया था। अब 20 फरवरी को अदालत सजा सुनाएगी।
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