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    Bhadohi: फर्जी कागजात पर बैंक से 25 लाख का लोन लेकर फरार इनामी गिरफ्तार, 2022 में धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मामले दर्ज

    By Jitendra UpadhyayEdited By: riya.pandey
    Updated: Sat, 28 Oct 2023 08:51 PM (IST)

    वाराणसी के चितईपुर की विवेकानंदपुरम कालोनी के 101 नंबर फ्लैट के रजिस्ट्री प्रपत्र बैंक में बंधक रखकर अयोध्या जिले के इनायतनगर थाना के रेवना गांव निवासी लक्ष्मीशंकर मिश्र ने तीन फरवरी 2016 को भदोही यूनियन बैंक से 25 लाख का लोन करा लिया। शुरुआत में दो किस्त यानि 40 हजार रुपये उसने जमा किए उसके बाद वह फरार हो गया।

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    फर्जी कागजात पर बैंक से 25 लाख का लोन लेकर फरार इनामी गिरफ्तार

    जागरण संवाददाता, ज्ञानपुर (भदोही)। वाराणसी के चितईपुर की विवेकानंदपुरम कालोनी के 101 नंबर फ्लैट के रजिस्ट्री प्रपत्र बैंक में बंधक रखकर अयोध्या जिले के इनायतनगर थाना के रेवना गांव निवासी लक्ष्मीशंकर मिश्र ने तीन फरवरी 2016 को भदोही यूनियन बैंक से 25 लाख का लोन करा लिया। शुरुआत में दो किस्त यानि 40 हजार रुपये उसने जमा किए उसके बाद वह फरार हो गया।

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    बैंक की नोटिस जारी होने के बाद भी उसका कोई जवाब नहीं आया। बैंक अधिकारियों ने कालोनी में उक्त फ्लैट की जांच की तो वह दूसरे के नाम निकला। तत्कालीन शाखा प्रबंधक सुनील कुमार भगत ने भदोही कोतवाली में 9 फरवरी 2022 को धोखाधड़ी समेत विभिन्न धाराओं में मुकदमा दर्ज कराया।

    इस मामले में पुलिस ने लंबे समय से फरार चल रहे लक्ष्मीशंकर पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था। शनिवार को उसकी लोकेशन प्रयागराज की मिली तो पुलिस टीम ने उसे वहां के संगम हास्टल चौराहे से गिरफ्तार किया।

    25 लाख के लोन के लिए दो लोग बनें गवाह

    इस तरह की जालसाजी लक्ष्मीशंकर ने वाराणसी की उक्त कालोनी में फ्लैट खरीदने के लिए भदोही के लीलाधरपुर उचेठा निवासी विनय दुबे नामक व्यक्ति के माध्यम से बैंक से 25 लाख लोन लेने के लिए शाखा प्रबंधक से बात की। उनसे सारे कागजातों की जानकारी के बाद दोनों ने कालोनी के फ्लैट नंबर 101 की रजिस्ट्री डीड के कागज लगाए। इसमें भदोही नगर के दो लोगों गवाह भी बने। इस पर बैंक ने 25 लाख का लोन स्वीकृत कर उनके भदोही यूबीआइ के खाते में पैसा भेज दिया। खाते में पैसा आते ही तुरंत खाता खाली हो गया।

    लोन के लिए लगाए फर्जी कागजात

    बैंक ने कुछ और कागजी औपचारिकता पूर्ण करने को कहा तो उन्होंने वह कागज फर्जी लगा दिए। 20-20 हजार की दो किस्त जमा करने के बाद लक्ष्मीशंकर फरार हो गया। बैंक की नोटिस के बाद भी कोई जवाब नहीं आया तो खोजबीन की गई तो मामला जालसाजी का निकला।

    न्यायालय से वारंट जारी हुआ तो हरकत में आई पुलिस उक्त मुकदमे के संबध में न्यायालय से आरोपित को वारंट जारी हुआ तो पुलिस हरकत में आई। उसकी गिरफ्तारी को टीमों ने कई स्थानों पर दबिश दी। अंत में पुलिस अधीक्षक ने उस पर 25 हजार का इनाम घोषित किया था।

    कई मोबाइल नंबर बदल गए थे पर पुलिस की थी नजर

    पुलिस अधीक्षक डा. मीनाक्षी कात्यायन ने बताया कि आरोपित की गिरफ्तारी को कई टीमें लगी थीं। 2016 के बाद से उसके कई मोबाइल नंबर बदल चुके थे पर पुलिस नजर बनाए थी। शनिवार की उसकी लोकेशन प्रयागराज में मिली तो गिरफ्तारी हुई।

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