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    UP flood : यूपी के इस जिले के लोगों की 1957 की यादें हुईं ताजा, खादर क्षेत्र में बाढ़ मचा रही उसी दौर जैसी तबाही

    Updated: Mon, 01 Sep 2025 07:53 PM (IST)

    Bijnor News बिजनौर के खादर क्षेत्र में इस बार अगस्त 2010 से भी अधिक विनाशकारी बाढ़ आई है जिसने लोगों की 1957 की बाढ़ की यादें ताजा कर दी हैं। ग्रामीण एक महीने से बाढ़ की मार झेल रहे हैं जिससे चारे और धान की फसलें तबाह हो गई हैं। स्कूलों में भी पानी भरने से पढ़ाई ठप है।

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    बिजनौर के रायपुर खादर गांव के स्कूल में भरा बाढ़ का पानी। जागरण

    यशपाल सिंह, जागरण, जलीलपुर (बिजनौर)। खादर क्षेत्र में इस बार अगस्त 2010 से भी अधिक विनाशकारी बाढ़ आई हैं। 2010 में 12 दिन तक क्षेत्र के ग्रामीणों ने बाढ़ की मार झेली थी, किंतु इस बार एक माह से ग्रामीण बाढ़ की मार से कराह रहे हैं। स्कूलों में पानी भरा है, जिससे बच्चों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। कई गांवों में मकानों की दीवारें गिर गई हैं और पशुओं के चारे का संकट खड़ा हो गया है। इसने 1957 में आई बाढ़ से हुई बर्बादी की याद ताजा करा दी है।

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    बुजुर्ग बताते हैं कि वर्ष 1957 में आई बाढ़ ने ग्राम भवानीपुर को तो उजाड़ ही दिया था। आर्थिक नुकसान के साथ-साथ पशु हानि भी हुई थी बाद में भवानीपुर को दूसरी जगह बसाया गया था। रायपुर खादर निवासी करतार सिंह, ओम प्रकाश सिंह, बलवीर सिंह, जलालपुर निवासी उदल सिंह, ग्राम कुमारिया निवासी सरदार सिंह, दत्तियाना निवासी बुजुर्ग उमेश त्यागी का कहना है कि इस बार आई बाढ़ अगस्त 2010 व वर्ष 2013 में केदारनाथ त्रासदी के समय आई बाढ़ से भी अधिक विनाशकारी है।

    एक माह से बाढ़ का पानी खादर के कई गांवों के इर्द-गिर्द भरा है। ग्रामीण अपने-अपने घरों में कैद होकर रह गये हैं।

    बाढ़ से चारे व धान की फसल तबाह हो गई। वहीं गन्ने की फसल बर्वाद होने के कगार पर पहुंच गयी हैं। एक माह से लगातार बाढ़ की चपेट में आने से कई गांवों में मकान की दीवार गिर गई या उनमें दरार आ गयी हैं। जंगलों व गांव जाने वाले मार्गों पर पानी भरा होने से पशुचारे के लिए चारे का संकट खड़ा हो गया।

    उजड़ गए थे कई गांव

    बुजुर्ग ग्रामीण बताते हैं कि इस बार आई बाढ़ ने 1957 में आई त्रासदी भरी बाढ़ की याद ताजा करा दी। जुलाई 1957 में बाढ़ से कई गांव उजड़ गए थे। ग्राम भवानीपुर को तो दूसरी जगह बसाया गया था।

    यह भी पढ़ें- बिजनौर में गंगा का जलस्तर बढ़ा, कई गांवों के घरों में घुसा पानी, ग्रामीणों को हो रही परेशानी

    बुजुर्ग खचेडु सैनी बताते हैं कि पहाड़ों पर हुई मूसलाधार बारिश से गंगा नदी में उफान आ गया था इस कारण जलीलपुर गंधौर, भवानीपुर, खानपुर, सलेमपुर, दतियाना,रायपुर खादर, सीकरी पड़ला, बेगमपुर धीवरपुरा, मीरापुर बीरोपुर माहू आदि गावों में बाढ़ का पानी घुस गया था। उस वक्त बाढ़ के चलते पशु शाला में बंधे पशु भी दलदल में फंस गए थे, उन्हें बामुश्किल बाहर निकला गया था। ग्रामीणों को कई दिन तक भूखे प्यासे रहना पड़ा था। भूख की वजह से पशुओं ने भी दम तोड़ दिया था। 

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