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    Bulandshahr: इंस्पेक्टर सुबोध के पिता भी हुए थे बलिदान, उनके स्थान पर मिली नौकरी, बेटों व पत्नी को दिलाई बड़ी कसम

    Updated: Fri, 01 Aug 2025 09:33 PM (IST)

    Bulandshahr News तीन दिसंबर 2018 को बुलंदशहर के स्याना कोतवाली के महाव गांव में गोवंशीय अवशेष मिलने पर हिंसा हुई थी जिसमें इंस्पेक्टर सुबोध कुमार बलिदान हो गए थे। उनके पिता भी उत्तर प्रदेश पुलिस में थे और बलिदान हुए थे। पिता के स्थान पर सुबोध कुमार को नौकरी मिली थी।

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    इंस्पेक्टर सुबोध कुमार के पिता भी हुए थे बलिदान, उनके स्थान पर मिली नौकरी

    जागरण संवाददाता, बुलंदशहर। उन्मादी भीड़ की हिंसा में मारे गए कोतवाल सुबोध कुमार ने अपने दोनों बेटे और पत्नी रजनी सिंह को पुलिस विभाग में नौकरी नहीं करने की कसम दिलाई थी। इसके चलते उनके बलिदान होने पर उनकी पत्नी और बेटों ने पुलिस में नौकरी नहीं ली, लेकिन उनकी पत्नी रजनी ने सरकार से किसी भी विभाग में ओएसडी बनाए जाने की मांग की थी। जिसे सरकार ने नामंजूर कर दिया। कोतवाल सुबोध कुमार हत्याकांड में अदालत ने शुक्रवार को पांच दोषियों को सजा सुनाई। बुलंदशहर पहुंचे कोतवाल के बड़े पुत्र श्रेय सिंह और उसकी मां रजनी सिंह ने फोन पर बताया कि वह अदालत के फैसले से खुश हैं और यह उनकी नहीं सच्चाई की जीत है।

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    रजनी ने बताया कि उनके पति ने कसम दी थी कि उन्हें अगर कभी कुछ हो जाए तो दोनों में किसी भी बेटे को पुलिस में नौकरी नहीं दिलाना। इस कसम को उन्होंने माना। उनका बड़ा बेटा श्रेय एक मल्टीनेशनल कंपनी में मैनेजर और छोटा अभिषेक सिंह कानून की पढ़ाई कर रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार से अपने लिए किसी भी विभाग में ओएसडी बनाए जाने की जरूर मांग की थी, जिसे प्रदेश सरकार ने नामंजूर कर दिया।

    यह भी पढ़ें- बुलंदशहर के स्याना हिंसा मामले में अदालत का बड़ा फैसला, पांच दोषियों को उम्रकैद और 33 को सात वर्ष का कारावास

    रजनी ने बताया कि उनके ससुर रामप्रताप सिंह भी उत्तर प्रदेश पुलिस में उप निरीक्षक थे और बलिदान हुए थे। पिता के स्थान पर ही सुबोध कुमार को नौकरी मिली थी।

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