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    आत्महत्या के मामलों में मानसिक तनाव होता है बड़ा कारण, इसका समय पर उपचार है बहुत जरूरी, यह रखें ध्यान

    Updated: Fri, 05 Sep 2025 06:46 PM (IST)

    Bijnor News आत्महत्या की बढ़ती घटनाओं ने चिंता बढ़ा दी है। किशोरों से लेकर शिक्षित लोग तक तनाव और पारिवारिक समस्याओं के कारण आत्महत्या कर रहे हैं। मनोचिकित्सक तनाव से बचने सामाजिक संबंध मजबूत करने और समस्याओं को साझा करने की सलाह देते हैं। उनका कहना है कि नकारात्मक विचारों को पहचानकर सही समय पर मदद लेना आवश्यक है।

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    मामूली बातों का तनाव ले रहा जान (सांकेतिक फोटो)

    जागरण संवाददाता, बिजनौर। आत्महत्या एक बड़ी समस्या बनती जा रही है। किशोर से लेकर शिक्षित वर्ग के लोगों के आत्महत्या करने के मामले भी सामने आ रहे हैं। जिले में पिछले एक महीने में लोगों ने आत्महत्या का कदम उठाया है। मनोचिकित्सकों का कहना है कि इसका बड़ा कारण तनाव है। इसका समय पर उपचार बहुत जरूरी है।

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    एक माह में दस से अधिक लोग कर चुके हैं आत्महत्या

    पिछले एक माह में दस से अधिक लोग आत्महत्या कर चुके हैं। तीन सितंबर को सदर तहसील के नायब तहसीलदर ने लाइसेंसी पिस्टल से गोली मारकर आत्महत्या कर ली थी। एक सप्ताह पहले बीएसएफ के जवान ने बेटे के साथ 23 अगस्त को गंगा में कूदकर कर जान दे दी है। एक सप्ताह पहले गांव झलरा में किशोरी ने फांसी लगा ली थी।

    शुक्रवार को भी एमआर ने फांसी लगाकर जान दे दी। लगातार हो रही घटनाओं से समाज को एक बार सोचने के लिए मजबूर कर दिया है। मामूली बात और तनाव पर जान देने से परहेज नहीं किया जा रहा है।

    मेडिकल अस्पताल के मनोरोग विशेषज्ञ डाक्टर नितिन कुमार ने बताया कि तनाव, घबराहट, बाइपोलर डिसआर्डर और नशे की लत में लोग आत्महत्या करते हैं। पारिवारिक समस्या पर व्यक्ति यह कदम उठा रहा है। एंकाकी जीवन से बचें और समाज में मिलजुलकर रहें।

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    आत्महत्या से बचने के लिए यह रखें ध्यान

    - तनाव के समय दोस्तों और करीबियों में बैठें

    - सामाजिक संबंध अच्छे और मधुर बनाएं

    -बीमारी का इलाज कराएं और तनाव न लें

    - प्रेरणादायक कहानियां और स्पीच सुनें

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    - एकांकी होने से बचें और अकेला नहीं रहने दें

    - समस्या को अपने परिवार और करीबियों में शेयर करें

    आत्महत्या से पहले आने वाले नकारात्मक विचार

    - अचानक व्यक्ति के विचार बदलने लगते हैं

    - वह निराशा भरी बातें करने लगता है

    - बच्चों को दुलार करता है और व्यवहार बदल जाता है

    Disclaimer: लेख में उल्लिखित सलाह और सुझाव सिर्फ सामान्य सूचना के उद्देश्य के लिए हैं और इन्हें पेशेवर चिकित्सा सलाह के रूप में नहीं लिया जाना चाहिए। कोई भी सवाल या परेशानी हो तो हमेशा अपने डाक्टर से सलाह लें।

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