UP crime News : घर के बाहर बैठे किसान की लाठी से पीटकर हत्या, गंभीर होती बिजनौर पुलिस तो बच सकती थी जान
Murder in Bijnor बिजनौर के सेह गांव में पुरानी रंजिश के चलते एक किसान चमन सिंह की लाठी से पीट-पीट कर हत्या कर दी गई। मृतक का आरोपित से पहले भी विवाद हुआ था जिसकी शिकायत पुलिस में की गई थी लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। घटना के बाद ग्रामीणों ने पुलिस पर लापरवाही का आरोप लगाया है।

संवाद सूत्र, जागरण, शिवाला कला (बिजनौर)। शिवाला कला क्षेत्र के गांव सेह निवासी किसान की रंजिश के चलते शनिवार को लाठी से पीट-पीट कर हत्या कर दी। घटना के समय किसान अपने घर के बाहर बैठा था, तभी आरोपित पक्ष ने हमला कर दिया। आरोपित पक्ष से पीड़ित पक्ष का आठ दिन पहले भी विवाद हुआ था। अब हत्या के बाद पुलिस ने जांच शुरू की है।
गांव सेह निवासी चंद्रपाल का 45 वर्षीय पुत्र चमन सिंह गांव में खेती करता था। आठ दिन पहले चमन सिंह का गांव के ही हरदीप से किसी बात को लेकर विवाद हो गया था। दोनों पक्षों में मारपीट भी हुई और पुलिस से शिकायत की गई, लेकिन तब कोई कार्रवाई नहीं की गई थी। इसके बाद से ही हरदीप पक्ष चमन सिंह से रंजिश रखने लगा था।
शनिवार दोपहर करीब दो बजे चमन अपने घर के पास ही बैठा हुआ था। आरोप है कि आरोपित हरदीप अपने कई साथियों के साथ पहुंचा और चमन सिंह पर हमला कर दिया। चमन के भाई पवन सिंह ने बताया कि आरोपित ने अचानक चमन पर लाठी से हमला कर दिया और उसे जमकर पीटा। मुहल्लेवासियों ने चमन सिंह को बचाने का प्रयास भी किया, लेकिन आरोपितों ने उन्हें भी जान से मारने की धमकी देकर फरार हो गए।
सूचना पर गांव पहुंची पुलिस घायल चमन को स्वजन की मदद से नूरपुर सीएचसी ले गई जहां से उसे जिला मेडिकल अस्पताल रेफर कर दिया गया। रास्ते में चमन की मौत हो गई। स्वजन शव को वापस थाने ले गए और पुलिस पर भी लापरवाही का आरोप लगाया। उधर, किसान की मौत होने के बाद पुलिस ने गांव पहुंचकर प्रकरण की जांच शुरू कर दी है। मृतक किसान का एक बेटा राजन है। थाना प्रभारी राकेश कुमार ने बताया कि प्रकरण की जांच की जा रही है। अभी पीड़ित पक्ष ने तहरीर नहीं दी है।
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आठ दिन पहले हुआ था विवाद
आठ दिन पहले भी दोनों पक्षों में विवाद हुआ था और मारपीट भी हुई थी। तब ग्रामीणों ने दोनों पक्षों को शांत कराया। आरोप है कि तब पीड़ित पक्ष की शिकायत पर पुलिस भी गांव आई थी, लेकिन कोई कार्रवाई किए बिना ही गांव से वापस लौट गई थी। अब आठ दिन बाद अचानक आरोपित पक्ष ने किसान पर हमला कर उसे मौत के घाट उतार दिया। अगर पुलिस आठ दिन पहले ही प्रकरण को लेकर गंभीर होती तो शायद किसान की जान बच सकती थी।
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