बिजनौर में खतरनाक कोबरा ने भी किया आबादी की तरफ रूख, डसने पर दांत गड़ाता है, लेकिन कई बार इस कारण नहीं छोड़ता जहर
Bijnor News बिजनौर में जहरीले कोबरा सांपों का खतरा बढ़ गया है। सर्प मित्रों ने सोमवार को दो कोबरा पकड़े जिनमें से एक धामपुर के शौचालय और दूसरा मंडावर के निर्माणाधीन मकान से मिला। वन विभाग ने लोगों से सांपों को न मारने और सर्प मित्रों को बुलाने की अपील की है। सांप डसने पर तुरंत अस्पताल जाने की सलाह दी गई है।

जागरण संवाददाता, बिजनौर। जिले में सांप लगातार आबादी में आ रहे हैं। अब भारत में पाए जाने वाले सबसे अधिक जहरीले सांपों में से एक कोबरा भी आबादी की ओर बढ़ रहा है। सोमवार को सर्प मित्रो़ं ने दो कोबरा पकडे हैं। इनमें से एक कोबरा लगभग पांच फीट का है। कोबरा की इससे अधिक लंबाई नहीं हाेती है। कोबरा मनुष्यों पर अक्सर फोर्स बाइट करने के लिए जाना जाता है। यानि दांत गड़ाना और जहर न उगलना।
सोमवार को धामपुर क्षेत्र के गांव मंडोरा में शौचालय में सांप दिखने की सूचना मिली। सर्प मित्र भानु भास्कर वहां पहुंचे तो शौचालय की दीवार में बनी दरार में कोबरा सांप छिपा हुआ था। उन्होंने किसी तरह उसे बाहर निकाला।
उन्होंने सांप को पकड़कर जंगल में छोड़ा। इसकी लंबाई तीन से साढ़े तीन फीट थी। वहीं मंडावर के एक मोहल्ले में निर्माणाधीन मकान के पास सर्पमित्र सांप पकड़ने पहुंचे। वहां रखी ईंटों के बीच कोबरा छिपा हुआ था। उन्होंने कोबरा सांप को पकड़ा। इस कोबरा सांप की लंबाई लगभग पांच फीट थी। कोबरा सांप इससे अधिक लंबा नहीं होता है।
यह हमारे देश में मिलने वाले सबसे अधिक जहरीले सांपों में से एक है। कई बार लोग कोबरा सांप को ही किंग कोबरा कहने़ लगते हैं। दोनों ही सांप फन वाले होते हैं लेकिन इनके आकार में बहुत अंतर हो़ता है। किंग कोबरा 15 फीट तक का होता है। हमारे जिले में अमानगढ टाइगर रिजर्व को छोड़कर और कहीं किंग कोबरा देखने को नहीं मिला है।
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दांत गाड़ने के बाद भी नहीं छोड़ता जहर
विशेषज्ञों के अनुसार कोबरा सांप का जहर उसके लिए बहुत मूल्यवान होता है और ये उसे ऐसे ही बर्बाद नहीं करते हैं। ये दबाव पड़ने पर कई बार मनुष्यों को डसते हैं तो दांत तो गड़ा देते हैं लेकिन जहर नहीं छो़डते हैं। ऐसा वे अपने जहर को बचाने के लिए करते हैं। इसे फोर्स बाइट कहा जाता है। वह शिकार के लिए जहर को बचाकर रखता है। हालांकि किसी भी सांप के डसने पर अस्पताल में उपचार कराने को कहा जाता है।
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सहायक वन संरक्षक ज्ञान सिंह का कहना है कि इस समय आबादी से बहुत सांप पकड़े जा रहे हैं। लोग सांपों को न मारें और स़र्प मित्रों को बुलाएं। सर्प मित्र आकर सांप पकड़ ल़ेंगे। सर्प दंश की स्थिति में अस्पताल में जाकर उपचार कराना चाहिए।
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