Bijnor: मालन नदी का रपटा टूटा, गांवों में घुसा पानी, खतरे के निशान के ऊपर गंगा, हरिद्वार मार्ग अब भी बंद
Bijnor News बिजनौर में पहाड़ों पर लगातार बरसात के कारण नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। मालन नदी का रपटा टूटने से लगभग दो दर्जन गांवों में पानी भर गया है जिससे लोगों में दहशत है। गंगा नदी अभी भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है जिससे जलीलपुर क्षेत्र में सड़कों पर पानी आ गया है। हरिद्वार मार्ग बंद होने से यातायात प्रभावित हुआ है।

जागरण संवाददाता, बिजनौर। पहाड़ों पर बरसात से जिले में नदियां बेकाबू हो गई हैं। मालन नदी का रपटा टूटने से दो दर्जन से अधिक गांवों में मालन का पानी घुस गया है। गंगा अब भी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। जलीलपुर क्षेत्र में दत्तियाना मार्ग पर दो से तीन फीट पानी आ गया है। मालन का पानी सड़क पर आने से हरिद्वार मार्ग अभी भी बंद है। जिले में हजारों हेक्टेयर भूमि में खड़ी फसल नदियों के पानी से जलमग्न हो चुकी हैं।
गांव हमीदपुर के सामने बना रपटा टूटा
पहाड़ों पर बरसात से मालन नदी पहले ही उफन रही थी। बुधवार तड़के रात लगभग दो बजे मालन नदी पर गांव हमीदपुर के सामने बना रपटा टूट गया। मालन का पानी रपटे से ऐसे निकला जैसे किसी टूटे बांध से निकलता है। दो से तीन घंटे के अंदर ही मालन का पानी आसपास के धारूवाला, मंडावली, काजीवाला, सेवरारामपुर, ब्रहमपुरी, इटावा सहित दो दर्जन गांवों में भर गया।
बाढ़ आने के शोर से मची चीख पुकार
एकदम से पानी आने से गांव के लोगों में बाढ़ आने का शोर मच गया और चीख पुकार मच गई। ग्रामीण घरों की छत पर जा चढ़े। इन गांवों में दो से तीन फीट तक पानी आ गया है। मालन नदी का पानी मंडावर हरिद्वार मार्ग पर आने से इस मार्ग से मंगलवार को ही यातायात रोक दिया गया था। बुधवार को भी पानी की यही हालत रही।
हरिद्वार जाने वाले भारी वाहनों को किरतपुर की ओर से निकाला जा रहा था। किरतपुर मंडावर मार्ग पर सड़क बैठ गई जिससे हरिद्वार से जाने वाले मार्ग के यहां से निकलने पर रोक लगा दी गई है। अब भारी वाहनों को नजीबाबाद से निकाला जा रहा है। इससे सफर लगभग 40 किलोमीटर लंबा हो गया है। गंगा का पानी बुधवार तड़के कुछ कम हुआ था और गंगा खतरे के निशान के नीचे आई थी लेकिन आठ बजे गंगा का जलस्तर फिर से 2.26 लाख क्यूसेक पहुंच गया।
गंगा के खतरे का निशान समुद्रतल से 220 मीटर पर है जबकि गंगा 220.20 मीटर पर बह रही है। गंगा का पानी जलीलपुर क्षेत्र के कई गांवों के खेतों में गंगा का पानी आ गया है। धामपुर में भी कई कालोनी में खो नदी का पानी आ गया है। खेतों में पानी भरने से किसान पशुओं के लिए चारा भी नहीं ला पा रहे हैं।
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डीएम जसजीत कौर ने अधिकारियों की टीम के साथ बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का निरीक्षण किया। उन्होंने अधिकारियों को बाढ़ से राहत कार्य चलाने के संबंध में जरूरी दिशा निर्देश दिए।
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