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पंचायत चुनाव में आई प्रवासियों की याद

पंचायत चुनाव के लिए मतदान की तिथि धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। जनपद में दूसरे चरण 19 अप्रैल को मतदान होगा। प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित हो गए और वह अपनी जीत के लिए हर प्रयास कर रहे हैं। जिले के ज्यादातर लोग रोजगार के लिए दिल्ली गुडगांव देहरादून हरिद्वार आदि महानगरों में रह रहे हैं। प्रत्याशी चुनाव में अपने पक्ष में ज्यादा मतदान कराने के लिए प्रवासी कामगारों से संपर्क साधे हुए हैं।

By JagranEdited By: Published: Wed, 14 Apr 2021 11:59 AM (IST)Updated: Wed, 14 Apr 2021 11:59 AM (IST)
पंचायत चुनाव में आई प्रवासियों की याद

जेएनएन, बिजनौर। पंचायत चुनाव के लिए मतदान की तिथि धीरे-धीरे नजदीक आ रही है। जनपद में दूसरे चरण 19 अप्रैल को मतदान होगा। प्रत्याशियों को चुनाव चिन्ह आवंटित हो गए और वह अपनी जीत के लिए हर प्रयास कर रहे हैं। जिले के ज्यादातर लोग रोजगार के लिए दिल्ली, गुडगांव, देहरादून, हरिद्वार आदि महानगरों में रह रहे हैं। प्रत्याशी चुनाव में अपने पक्ष में ज्यादा मतदान कराने के लिए प्रवासी कामगारों से संपर्क साधे हुए हैं।

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प्रत्याशी स्वयं प्रवासी कामगारों के पास पहुंचकर चुनाव के दिन गांवों में आने और अपने पक्ष में मतदान करने की अपील कर रहे हैं। यहीं नहीं प्रवासी कामगारों से लगातार फोन के माध्यम से संपर्क बनाएं हुए हैं। इनके आने जाने का खर्च भी प्रत्याशी ही वहन करने का आश्वासन दें रहे है। इस माध्यम से वह भी कुछ दिन अपने स्वयंजनों के साथ बिताएंगे। पंचायत चुनाव में प्रवासी कामगारों को घर लाने की कवायद में कोरोना कोविड बाधा डाल सकता है। कोरोना संक्रमण तेजी से फैलने के कारण लगाई गई पाबंदियों के कारण प्रवासियों को आने-जाने में दिक्कत होगी। प्रत्याशियों को भय है कि वह चुनाव के दिन न आए। इसलिए प्रत्याशी प्रवासियों को स्वयं के वाहनों या टैक्सी से आने को कह रहे हैं।

पैजनियां : हल्दौर ब्लाक क्षेत्र में 12 न्याय पंचायतों के अंतर्गत कुल 87 ग्राम पंचायतें हैं। क्षेत्र के कई ग्राम पंचायतों में अनेक प्रवासी कामगार पंजाब, हरियाणा, दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तराखंड आदि राज्यों में अपने परिवार सहित रहकर काम कर रहे हैं। कोरोना संक्रमण तेजी से बढ़ने के कारण कई स्थानों पर लाकडाउन, नाइट क‌र्फ्यू और कई तरह की वायरस बचाव संबंधी पाबंदिया लगा दी गई है। ग्राम पंचायतों में चुनाव लड़ रहे कुछ प्रत्याशी प्रवासी कामगारों को अपने-अपने खर्चों पर उनके घर वापस लाने से भी पीछे नहीं हट रहे हैं। प्रवासी कामगार परिवार समेत अपने अपने घरों को वापस लौटने को लेकर तो दुविधा में है ही, लेकिन उससे ज्यादा प्रत्याशी परेशान होते नजर आ रहे है। प्रत्याशी प्रवासी कामगारों को उनके घर लाने के लिए हर संभव प्रयास करने में जुटे हुए है। प्रत्याशी प्रवासी कामगारों और उनके परिवार के घर वापस लौटने को लेकर उनसे फोन पर लगातार संपर्क बनाए हुए हैं।


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