कोरोना को हराकर मरीजों की सेवा में जुटीं हुमेरा
कोरोना महामारी के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में लड़ने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में जिला अस्पताल की नर्सिंग आफिसर हुमेरा रईस का हौसला भी मिशाल है। मरीजों की सेवा करते-करते हुमेरा रईस वायरस की चपेट में आ गई लेकिन घबराई नहीं। कोरोना मुक्त होकर फिर से मरीजों की सेवा में जुट गई।
जेएनएन, बुलंदशहर। कोरोना महामारी के खिलाफ अग्रिम पंक्ति में लड़ने वाले स्वास्थ्यकर्मियों में जिला अस्पताल की नर्सिंग आफिसर हुमेरा रईस का हौसला भी मिशाल है। मरीजों की सेवा करते-करते हुमेरा रईस वायरस की चपेट में आ गई लेकिन घबराई नहीं। कोरोना मुक्त होकर फिर से मरीजों की सेवा में जुट गई।
शहर के मोहल्ला देवीपुरा निवासी हुमेरा रईस जिला अस्पताल में नर्सिंग आफिसर के पद पर तैनात है। महामारी काल में वह लगातार ड्यूटी करती आ रही हैं। हुमेरा रईस ने बताया कि शुरुआत में जब जिले का पहला कोरोना पाजिटिव मरीज जिला अस्पताल पहुंचा तो अफरातफरी का माहौल था। मौत के खौफ में अफवाहें भी इस कदर फैली की ड्यूटी करने से स्वास्थ्य कर्मचारी घबराने लगे। मन में घबहराहट हुई। घर वाले भी अस्पताल जाने से पहले घबराने लगे लेकिन मन में अचानक से ख्याल आया कि यदि मेडिकल सेवा से जुड़े लोग ही घबराएंगे तो कोरोना के खिलाफ लड़ेगा कौन? इस प्रश्न का उत्तर स्वयं के मन ने दिया और फिर ये हिम्मत वाली नर्सिंग आफिसर जिला अस्पताल पहुंचकर मरीजों की सेवा में जुट गई। वार्ड में मरीजों का इलाज करते-करते सितंबर माह में कोरोना ने जकड़ लिया तो होम क्वारंटाइन होकर घर पर इलाज किया। दस दिन में कोरोना को हराया और फिर से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में कूद पड़ी। अभी तक लगातार मरीजों की सेवा कर रही हैं। उन्होंने बताया कि संक्रमित होने के बाद डर लगा था लेकिन फिर लोगों की सेवा करने का फैसला लिया। इनके हिम्मत और हौसले को स्टाफ भी सलाम करता है।